बुधवार, 30 जुलाई 2014

रेडियोएक्टिव हैं राँची की चट्टानें, रहना अस्वास्थ्यकर / Ranchi Rocks are Radioactive, Remain Unhealthy

राँची का टैगोर हिल

-शीतांशु कुमार सहाय
झारखण्ड की राजधानी राँची की एक सड़क का नाम ‘रेडियम रोड’ यूँ ही नहीं है। इसके नामकरण के पीछे की एक बड़ी वजह है कि राँची की चट्टानें और मिट्टी रेडियोएक्टिव हैं। क्योटो विश्वविद्यालय के रिसर्च रिएक्टर इंस्टीट्यूट की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार राँची में पोटैशियम और थोरियम का कॉन्सन्ट्रेशन बहुत अधिक है। राँची की मिट्टी में रेडियम भी मौजूद है। भूगर्भशास्त्री डॉ. नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि राँची में यूरेनियम पाये जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता; क्योंकि एक रिपोर्ट में राँची में यूरेनियम की मौजूदगी की संभावना जतायी गयी है। इस प्रकार राँची में रहना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यन्त हानिकारक है।
फेफड़े का कैंसर होने की संभावना--
डॉ. नीतीश प्रियदर्शी के अनुसार, क्योटो विश्वविद्यालय के शोध में राँची को रेडियोएक्टिविटी के लिहाज से डेंजर जोन में रखा गया है। राँची में ग्रेनाइट की चट्टानें हैं, वहाँ रेडियोएक्टिविटी का स्तर ज्यादा है। रेडियोएक्टिविटी का स्तर अधिक रहने से फेफड़े का कैंसर और कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती है। उन्होंने राँची के कुछ चुनिन्दा स्थानों में रेडियोएक्टिव विकिरण की जाँच की थी। कहीं इसका स्तर अधिक और कहीं निर्धारित सीमा से नीचे था।
यों किया जा सकता है हानि को कम--
डॉ. नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि रेडियोएक्टिविटी के एक्सपोजर को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है। पर, घरों में ग्रेनाइट की टाइल्स न लगायी जाये और वेंटीलेशन की सही व्यवस्था हो तो इसका असर बहुत हद तक कम किया जा सकता है। ग्रेनाइट की टाइल्स वाले घरों में रहनेवाले अपेक्षाकृत ज्यादा बीमार रहते हैं। उनमें साँस की अन्य बीमारियाँ भी हो सकती हैं या एलर्जी वाले रोग हो सकते हैं।


योग की साधना से अनेक सिद्धियाँ पायी जा सकती हैं / Do Yoga Can be found Accomplishments

