शनिवार, 28 मार्च 2015

शिकायतें दूर करेगी मोदी सरकार की 'प्रगति', ‘ई-क्रांति’ का मंजूरी / PRAGATI LAUNCHED, E-REVOULATION (e-kranti) READY ON


-4500 करोड़ रुपये की लागत से देश में बनेंगे 73 सुपर कंप्यूटर
-शीतांशु कुमार सहाय
मोदी सरकार ने सूचना तकनीक के माध्‍यम से आम जनता की शिकायतें दूर करने के लिए प्रगति नाम की एक नई प्रणाली शुरू की है। यहाँ PRAGATI का मतलब (प्रो एक्‍टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इंप्‍लीमेंटेशन) है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 25 मार्च 2015 को इस प्रणाली का शुभारंभ नई दिल्‍ली में किया। प्रगति‍ एक इंट्रेक्टिव ऑनलाइन प्‍लेटफार्म है जिसके जरिए न सिर्फ शिकायतों की सुनवाई होगी; बल्कि उनका समाधान और सरकारी योजनाओं की निगरानी भी की जा सकेगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय ई-गवर्नेस प्लान (एनईजीपी) के अगले चरण ‘ई-क्रांति’ को भी मंजूरी दे दी है। इसके जरिए कई प्रकार की सरकारी सेवाएं ऑनलाइन मुहैया कराने पर जोर दिया जाएगा। प्रगति की लांचिंग के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेमौमस बारिश से किसानों को हुए नुकसान, परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन की स्थिति, स्‍वच्‍छ भारत अभियान समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। करीब दो घंटे चले इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 20 से ज्‍यादा लोगों की शिकायतें सुनी और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री हर महीने के चौथे बुधवार 3.30 बजे प्रगति के जरिए मंत्रालय के सचिवों और राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों के साथ कॉन्फ्रेन्स करेंगे। इस आयोजन को प्रगति दिवस नाम दिया गया है।
-तीन तकनीकों पर आधारित जन शिकायत प्रणाली
प्रगति नाम की जन शिकायत प्रणाली डिजिटल डेटा मैनेजमेंट, वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग और जिओ-स्‍पेशियल तकनीकों की मदद से तैयार की गई है। इसके जरिए केंद्र और राज्‍य सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के बीच सीधा संपर्क हो सकेगा। इसमें संबंधि‍त मुद्दों से जुड़ी पूरी जानकारी, डेटा, विजुअल और ग्राउंड रिपोर्ट भी रहेगी। केंद्र और राज्‍य सरकारों को मिलाकर टीम इंडिया बनाने की दिशा में यह मोदी सरकार का अहम कदम साबित हो सकता है।
-प्रगति (PRAGATI) के तीन स्‍तर
इस आधुनिक शिकायत निवारण प्रणाली के जरिए जनता की शिकायतों की सुनवाई और उनके समाधान के अलावा सरकारी योजनाओं के कार्यान्‍वयन और परियोजनाओं की समीक्षा की जा सकती है। यह सिस्‍टम तीन स्‍तर पर काम करेगा जिससे प्रधानमंत्री कार्यालय, मंत्रालयों के सचिव और राज्‍यों के मुख्‍य सचिव जुड़े रहेंगे। प्रगति पर आनेवाली शिकायतों और समस्‍याओं पर संबंधित मंत्रालय और राज्‍य सरकार कार्रवाई का ब्‍योरा भी उपलब्‍ध कराएंगी।
-ई-गवर्नेंस प्‍लान की जगह लेगी ‘ई-क्रांति’
25 मार्च 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की हुई बैठक में ई-क्रांति के नाम से राष्ट्रीय ई-गवर्नेस प्लान (एनईजीपी) के अगले चरण को मंजूरी दी गई। इसके जरिए आम जनता को शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी कई सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्‍ध कराई जाएंगी। सरकार ने 4500 करोड़ रुपये की लागत से देश में 73 सुपर कंप्यूटर बनाने का फैसला किया है। इसके लिए सुपर कंप्यूटिंग मिशन को मंजूरी दी गई है।

आरोग्यभारत की ओर से रामनवमी की असीम शुभकामनाएँ! / Limitless Ramnavmi Greetings from Arogybart !


