सोमवार, 28 अक्तूबर 2013

अगर हुंकार रैली को रद्द कर दिया जाता तब क्या होता


-शीतांशु कुमार सहाय
भारतीय जनता पार्टी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा- "सोचिए अगर रैली को रद्द कर दिया जाता तब क्या होता। हमारे नेताओं ने स्थिति का बहुत कुशलता से सामना किया। इन धमाकों में करीब 6 लोग मारे गए और करीब 80 घायल हो गए।" पटना में सिलसिलेवार 7 धमाकों के बावजूद भाजपा ने रैली को करने का सुविचारित निर्णय लिया। इन धमाकों के बाद भी पार्टी की ओर से पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित किया। नरेंद्र मोदी के हवाई पट्टी पर उतरते ही पहले धमाके की खबर आ गई थी। गुजरात पुलिस के लोग तुरंत ही नरेंद्र मोदी के पास गए और उन्हें गांधी मैदान में आयोजित हुंकार रैली में जाने से मना किया। भाजपा नेताओं ने भी नरेंद्र मोदी को रैली स्थल पर न जाने की सलाह दी थी। पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह ने अपने होटल के कमरे से धमाकों को भी देखा। और अन्य पार्टी के नेताओं से मुद्दे पर चर्चा की। जब अन्य धमाकों की खबरें भी आई तब भी नरेंद्र मोदी और पार्टी ने यह तय किया कि वह हुंकार रैली को तय कार्यक्रम के अनुसार ही चलाएंगे। पार्टी का कहना है कि यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि मुद्दा धमाकों पर न केंद्रित हो जाए। सुशील कुमार मोदी का यह भी कहना है कि यह नहीं लगना चाहिए था कि नरेंद्र मोदी की ओर से यह भी संदेश नहीं जाना चाहिए था कि वह पटना से दूर भाग रहे हैं। कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह ने पार्टी के नेताओं से आग्रह किया कि मौके पर किसी भी प्रकार से भगदड़ नहीं होनी चाहिए। सुशील कुमार मोदी ने कहा- "रैली स्थल पर सुरक्षा इंतजाम में तमाम खामियां थी।"

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