-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay

योग में अनेक सिद्धियों की चर्चा की गयी है। यदि नियमित और अनुशासनबद्ध रहकर योग की साधना की जाए तो अनेक प्रकार की परा और अपरा सिद्धियाँ पायी जा सकती हैं। सिद्धि शब्द का सामान्य अर्थ है सफलता। सिद्धि अर्थात किसी कार्य विशेष में पारंगत होना। समान्यतया सिद्धि शब्द का अर्थ चमत्कार या रहस्य समझा जाता है लेकिन योगानुसार सिद्धि का अर्थ इंद्रियों की पुष्टता और व्यापकता होती है। सिद्धियाँ दो प्रकार की होती हैं-- एक परा और दूसरी अपरा। विषय संबंधी सब प्रकार की उत्तम, मध्यम और अधम सिद्धियाँ 'अपरा सिद्धि' कहलाती है। यह मुमुक्षुओं के लिए है। इसके अलावा जो स्व-स्वरूप के अनुभव की उपयोगी सिद्धियाँ हैं, वे योगी के लिए उपादेय 'परा सिद्धियाँ' हैं। योग मानता है कि सिद्धियाँ मोक्ष के मार्ग में बाधा न बनें; बल्कि सहायक बनें। जो योगी आम जनता के समक्ष योग के चमत्कार दिखाने लगता है, वह मार्ग से भटका योगभ्रष्ट योगी माना जाता है। योग के अभ्यास में सफलता प्राप्त करने पर साधक के मानसिक धरातल पर काफी अच्छे, उत्कृष्ट एवं अद्भुत अनुभव होते हैं। उन सिद्धियों के नाम हम यहाँ सरलरूप में प्रस्तुत कर रहे हैं जबकि योग में ये अलग नाम से प्रसिद्ध हैं ---
1. आत्मबल की शक्ति : योग के साधक का आत्मबल शक्तिशाली होना आवश्यक है जिससे योग में तेजी से सफलता मिलती है। यम-नियम के अलावा मैत्री, मुदिता, करुणा और उपेक्षा आदि पर संयम करने से आत्मबल की शक्ति प्राप्त होती है।
2. बलशाली व्यक्तित्व : आसनों के करने से शरीर तो पुष्ट होता ही है साथ ही प्राणायाम के अभ्यास से वह बलशाली बनता है। बल में संयम करने से व्यक्ति बलशाली हो जाता है। बलशाली अर्थात जैसे भी बल की कामना करें वैसा बल उस वक्त प्राप्त हो जाता है। जैसे कि उसे हाथीबल की आवश्यकता है तो वह प्राप्त हो जाएगा।
3. निरोध परिणाम सिद्धि : इंद्रिय संस्कारों का निरोध कर उस पर संयम करने से 'निरोध परिणाम सिद्धि'प्राप्त होती है। यह योग साधक के लिए आवश्यक है अन्यथा आगे नहीं बढ़ा जा सकता। उक्त सिद्धि प्राप्ति का अर्थ है कि अब आपके चित्त में चंचलता नहीं रही। नि:श्चल अकंप चित्त में ही सिद्धियों का अवतरण होता है।
4. उपवास शक्ति : योगी कई-कई महीनों तक भूख और प्यास से मुक्त रह सकता है। कंठ के कूप में संयम करने पर भूख और प्यास की निवृत्ति हो जाती है।
5. स्थिरता शक्ति : शरीर और चित्त की स्थिरता आवश्यक है अन्यथा सिद्धियों में गति नहीं हो सकती। कूर्मनाड़ी में संयम करने पर स्थिरता होती है। कंठ कूप में कच्छप आकृति की एक नाड़ी है। उसको कूर्मनाड़ी कहते हैं। कंठ के छिद्र जिसके माध्यम से उदर में वायु और आहार आदि जाते हैं उसे कंठकूप कहते हैं।
6. समुदाय ज्ञान शक्ति : शरीर के भीतर और बाहर की स्थिति का ज्ञान होना आवश्यक है। इससे शरीर को दीर्घकाल तक स्वस्थ और जवान बनाए रखने में मदद मिलती है। नाभिचक्र पर संयम करने से योगी को शरीर स्थित समुदायों का ज्ञान हो जाता है अर्थात कौन-सी कुंडली और चक्र कहाँ है तथा शरीर के अन्य अवयव या अंग की स्थिति कैसी है।
7. चित्त ज्ञान शक्ति : हृदय में संयम करने से योगी को चित्त का ज्ञान होता है। चित्त में ही नए-पुराने सभी तरह के संस्कार और स्मृतियाँ होती हैं। चित्त का ज्ञान होने से चित्त की शक्ति का पता चलता है।
8. पुरुष ज्ञान शक्ति : बुद्धि पुरुष से पृथक है। इन दोनों के अभिन्न ज्ञान से भोग की प्राप्ति होती है। अहंकारशून्य चित्त के प्रतिबिंब में संयम करने से पुरुष का ज्ञान होता है।
9. दिव्य श्रवण शक्ति : समस्त स्रोत और शब्दों को आकाश ग्रहण कर लेता है, वे सारी ध्वनियाँ आकाश में विद्यमान हैं। कर्ण-इंद्रियाँ और आकाश के संबंध पर संयम करने से योगी दिव्यश्रवण को प्राप्त होता है।
10. कपाल सिद्धि : कपाल की ज्योति में संयम करने से योगी को सिद्धगणों के दर्शन होते हैं। मस्तक के भीतर कपाल के नीचे एक छिद्र है, उसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं।
11. पंचभूत सिद्धि : पंचतत्वों के स्थूल, स्वरूप, सूक्ष्म, अन्वय और अर्थवत्तव ये पाँच अवस्‍था हैं इसमें संयम करने से भूतों पर विजय लाभ होता है। इसी से अष्टसिद्धियों की प्राप्ति होती है।
12. इंद्रिय शक्ति : ग्रहण, स्वरूप, अस्मिता, अव्वय और अर्थवत्तव नामक इंद्रियों की पाँच वृत्तियों पर संयम करने से इंद्रियों का जय हो जाता है।
13. सर्वज्ञ शक्ति : बुद्धि और पुरुष में पार्थक्य ज्ञान सम्पन्न योगी को दृश्य और दृष्टा का भेद दिखाई देने लगता है। ऐसा योगी संपूर्ण भावों का स्वामी तथा सभी विषयों का ज्ञाता हो जाता है।
14. उदान शक्ति : उदानवायु के जीतने पर योगी को जल, कीचड़ और कंकड़ तथा काँटे आदि पदार्थों का स्पर्श नहीं होता और मृत्यु भी वश में हो जाती है। कंठ से लेकर सिर तक जो व्यापाक है वही उदान वायु है।
15. तेजपुंज शक्ति : समान वायु को वश में करने से योगी का शरीर ज्योतिर्मय हो जाता है। नाभि के चारों ओर दूर तक व्याप्त वायु को समान वायु कहते हैं।
16. भाषा सिद्धि : हमारे मस्तिष्क की क्षमता अनंत है। शब्द, अर्थ और ज्ञान में जो घनिष्ट संबंध है उसके विभागों पर संयम करने से 'सब प्राणियों की वाणी का ज्ञान' हो जाता है।
17. पूर्वजन्म ज्ञान सिद्धि : जाति स्मरण का अभ्यास करने या चित्त में स्थित संस्कारों पर संयम करने से 'पूर्वजन्म का ज्ञान'होने लगता है।
18. मन: शक्ति : ज्ञान की स्थिति में संयम होने पर दूसरे के चित्त का ज्ञान होता है। यदि चित्त शांत है तो दूसरे के मन का हाल जानने की शक्ति हासिल हो जाएगी।
19. अंतर्ध्यान शक्ति : इसे आप गायब होने की शक्ति भी कह सकते हैं। कायागत रूप पर संयम करने से योगी अंतर्ध्यान हो जाता है। फिर कोई उक्त योगी के शब्द, स्पर्श, गंध, रूप, रस को जान नहीं सकता।
20. कर्म सिद्धि : सोपक्रम और निरपक्रम, इन दो तरह के कर्मों पर संयम से मृत्यु का ज्ञान हो जाता है। सोपक्रम अर्थात ऐसे कर्म जिसका फल तुरंत ही मिलता है और निरपक्रम जिसका फल मिलने में देरी होती है। क्रिया, बंध, नेती और धौती कर्म से कर्मों की निष्पत्ति हो जाती है।
21. ज्योतिष शक्ति : ज्योति का अर्थ है प्रकाश अर्थात प्रकाश स्वरूप ज्ञान। ज्योतिष का अर्थ होता है सितारों का संदेश। संपूर्ण ब्रह्माण्ड ज्योति स्वरूप है। ज्योतिष्मती प्रकृति के प्रकाश को सूक्ष्मादि वस्तुओं में न्यस्त कर उस पर संयम करने से योगी को सूक्ष्म, गुप्त और दूरस्थ पदार्थों का ज्ञान हो जाता है।
22. लोक ज्ञान शक्ति : सूर्य पर संयम से सूक्ष्म और स्थूल सभी तरह के लोकों का ज्ञान हो जाता है।
23. नक्षत्र ज्ञान सिद्धि : चंद्रमा पर संयम से सभी नक्षत्रों को पता लगाने की शक्ति प्राप्त होती है।
24. तारा ज्ञान सिद्धि : ध्रुव तारा हमारी आकाश गंगा का केंद्र माना जाता है। आकाशगंगा में अरबों तारे हैं। ध्रुव पर संयम से समस्त तारों की गति का ज्ञान हो जाता है।
25. प्रतिभ शक्ति : प्रतिभ में संयम करने से योगी को संपूर्ण ज्ञानी की प्राप्त होती है। ध्यान या योगाभ्यास करते समय भृकुटि के मध्‍य तोजोमय तारा नजर आता है। उसे प्रतिभ कहते हैं। इसके सिद्ध होने से व्यक्ति को अतीत, अनागत, विप्रकृष्ट और सूक्ष्मातिसूक्ष्म पदार्थों का ज्ञान हो जाता है।
26. परकाय प्रवेश : बंधन के शिथिल हो जाने पर और संयम द्वारा चित्त की प्रवेश निर्गम मार्ग नाड़ी के ज्ञान से चित्त दूसरे के शरीर में प्रवेश करने की सिद्धि प्राप्त कर लेता है। यह बहुत आसान है, चित्त के स्थिरता से शूक्ष्म शरीर में होने का अहसास बढ़ता है। सूक्ष्म शरीर के निरंतर अहसास से स्थूल शरीर से बाहर निकलने की इच्‍छा।
27. उड़ने की शक्ति : शरीर और आकाश के संबंध में संयम करने से लघु अर्थात हलकी रूई जैसे पदार्थ की धारणा से आकाश में गमन कर सकता है।
28. महाविदेह धारणा : शरीर से बाहर मन की स्वाभाविक वृत्ति है उसका नाम 'महाविदेह' धारणा है। उसके द्वारा प्रकाश के आवरणा का नाश हो जाता है। स्थूल शरीर से शरीर के आश्रय की अपेक्षा न रखने वाली जो मन की वृत्ति है उसे 'महाविदेह' कहते हैं। उसी से ही अहंकार का वेग दूर होता है। उस वृत्ति में जो योगी संयम करता है, उससे प्रकाश का ढँकना दूर हो जाता है।

शनिवार, 26 जुलाई 2014

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के सुझावों के लिए जारी किया mygov.nic.in पोर्टल / Prime Minister Narendra Modi Released for Public Suggestions mygov.nic.in Portal


स्वच्छ प्रशासन संचालन में जनता के सुझावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 26 जुलाई 2014 को नयी दिल्ली में mygov.nic.in नामक एक वेबपोर्टल की शुरुआत की। इस जन-केंद्रित मंच का उद्घाटन नई सरकार के 60 दिन पूरे होने के मौके पर किया गया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 60 दिनों में उनकी सरकार का अनभुव यह रहा कि कई लोग राष्ट्र-निर्माण में योगदान करना चाहते हैं और समय एवं ऊर्जा लगाना चाहते हैं। बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि mygov (mygov.nic.in) एक प्रौद्योगिकी आधारित माध्यम है जो नागरिकों को अच्छे कामकाज में योगदान करने का मौका प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा यह मंच लोगों और सरकार के बीच दूरी पाटेगा। लोकतंत्र सरकार में लोगों की भागीदारी के बगैर सफल नहीं हो सकता और यह भागीदारी सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। मोदी के अलावा संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, मंत्रिमंडल सचिव अजित सेठ, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डेइटी) सचिव आरएस शर्मा भी इस पोर्टल की शुरुआत के वक्त मौजूद थे। डेइटी का नैशनल इन्फार्मेशन सेंटर (एनआईसी) इस मंच का कार्यान्वयन और प्रबंधन करेगा। शर्मा ने इस वेबसाइट को पेश करने के बाद कहा कि मायगव नामक पोर्टल पर कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है जिन पर लोग सरकार के साथ अपने विचार साक्षा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल ज्ञान पुस्तकालय बनाने की भी पहल की जा रही है। हम लोगों से राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर उनकी राय और सुझाव मांगेंगे। इस संबंध में जल्द ही हम जानकारी देंगे। शर्मा ने कहा कि यह पोर्टल नागरिकों को चर्चा करने और काम करने दोनों का मौका मिलेगा। किसी भी व्यक्ति के विचार पर भी मंच में चर्चा की जा सकेगी। इसमें सकारात्मक टिप्पणी और विचारों का आदान-प्रदान भी किया जा सकेगा।
फिलहाल छः विषयों पर सुझाव---
फिलहाल पोर्टल प्लेटफार्म पर 6 समूह हैं जिनपर लोग अपने विचार और सुझाव दे रहे हैं। इनमें- स्वच्छ गंगा, बालिका शिक्षा, स्वच्छ भारत, कुशल भारत, डिजिटल भारत और रोजगार सृजन। शर्मा ने कहा कि नागरिक विभिन्न तरह की जिम्मेदारियों में स्वेच्छा से जुड़ने की भी पेशकश कर सकते हैं और अपनी प्रविष्टियां दे सकते हैं। इन कामों की समीक्षा अन्य सदस्य और विशेषज्ञ करेंगे। मंजूरी मिलने पर ये जिम्मेदारियां मायगव के लोग और अन्य साझा कर सकते हैं जो इसे पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर समूह में ऑनलाइन और जमीनी जिम्मेदारियों का ढांचा है जो लोग स्वयं कर सकते हैं। हर समूह का लक्ष्य है कि लोगों की भागीदारी के जरिए मात्रात्मक बदलाव लाना। शर्मा ने कहा हम तीन महीने में मायगव पर होने वाले काम की समीक्षा करेंगे और आने वाले दिनों में समूह, जिम्मेदारियां और चर्चा विषयों में इजाफा होगा। इस मंच का उपयोग व्यापक जानकारी भंडार के तौर पर किया जा सकेगा। पोर्टल सरकारी परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक आकलन मंच के तौर पर काम कर सकता है, मसलन लोग पूरी हुई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की स्थिति या सामाजिक क्षेत्र के विभिन्न कार्यक्रमों की उपलब्धता पर टिप्पणी दे सकते हैं।

शनिवार, 19 जुलाई 2014

हाफिज सईद से डॉ. वेदप्रताप वैदिक की मुलाकात और इंटरव्यू / Meeting & Interview by Dr.Ved Pratap Vaidik to Hafiz Sayid


प्रस्तुति- शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक वेदप्रताप वैदिक की मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से पाकिस्तान यात्रा के दौरान हुई मुलाकात पर देशभर में काफी बवाल मचा हुआ है। इस मुलाकात का पूरा ब्योरा दे रहे हैं स्वयं वैदिक, जो 'दैनिक भास्कर' में प्रकाशित हुआ है। वैदिक की सईद से कैसे मुलाकात हुई, उन्होंने बातचीत में इस आतंकी सरगना से किस तरह के सवाल किए और उसके जवाब क्या रहे। यही सब कुछ है वेदप्रताप वैदिक के इस आलेख और इंटरव्यू में....
''हाफिज सईद से मुलाकात अचानक तय हुई। 2 जुलाई की दोपहर मैं भारत लौटने वाला था। 1 जुलाई की शाम को कुछ पत्रकार मुझसे बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप भारत-विरोधी आतंकवाद का मुद्दा इतनी जोर से उठा रहे हैं तो आप कभी हाफिज सईद से मिले? मैंने कहा- नहीं। उनमें से लगभग सबके पास हाफिज के नंबर थे। उनमें से किसी ने फोन मिलाया और मुलाकात तय हो गई। सुबह 7 बजे इसलिए तय हुई कि मुझे लाहौर हवाई अड्डे पर 10-11 बजे के बीच पहुंचना था। मैंने कह दिया कि अगर मुलाकात देर से तय हुई तो मैं नहीं मिल सकूंगा।
इस मुलाकात के लिए मैंने न तो अपने किसी राजनयिक से संपर्क किया और न ही पा‍किस्तान के किसी नेता या अधिकारी से। इसके पहले पा‍किस्तान के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, विदेश सचिव और अनेक केंद्रीय तथा प्रांतीय नेताओं से मेरी भेंट हो चुकी थी। फौज और विदेश मंत्रालय के अनेक सेवानिवृत्त अधिकारियों से मैं मिल चुका था। मैं पाकिस्तान समेत पड़ोसी देशों में दर्जनों बार जा चुका हूं। पूरे 45 साल से मेरा यात्रा संपर्क बना हुआ है। कई पड़ोसी देशों के लोग, जो मेरे साथ भारत या विदेशों में पढ़ते थे, वे अपने-अपने देश के नेता बन गए हैं। इनमें संपादक व प्रोफेसर भी हैं। पड़ोसी देशों के टीवी चैनलों पर अक्सर मेरे कार्यक्रम होते रहते हैं, वहां के अखबार भी मेरे लेख छापते रहते हैं। पड़ोसी देशों के विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थानों में आयोजित सेमिनारों में मुझे आमंत्रित किया जाता है। इस बार भी एक भारत-पाक संवाद में मुझे आमंत्रित किया गया था। पेशे से पत्रकार हूं, इसलिए मैं इन अवसरों का उपयोग पत्रकारिता के लिए करता ही हूं। यदि बहुत ही महत्वपूर्ण हो तो उस भेंट को मैं इंटरव्यू के तौर पर लिख देता हूं, वरना अपने लेखों में इनका इस्तेमाल कर लेता हूं।
जब मैंने हाफिज सईद से मिलने की हां भरी तो वह बिलकुल अचानक थी। मेरी पहले से कोई कल्पना नहीं थी। लेकिन जब भेंट तय हो गई तो मैंने सोचा कि चाहे जो भी हो, मुझे उससे मुंबई-हमले के बारे में सीधे सवाल पूछने चाहिए। यह इंटरव्यू किसी खास अखबार के लिए पहले से प्रायोजित नहीं था। इससे पहले मैं अपने स्तंभ में दो-तीन लेख मेरी पा‍किस्तान-यात्रा पर लिख चुका हूं।
मैंने ट्विटर पर न तो हाफिज सईद का फोटो और न ही इंटरव्यू पहले दिया। इंडिया टीवी के एंकर रजत शर्मा ने कहा कि वे हाफिज पर एक घंटे का विशेष कार्यक्रम कर रहे हैं। इसमें आप क्यों नहीं बताते कि वह कैसा है, उसका दिमाग कैसे चलता है? रजत शर्मा और हेमंत शर्मा को मैंने दो-चार दिन पहले पाकिस्तान में सबसे मिलने की बात बताई थी। यदि मुझे मोदी सरकार ने भेजा होता तो अपने पत्रकार-बंधुओं या अपनी पत्नी को भी मैं क्यों बताता? यदि यह भेंट कूटनीतिक या गोपनीय होती तो सदा गोपनीय ही रहती, चाहे फिर मुझे इसकी कितनी ही कीमत चुकानी पड़ती। रजतजी के मांगने पर मैंने उसी समय ई-मेल पर हाफिज के फोटो मंगाए और उन्हें शायद डेढ़-दो घंटे पहले 'फॉरवर्ड' करवाए। दूसरे दिन सिर्फ फोटो वेबसाइट पर डाले। इस भेंट को शब्दों में बयान करता, उसके पहले ही देश में हमारे कुछ नेताओं और चैनलों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
हाफिज सईद के साथ बातचीत के दौरान मुझे इस बात का बहुत आश्चर्य हुआ कि वह मेरे तीखे सवालों से थोड़ा उत्तेजित तो हुआ, लेकिन बौखलाया बिलकुल भी नहीं। इतना भयंकर आतंकवादी संयमित कैसे रह सका? शुरू-शुरू के पांच-सात मिनट मुझे ऐसा जरूर लगा कि वातावरण बहुत तनावपूर्ण है और कहीं ऐसा न हो कि बात एकदम बिगड़ जाए। अनेक बंदूकधारी कमरे के बाहर और अंदर भी खड़े थे। मैं ऐसे दृश्य अफगानिस्तान में प्रधानमंत्री हफीजुल्लाह अमीन के साथ भी 35 साल पहले देख चुका हूं। घंटेभर की बातचीत में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन तू-तू़, मैं-मैं की नौबत नहीं आई। किन्हीं फूहड़ शब्दों का इस्तेमाल नहीं हुआ। सारी बातचीत के बाद मुझे लगता है कि हाफिज सईद का व्यक्तित्व एक पहेली है। बातचीत खत्म होने के बाद वह मुझे कार तक छोड़ने आया। मैं समझता हूं कि अदालतें, सरकार और फौज तो अपना काम करें ही, लेकिन हाफिज जैसे लोगों से किसी न किसी तरह बातचीत जारी रखी जा सकती है। मिजोरम के बागी लालडेंगा से मेरा संपर्क था जिसका फायदा देश को मिला। मेरी इस भेंट पर हंगामा होना अनावश्यक है।''


इंटरव्यू

हाफिज सईद : मैं आपके लेख पढ़ता रहा हूं और आपके टीवी इंटरव्यू भी मैंने देखे हैं। अपने बारे में थोड़ा और बताइए।
वेदप्रताप वैदिक : मैं अखबार और एक न्यूज एजेंसी का संपादक रहा हूं। विदेश नीति और अन्य विषयों पर लगभग दर्जन भर किताबें लिखी हैं। पिछले 50-55 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। आपके देश में पिछले 30-35 साल से बराबर आ रहा हूं। क्या आप मुझे अपने बारे में बताएंगे?
सईद : हां, क्यों नहीं। मेरा जन्म मार्च 1948 में हुआ। मेरे माता-पिता भारत से पाकिस्तान आए थे।

वैदिक : आप क्या बिहार के हैं, मुहाजिर?
सईद : मेरी मां रोपड़ की थीं और पाकिस्तान आकर उन्होंने मुझे जन्म दिया। इस तरह मेरा भारत से भी संबंध है।

वैदिक : यदि भारत से संबंध है तो यह बताइए कि आपने भारत पर ऐसे भयंकर हमले क्यों करवाए?
सईद : यह बेबुनियाद इल्जाम है। जब बंबई के ताज होटल की खबर मैंने टीवी पर देखी तो क्या देखा कि दो घंटे के अंदर ही अंदर मेरा नाम आने लगा। बार-बार आने लगा।

वैदिक : उसकी कुछ वजह तो होगी?
सईद : वजह बस एक ही थी। पिछली सरकार मेरे पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई थी। उसका गृहमंत्री रहमान मलिक मेरा दुश्मन था। उसने मुझे जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया।

वैदिक : उनके पास कुछ ठोस सबूत जरूर रहे होंगे?
सईद : सबूत वगैरह कोई नहीं थे। उसे सिर्फ अमेरिका की गुलामी करनी थी। सरकार का दिवाला पिट रहा था। मुझे पकड़कर अमेरिका को खुश कर दिया और बड़ी मदद ले ली। लेकिन मैंने अदालत में सरकार को चारों खाने चित्त कर दिया।

वैदिक : ये आपकी अपनी अदालतें हैं। यदि ये अंतरराष्ट्रीय अदालतें होतीं तो कुछ और बात होती। मैं आपसे पूछता हूं कि अल्लाहताला का कोई कानून आप मानते हैं या नहीं?
सईद : मैं जिहादी हूं।

वैदिक : मैं तो 'जिहादे-अकबर' को मानता हूं। इस ऊंचे जिहाद का मतलब तो मैं यही समझता हूं कि इसमें हिंसा की कोई जगह नहीं।
सईद : आप फिर मुझ पर इल्जाम लगा रहे हैं। मेरा दहशतगर्दी से कोई लेना-देना नहीं है। मैं हिंसा में विश्वास करता ही नहीं। मैं तो शुद्ध सेवा-कार्य करता हूं। मदरसे चलाता हूं, अनाथों की देखभाल करता हूं और देखिए अभी जो वजीरिस्तान से लाखों लोग भाग रहे हैं, उनकी सेवा सरकार से ज्यादा मेरे संगठन के लोग कर रहे हैं। आप चलें, खुद अपनी आंखों से देखें।

वैदिक : लेकिन आखिर संयुक्त राष्ट्र ने आपके संगठन को गैर-कानूनी क्यों घोषित किया है? अमेरिका ने आपके सिर पर करोड़ों का इनाम क्यों रखा है? भारत सरकार ने आपके खिलाफ ठोस सबूत देकर कई दस्तावेज तैयार किए हैं। उन सबका आपके पास क्या जवाब है?
सईद : (थोड़ा उत्तेजित होकर) जवाब क्या है? सारे जवाब मैं दे चुका हूं। क्या मेरे जवाबों से आप संतुष्ट नहीं हैं?

वैदिक : भारत के खिलाफ आप जबर्दस्त नफरत फैलाते हैं। मैंने खुद टीवी पर आपके भाषण सुने हैं।
सईद : और भारत जो हमारे कश्मीरी भाइयों की हत्या करता है, जो बलूचिस्तान और सिंध में दहशतगर्दी फैलाता है, वह कुछ नहीं? अफगानिस्तान को हमारे खिलाफ भड़काता है।

वैदिक : यह बिलकुल गलत है। हम उस देश की दोस्ताना मदद करते हैं। हिन्दुस्तान की जनता आपके नाम से नफरत करती है। मुंबई के रक्तपात को भुलाना मुश्किल है।
सईद : मैं हिन्दुस्तानियों की गलतफहमी दूर करना चाहता हूं।

वैदिक : इसका तो एक ही तरीका है कि आप अपना जुर्म कबूल करें और उसकी उचित सजा मांगें। यह आपकी बहादुरी होगी। आप यह रास्ता नहीं अपना सकते हैं तो माफी मांगें।
सईद : (थोड़ी ऊंची आवाज में) मैंने जब कोई जुर्म ही नहीं किया तो इन सब बातों का सवाल ही नहीं उठता।

सईद : यह बताइए कि यह नरिंदर मोदी कैसा आदमी है? इसका आना समूचे दक्षिण एशिया के लिए खतरा नहीं है?
वैदिक : इसमें कोई शक नहीं कि नरेन्द्र मोदी बहुत सख्त आदमी हैं, लेकिन मोदी साहब ने अपने चुनाव-अभियान में किसी मुल्क के खिलाफ कुछ नहीं बोला। इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ कुछ नहीं बोला। देखिए, आते ही उन्होंने अपनी शपथ-विधि में पड़ोसी देशों और खासकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाया।

सईद : क्या बुलाया? बुलाकर बेइज्जत कर दिया। आपकी विदेश सचिव ने कहा कि मोदी ने मियां नवाज को डांट लगाई?
वैदिक : मैंने मियां नवाज, आपके विदेश मंत्री और विदेश सचिव से भी यह पूछा तो उन्होंने ऐसी किसी बात से साफ इंकार किया। यह तो सिर्फ मीडिया की करतूत है।

वैदिक : हम मानते हैं कि भारत-पाक संबंधों की राह में आप सबसे बड़े रोड़े हैं। जरा संबंध सुधरते हैं कि कोई न कोई आतंकवाद की घटना घट जाती है।
सईद : मैं बिलकुल भी रोड़ा नहीं हूं। आपकी यही गलतफहमी दूर करने के लिए मैं एक बार भारत आना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि दोनों मुल्कों के ताल्लुकात अच्छे बनें। हम दोनों मुल्कों की तहजीब एक जैसी है। मैं भारत के किसी बड़े जलसे में भाषण (तकरीर) देना चाहता हूं।

वैदिक : मुझसे पाकिस्तान में लोगों ने कहा कि मोदी साहब पाकिस्तान क्यों नहीं आते। अगर आएं तो क्या आप पत्थरबाजी करवाएंगे? प्रदर्शन करेंगे? विरोध करेंगे?
सईद : (थोड़ा रुककर) नहीं, नहीं, हम उनका स्वागत (इस्तकबाल) करेंगे।

वैदिक : मैं तो उल्टा समझ रहा था?
सईद : क्या आपको हम मुसलमानों की मेहमाननवाजी के बारे में पता नहीं है? अगर हमारी सरकार उन्हें बुलाएगी तो वे हमारे मेहमान होंगे।


चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना निर्मित 500वें डब्ल्यूएजी-9एच रेलइंजन भारतीय रेल के बेड़े में शामिल / 500th Locomotive DWAG-9H Built by Chittaranjan Locomotive Works Joins the Fleet of Indian Railways


शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
कुलभूषण (सदस्य बिजली, रेलवे बोर्ड एवं पदेन सचिव, भारत सरकार) ने चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) का 18 जुलाई 2014 को दौरा किया। उन्होंने चिरेका निर्मित 500वें डब्ल्यूएजी-9एच रेलइंजन को भारतीय रेल के बेड़े में शामिल किया। उन्होंने चिरेका के विभिन्न शॉपों यथा विद्युत लोको परीक्षण शॉप,  लोको एसेम्ब्ली शॉप, कर्षण मोटर शॉप, व्हील शॉप एवं बोगी शॉप का निरीक्षण किया। उन्होंने, चिरेका में इलेक्ट्रिक लोको उत्पादन की समीक्षा की तथा कर्षण मोटर शॉप के अंदर एक नवनिर्मित वातानुकूलित वाइंडिंग सेक्सन एवं व्हील शॉप में एक सीएनसी एक्सल ग्राईंडिंग मशीन का उद्घाटन किया। बाद में, कुलभूषण ने वीआईपी सेलुन साइडिंग में चिरेका निर्मित 500वें डब्ल्युएजी-9एच रेलइंजन को भारतीय रेल के बेड़े में शामिल करने हेतु आनुष्ठानिक रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। चिरेका के महाप्रबंधक सीपी तायल एवं चिरेका के सभी वरीय अधिकारी कुलभूषण के कारखाना परिदर्शन के दौरान साथ रहे। कुलभूषण के साथ उनकी पत्नी उपस्थित थीं। कुलभूषण ने चिरेका के वरीय अधिकारियों तथा चिरेका स्टाफ काउंसिल के सदस्यों के साथ चर्चा की एवं अपने संक्षिप्त वक्तव्य में चिरेका द्वारा किये गये कार्य की प्रशंसा की।


मंगलवार, 8 जुलाई 2014

मोदी सरकार का पहला रेल बजट / FIRST RAIL BUDGET OF NARENDRA MODI'S GOVERNMENT


-शीतांशु कुमार सहाय / SHEETANSHU KUMAR SAHAY
रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने आज मोदी सरकार का पहला रेल बजट लोकसभा में पेश कर दिया। रेल बजट पेश करते समय रेल मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया और कहा कि भारतीय रेल देश की अग्रणी वाहक और अर्थव्यवस्था की बुनियाद है।
मुख्य बातें इस प्रकार हैं---
-मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर जल्द बुलेट ट्रेन चलाने का इरादा।
-नौ प्रमुख महानगरों तथा विकास केंद्रों को जोड़ने वाली उच्च गति की रेलगाड़ियां चलाने के लिए हीरक चतुभरुज की स्थापना।
-चुनिंदा नौ सेक्टरों में 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाना।
-रेलगाड़ियों में सुरक्षा के लिए तैनात रेल सुरक्षा बल के कर्मियों को मोबाइल फोन मुहैया कराया जाएगा जिससे संकट के समय यात्री उनसे संपर्क कर सकें।
-ऑनलाइन टिकट बुकिंग क्षमता बढ़ाई जाएगी और प्रति मिनट 7200 टिकट जारी की जाएंगी तथा एक साथ 1,20,000 लोग इंटरनेट से टिकट प्राप्त कर सकेंगे।
-इंटरनेट के माध्यम से प्लेटफॉर्म और अनारक्षित टिकट भी हासिल किये जा सकेंगे।
-अगले पांच साल में रेलवे पूरी तरह से कागजरहित, कंप्यूटरीकृत होगा।
-ए-1 और ए श्रेणी के सभी स्टेशनों और चुनिंदा गाड़ियों में वाई-फाई सेवाएं।
-यात्रियों के लिए मोबाइल आधारित वेक-अप कॉल और गंतव्य पर पहुंचने की मोबाइल आधारित सूचना।
-प्रसिद्ध ब्रांड के रेडी-टू-ईट भोजन की व्यवस्था शुरू करना।
-ईमेल, एसएमएस और स्मार्ट फोन के जरिये रेलगाड़ियों में स्थानीय व्यंजन मुहैया कराने के लिए बड़े स्टेशनों पर फूड कोर्ट स्थापित करना।
-टूटी हुई पटरियों और वेल्डिंग की विफलताओं का पता लगाने के लिए अल्ट्रासोनिक ब्रोकन रेल डिटेक्शन :यूबीआरडी: प्रणाली।
-सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल में 4000 महिलाओं सहित 11000 सुरक्षाकर्मियों की भर्ती।
-सभी प्रमुख स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर भिन्न रूप से सक्षम व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैटरी चालित कार।
-पार्किंग और प्लेटफॉर्म के लिए कांबो टिकट जारी करने का प्रस्ताव। रेलवे विश्रामालयों की ई-बुकिंग।
-18 नयी लाइनों के लिए सर्वेक्षण।
-पांच नयी जनसाधारण गाड़ियां, 5 प्रीमियम, 6 एसी और 27 नयी एक्सप्रेस गाड़ियां शुरू की जाएंगी। 19. आठ नयी यात्री गाड़ियां, 5 डेमू सेवाएं तथा 2 मेमू सेवाएं शुरू की जाएंगी और 11 गाड़ियों का विस्तार किया जाएगा।
-चालू परियोजनाओं की स्थिति ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।
-25 लाख रुपये या उससे अधिक की खरीद के लिए ई-खरीद अनिवार्य होगी।
-अगले दो महीने में माल डिब्बों की मांग ऑनलाइन शुरू कर दी जाएगी।
-नमक की ढुलाई के लिए जंगरोधी मालडिब्बों की शुरूआत।
-दो साल के अंदर मुंबई के लिए अतिरिक्त 864 अत्याधुनिक ईएमयू उपलब्ध कराना।
-नेशनल डेयरी बोर्ड और अमूल के साथ मिलकर विशेष दूध टैंकर गाड़ियों का प्रावधान।
-दूरदराज के रेल कर्मचारियों के बच्चों को रेलटेल ओएफसी (ऑप्टिकल फाइबर केबल) नेटवर्क के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना।
-रेलवे भूमि की जीआईएस मैपिंग और डिजिटलीकरण।
-कर्मचारी हित निधि में प्रति व्यक्ति अंशदान 500 रुपये से बढ़ाकर 800 रुपये करना।
-वातानुकूलित रेल इंजन केबिनों की व्यवस्था के लिए अध्ययन।
-स्वामी विवेकानंद के जीवन और सेवाओं को दर्शाने वाली विशेष गाड़ी चलाना।
-रेलवे की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आंतरिक राजस्व स्रोत और सरकारी वित्तपोषण अपर्याप्त होने के चलते रेल सेक्टर में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से अनुमति ली जाएगी।

जनसाधारण ट्रेनें---
1. अहमदाबाद-दरभंगा जनसाधारण एक्सप्रेस वाया सूरत
2. जयनगर-मुंबई जनसाधारण एक्सप्रेस
3. मुंबई-गोरखपुर जनसाधारण एक्सप्रेस
4. सहरसा-आनंद विहार जनसाधारण एक्सप्रेस वाया मोतिहारी
5. सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस
प्रीमियम ट्रेनें---
1. मुंबई सेंट्रल-नई दिल्ली प्रीमियम एसी एक्सप्रेस
2. शालीमार-चेन्नै प्रीमियम एसी एक्सप्रेस
3. सिकंदराबाद-हजरत निजामुद्दीन प्रीमियम एसी एक्सप्रेस
4. जयपुर-मदुरै प्रीमियम एक्सप्रेस
5. कामाख्या-बेंगलुरु प्रीमियम एक्सप्रेस
एसी एक्सप्रेस ट्रेनें---
1. विजयवाडा़-नई दिल्ली एपी एक्सप्रेस (डेली)
2. लोकमान्य तिलक टर्मिनस-लखनऊ (वीकली)
3. नागपुर-अमृतसर (वीकली)
4. नहरलगुन-नई दिल्ली (वीकली)
5. नागपुर-पुणे (वीकली)
6. निजामुद्दीन-पुणे (वीकली)
एक्सप्रेस ट्रेनें---
1. अहमदाबाद-पटना एक्सप्रेस (वीकली) वाया वाराणसी
2. अहमदाबाद-चेन्नै एक्सप्रेस (वीक में दो दिन) वाया वसाई रोड
3. बेंगलुरु-मंगलौर एक्सप्रेस (डेली)
4. बेंगलुरु-शिमोगा एक्सप्रेस (वीक में दो दिन)
5. बांद्रा-जयपुर एक्सप्रेस (वीकली) वाया नगड़ा, कोटा
6. बीदर-मुंबई एक्सप्रेस (वीकली)
7. छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस (वीक में तीन दिन) वाया बलिया, गाजीपुर, वाराणसी
8. फिरोजपुर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस (वीक में छह दिन)
9. गुवाहाटी-नहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस (डेली)
10. गुवाहाटी-मुर्कोंगसेलेक इंटरसिटी एक्सप्रेस (डेली)
11. गोरखपुर-आनंद विहार एक्सप्रेस (वीकली)
12. हापा-बिलासपुर एक्सप्रेस (वीकली) वाया नागपुर
13. हजूर साहब नांदेड़-बीकानेर एक्सप्रेस (वीकली)
14. इंदौर-जम्मूतवी एक्सप्रेस (वीकली)
15. कामाख्या-कटरा एक्सप्रेस (वीकली) वाया दरभंगा
16. कानपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस (वीक में दो दिन)
17. लोकमान्य तिलक टर्मिनल-आजमगढ़ एक्सप्रेस (वीकली)
18. मुंबई-काजीपेठ एक्सप्रेस (वीकली) वाया बल्लारशाह
19. मुंबई-पालिटाना एक्सप्रेस (वीकली)
20. नई दिल्ली-बटिंडा शताब्दी एक्सप्रेस (वीक में दो दिन)
21. नई दिल्ली-वाराणसी एक्सप्रेस (डेली)
22. पारादीप-हावड़ा एक्सप्रेस (वीकली)
23. पारादीप-विशाखापतनम एक्सप्रेस (वीकली)
24. राजकोट-रेवा एक्सप्रेस (वीकली)
25. रामनगर-आगरा एक्सप्रेस (वीकली)
26. टाटानगर-बैयप्पनहली (बेंगलुरु) एक्सप्रेस (वीकली)
27. विशाखापतनम-चेन्नै एक्सप्रेस (वीकली)
पैसेंजर ट्रेनें---
1. बीकानेर-रेवाड़ी पैसेंजर (डेली)
2. धारवाड़-डंडेली पैसेंजर (डेली) वाया अलनावर
3. गोरखपुर-नौतनवा पैसेंजर (डेली)
4. गुवाहाटी-मेंदीपाथर पैसेंजर (डेली)
5. हटिया-राउरकेला पैसेंजर
6. बाइंदूर-कासरगोड पैसेंजर (डेली)
7. रंगपाड़ा नॉर्थ-रंगिया पैसेंजर (डेली)
8. यशवंतपुर-तुमकुर पैसेंजर (डेली)
मेमू सेवाएं---
1. बेंगलुरु-रामनगरम (हफ्ते में 6 दिन)
2. पलवल-दिल्ली-अलीगढ़
डेमू सेवाएं---
1. बेंगलुरु-नीलमंगला (डेली)
2. छपरा-मंडुआडीह (हफ्ते में 6 दिन) वाया बलिया
3. बारामूला-बनिहाल (डेली)
4. संबलपुर-राउरकेला (हफ्ते में 6 दिन)
5. यशवंतपुर-होसुर (हफ्ते में 6 दिन)
पहले से चल रही ट्रेनों का विस्तार---
1. 22409/22410 आनंद विहार-सासाराम गरीब रथ एक्सप्रेस गया तक
2. 12455/12456 दिल्ली सराय रोहिल्ला-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस बीकानेर तक
3. 15231/15232 गोंदिया-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस बरौनी तक
4. 12001/12002 नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस हबीबगंज तक
5. 54602 लुधियाना-हिसा पैसेंजर सादुलपुर तक
6. 55007/55008 सोनपुर-कप्तानगंज पैसेंजर गोरखपुर तक
7. 55072/55073 गोरखपुर-थावे पैसेंजर सीवान तक
8. 63237/63238 बक्सर-मुगलसराय मेमू वाराणसी तक
9. 63208/63211 झाझा-पटना मेमू जसीडीह तक
10. 64221/64222 लखनऊ-हरदोई मेमू शाहजहांपुर तक
11. 68002/68007 हावड़ा-बेल्दा मेमू जलेश्वर तक


रेल बजट में बिहार को मिला 7 नये रेलगाड़ियों की सौगात

रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने मंगलवार को पेश किये अपने रेल बजट सबसे ज्यादा तव्वजो सुरक्षा, सुविधा और रेल की वितिय घाटों को दिया। गौड़ा ने अपने बजट भाषण में कहा कि रेल की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए निवेश की जरूरत है। किराये की नीतियां नहीं बदली गई तो घाटा बढ़ता जाएगा। किराया बढ़ाये जाने से 8 हजार करोड़ रुपए का फायदा होगा। वहीं इस रेल बजट में बिहार को जहां 7 नयी ट्रेनों की सौगात मिली है, वहीं 6 ट्रेनों का विस्तार किया गया है।
बिहार को मिलने वाली नयी ट्रेनें---
अहमदाबाद-दरभंगा, जनसाधारण एक्सप्रेस वाया सूरत
सहरसा-आनंद विहार जनसाधारण एक्सप्रेस वाया मोतीहारी
सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस
अहमदाबाद-पटना एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया वाराणसी
छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस (सप्ताह में तीन दिन) वाया बिलया, गाजीपुर, वाराणसी
कामाख्या-कटरा एक्सप्रेस (साप्ताहिक) वाया दरभंगा
छपरा-मंडुआडिह (सप्ताह में 6 दिन) वाया बिलया
मौजूदा गाड़ियों के चालन का विस्तार---
22409/22410 गया तक आनंद विहार-सासाराम गरीब रथ एक्सप्रेस
15231/15232 बरौनी तक गोंदिया-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस
55007/55008 गोरखपुर तक सोनपुर-कप्तानगंज पैसजर
55072/55073 सीवान तक गोरखपुर-थावे पैसजर
63237/63238 वाराणसी तक बक्सर-मुगलसराय मेमू
63208/63211 जसीडीह तक झाझा-पटना मेमू


पर्यटन और तीर्थाटन भी कराएगी भारतीय रेल---
अगर आपके मन में सैलानी बसता है या अर्सा हो गया अपने धर्म के तमाम स्थलों को एक साथ देखने की लालसा पाले हुए, तो बस अब अपने सूटकेस तैयार कर लीजिये, क्योंकि भारतीय रेल ने अब आपके मन की मुराद पूरी करने का इंतजाम कर दिया है। सैलानियों और विभिन्न धर्मों के तीर्थ यात्रियों के मन की मुराद पूरी करते हुए मोदी सरकार की रेल विभिन्न धर्म स्थलों और पर्यटन स्थलों को जोडने वाले सर्किट बनाएगी। रेल मंत्री सदानंद गौडा ने आज पेश रेल बजट में इस तरह के सर्किट कायम करने की घोषणा की। मां दुर्गा के विभिन्न स्थलों को जोड़ने देवी सर्किट, देश के 12ज्योतिलिगों का दर्शन कराने वाला ज्योतिलिंग सर्किट, विभिन्न ईसाई धर्म स्थलों तक ले जाने वाला क्रिश्चन सर्किट, मुस्लिम, सूफी सर्किट सिख सर्किट, बोध सर्किट, प्रसिद्ध मंदिर सर्किट जैसे रूटों की पहचान की गई है। नए बजट में इन सर्किटों के लिए विशेष पैकेज गाडियां चलाने का प्रस्ताव किया गया। इस क्षेत्र में निजी भागीदारी को भी बढावा दिया जाएगा। तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए कम दूरी की कुछ गाडियां शुरू करने का भी प्रस्ताव है। पयर्टन के लिए जो सर्किट तय किए गए हैं, वे इस प्रकार हैं...पूर्वोत्तर राज्यों में इको टूरिज्म और शैक्षिक पर्यटन। र्नाटक और महाराष्ट्र के तीर्थ स्थलों के लिए पर्यटन स्थलों को शामिल करते हुए बगलकोट, बीजापुर और सोलापुर के रास्ते गदग से पंढरपुर तक पर्यटन ट्रेन। बेंगलरू, चेन्नई, अयोध्या और वाराणसी जैसे तीर्थ तथा पर्यटन स्थलों तक जाने वाली पर्यटन ट्रेन, जो रामेशवरम से चलेगी।.स्वामी विवेकानंद के जीवन और सेवाओं को दर्शान वाली विशेष रेल।

भाषण समाप्त कर सदानंद ने छुए आडवाणी के पैर---
रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने भाषण समाप्त करने के बाद भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी के पैर छुए। रेल बजट समाप्त करने के साथ सदस्य बधाई देने के लिए गौड़ा की ओर बढ़ने लगे। गौड़ा ने कई सदस्यों की बधाई लेने के बाद मुस्कराते हुए आडवाणी के पैर छुए। आडवाणी ने उनकी पीठ थपथपाई। पार्टी के वरिष्ठ मुरली मनोहर जोशी अपनी सीट से उठकर गौड़ा के पास गए और बधाई दी। खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने भी रेल मंत्री की ओर बधाई देने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन वह सदस्यों की भीड़ बढ़ने के कारण इस पर ध्यान नहीं दे पाए।

साल भर बढ़ता रहेगा रेल किराया---
मोदी सरकार ने अपने पहले रेल बजट में भले ही रेल किराये में और बढ़ोतरी की कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन यूपीए सरकार के फैसले को जारी रखते हुए सरकार ने साल भर रेल किराया बढ़ते रहने का रास्ता साफ कर दिया है। रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने ऐलान किया है कि तेल की कीमतों के मुताबिक रेल किराया तय होगा। इस फैसले का अंजाम यह होगा कि जैसे ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ेंगीं, उसी हिसाब से किराया भी बढ़ेगा। यहां आपको बता दें कि डीजल के दाम पर से कंट्रोल खत्म करने के यूपीए सरकार के फैसले को जारी रख कर मोदी सरकार ने भी समय-समय पर रेल किराया बढ़ते रहने का विकल्प खुला रखा है। इस नीति के तहत डीजल के दाम उस वक्त तक हर महीने बढ़ते रहेंगे, जबतक इंटरनैशनल लेवल पर डीजल की कीमतों और देश में डीजल की कीमत बराबर नहीं हो जाती।

बड़ी लाभदायक है मेहंदी / MEHANDI


-शीतांशु कुमार सहाय / SHEETANSHU KUMAR SAHAY
1. मेहंदी के पत्‍तों में ऐसे तत्‍व पाये जाते हैं, जिनसे खाघ पदार्थों को दूषित करने वाले कीटाणु नष्‍ट हो जाते हैं, इसलिये हाथों में मेहंदी लगाने से कुप्रभावयुक्‍त शक्‍ति भोज्‍य पदार्थों पर अपना कोई प्रभाव नहीं डालती है। मेहंदी के चिकित्‍सीय उपयोग
2. उच्‍च रक्‍तचाप के रोगियों के त्‍लवों तथा हथेलियों पर मेहंदी का लेप समय समय पर लगाना लाभप्रद होता है। इससे अनिद्रा दूर हो कर रक्‍तचाप सामान्‍य होने लगता है।
3. ताजा हरी पत्‍तियों को पानी के साथ पीस कर लेप करने से अधिक लाभ होता है। इससे गर्मी की जलन से आराम मिलता है। तलवों पर लेप करने से नकसीर बंद हो जाती है।
4. मेहंदी के फूल उत्‍तेजक, हृदय को बल देने वाले होते हैं। इसका काढ़ा हृदय को संरक्षण करने तथा नींद लाने के लिये दिया जाता है।
5. मेहंदी के बीजों का उपयोग बुखार एवं मानसिक रोग में किया जाता है। खूनी दस्‍त में बीजों का उपचार है।
6. मेहंदी की छाल का प्रयोग पीलिया, बढे़ हुए जिगर और तिल्‍ली, पथरी, जलन, कुष्‍ठ और चर्म रोगों में किया जाता है।
7. मेहंदी के पत्‍ते सिरदर्द, खांसी, जुकाम, खुजली, कुष्‍ठ रोग, नेत्र, तिल्‍ली तथा मासिक धर्म संबन्‍धी रोग में लाभकारी होते हैं।
8. मेहंदी के चूर्ण में जरा सा नींबू का रस मिला कर हाथों एवं पैरों के नाखूनों पर इसका लेप करने से नाखूनों का खुरदरापन समाप्‍त हो कर उन में चमक आती है। पैरों में जलन तथा एडि़यों के फटने पर यह लेप लाभप्रद है।
9. जली हुई या छाले पड़ी हुई जगह पर मेहंदी का चूर्ण शहद में लिा कर लगा देने से तत्‍काल राहत मिलती है।
10. मुंह के छालों तथा गले की सूजन में मेहंदी पत्‍तों के काढ़े से कुल्‍ला करने से लाभ होता है। मेहंदी के पत्‍तों के स्‍वरस के साथ मिश्री मिला कर सेवन करने से पेशाब साफ आता है।

बुधवार, 2 जुलाई 2014

महालक्ष्म्यष्टकम् / Mahālakṣmyaṣṭakam

(देवराज इंद्र ने देवी महालक्ष्मी की स्तुति की। वह स्तोत्र 'महालक्ष्म्यष्टकं' जन कल्याण के लिए विख्यात हुआ। महालक्ष्मी की दृष्टि मात्र पड़ जाने से व्यक्ति श्री युक्त हो जाता है। प्रत्येक को इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करके प्रसन्नता प्राप्त करनी चाहिए।)

महालक्ष्म्यष्टकम्

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 1।।
नमस्ते गरूडारूढे कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 2।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 3।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 4।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 5।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 6।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि‍।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 7।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।। 8।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।। 9।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वितः।। 10।।
त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।। 11।।
|| इति इन्द्रकृतं महालक्ष्म्यष्टकं सम्पूर्णम् ||

यों करें शिव के रुद्रावतार भगवान हनुमान की पूजा / Thus the Worship of Shiva Rudrawatar Lord Hanuman

हनुमान जी के भक्तों के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से हनुमान जी की पूजा बिना त्रुटि के होती है और इच्छित मनोकामना शीघ्र पूरी होती है। सबसे पहली बात साधक को यह ध्यान रखनी चाहिए कि तन और मन की पवित्रता बनी रहे। साधना काल में एक चीज बेहद अनिवार्य है। यह है बह्मचर्य का पालन। जैसा कि विदित है कि स्वयं हनुमान जी ब्रह्मचारी रहे, इसलिए साधक का भी पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए। सिंदूर तिल के तेल में मिलाकर चढ़ाएं। सिंदूर के अलावा घिसा हुआ लाल चंदन केसर के साथ लगाना चाहिए। हनुमान जी को कमल, गेंदे और सूर्यमुखी के फूल अर्पित करने चाहिए। ये फूल लाल या पीलें हों तो अति उत्तम। 
अगर आप दिन के समय पूजा कर रहे हैं, तो नारियल का गोला, गुड़, रोटी का चूरमा, लड्डू या फिर मोटा रोट चढ़ाना चाहिए। रात के समय केला, आम या अमरूद का फल चढ़ाना चाहिए। पूजा करते समय हनुमान की की तस्वीर या प्रतिमा के नेत्रों की ओर देखते हुए मंत्र जाप करना चाहिए। साधना के समय हनुमान जी के रूप का ध्यान मन में करें। ध्यान इस तरह लगाएं कि नेत्र बंद कर लेने के बाद भी हनुमान का विग्रह ही नजर आए। हनुमान जी की भक्ति के लिए मंगलवार को श्रेष्ठ दिन माना गया है। हालांकि शनिवार को भी पूजा-उपासना की जा सकती है। हनुमान जी की पूजा के लिए लाई गई सामग्री शुद्ध एवं बिना काम में ली हुई होनी चाहिए। सामग्री भले ही ज्यादा ना हो, लेकिन जो भी अर्पित करें वह शुद्ध और ताजा हो।