गुरुवार, 26 मार्च 2015

हनुमान जयंती 2015 पर चंद्रग्रहण का योग / LUNAR ECLIPSE ON HANUMAN JAYANTI 2015


सालों बाद इस साल 2015 में हनुमान जयंती के दिन चंद्रग्रहण लग रहा है। चंद्रग्रहण के चलते पूजा-पाठ प्रभावित होगा। 4 अप्रैल 2015 शनिवार को दोपहर 3:46 बजे चंद्रग्रहण लग रहा है। इसका असर देशभर में रहेगा। यह ग्रहण हस्त नक्षत्र एवं कन्या राशि में होगा अत: हस्त नक्षत्र एवं कन्या राशि को कष्टप्रद है। ग्रहण देश के अलावा श्रीलंका, भूटान, नेपाल, चीन, बांग्लादेश में भी दिखाई देगा। 3:46 बजे सूतक, 5:28 बजे  मध्यकाल, 5:33 बजे अंत तथा 7:15 बजे मोक्ष होगा। 3:46 से 7:15 बजे तक चंद्रग्रहण का असर रहेगा। जो भक्त दिन में पूजा, दर्शन नहीं कर पाए उन्हे 7:15 बजे हनुमानजी का दर्शन होगा। सूतककाल में मंदिरों के पट बंद रहेंगे। इसी दिन शाम 6:17 बजे चंद्र उदय होगा। पूर्वोत्तर राज्यों में जल्द सूर्योदय होता है और अस्त भी जल्द हो जाता है, इसलिए मेघालय में चंद्रग्रहण अच्छे से दिखाई देगा। हनुमान जयंती पर चंद्रग्रहण का योग 2015 में बीस साल बाद बना है। पिछली बार 15 अप्रैल 1995 को हनुमान जयंती पर चंद्रग्रहण का योग बना था। गत 65 वर्षों में कई बार हनुमान जयंती पर चंद्रग्रहण के योग बने हैं। 2 अप्रैल 1950, 24 अप्रैल 1967, 15 अप्रैल 1995 में चंद्रग्रहण लगा था। 25 अप्रैल 2013 को भी ग्रहण था लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं दिया। इसके अलावा 25 अप्रैल 2032 और 14 अप्रैल 2033 को भी हनुमान जयंती पर खग्रास चंद्रग्रहण के योग हैं।

रविवार, 22 मार्च 2015

भारत उत्पादक राष्ट्र होगा और दुनिया बनेगी बाजार : रघुवर / India will become productive nation and world markets : Raghuvar




-झारखंड के युवाओं को हुनरमंद बनाने, रोजगार से जोड़ने पर बल
-झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाइटी और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के बीच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर / Between Jharkhand Skill Development Mission Society and the National Skill Development Corporation signed agreement
-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भारत बाजार नहीं उत्पादक राष्ट्र होगा और दुनिया बाजार बनेगी। ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता के लिए ‘मेक इन झारखंड’ को जमीन पर उतारना होगा; ताकि युवाओं के सपनों को धरती पर उतारा जा सके। उन्होंने कहा कि झारखण्ड के पास प्राकृतिक संपदा के साथ-साथ उन्नत मानव संसाधन है जिसे हुनरमंद बनाकर रोगजार से जोड़ना है। श्री दास रविवार को राँची के बीएनआर होटल में झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाइटी और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के बीच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने वैश्वीकरण के इस युग में हुनर की महŸाा को रेखांकित करते हुए कहा कि इस दौर में डिग्री की अपेक्षा हुनर की ही मांग है। अभी झारखण्ड सरकार में 17 विभागों द्वारा युवाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। युवाओं को हुनर देकर उग्रवाद को समाप्त किया जाना है। उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षों में झारखण्ड  विकसित राज्य के क्षेणी में आएगा, साथ ही आगामी 10 वर्षो में यह देश का सबसे धनी राज्य होगा। राज्य में सेना, अर्द्धसैनिक बलों एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों की नौकरी के इच्छुक युवाओं के लिए डिफेंस यूनिवर्सिटी की स्थापना की जायेगी।

हुनर है तो कदर है : रूडी

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी राज्यों के युवाओं को हुनरमंद बनाना होगा, साथ ही इस मानसिकता को बदलना होगा कि सरकारी नौकरी में ही भविष्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए झारखण्ड के युवाआंे का कौशल विकसित जरूरी है। श्री रूडी ने कहा- मुझे उस दिन का इंतजार है जब वैवाहिक विज्ञापनों में मास्टर पलंबर, मास्टर क्राफ्ट्स मैन जैसे दुल्हों की माँग हो। झारखंड के गढ़वा एवं बिहार के पूर्णिया जिले से युवाओं का सर्वाधिक पलायन हो रहा है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम रेलवे एवं रक्षा मंत्रालय से बात कर रहा है; ताकि रेलवे के ही परिसर में रेलवे में कार्य करने वाले परिवारों के युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा सके। 
सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर
झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी की ओर से प्रबंध निदेशक आरपी सिंह तथा राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की ओर से मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अतुल भटनागर ने सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुदर्शन भगत, मंत्री ग्रामीण विकास नीलकंठ सिंह मुण्डा, चतरा के सांसद सुनील सिंह, मुख्य सचिव राजीव गौबा,विकास आयुक्त आरएस पोद्दार प्रधान सचिव योजना एवं विकास अरूण कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

भाई की शादी समारोह में बहन रीना / SISTER REENA IN BROTHER'S MARRIAGE CELEBRATION


भाई की शादी में बहन भी खूब सजती है। पत्नी रीना को देखकर मुझे ऐसा ही लगा। दरअसल, मेरे छोटे साले की शादी 11 फरवरी 2015 को थी। उसी दौरान का यह चित्र है।

शुक्रवार, 20 मार्च 2015

आरोग्य भारत की ओर से नवसम्वत्सर 2072 की शुभकामनाएँ ! / HAPPY VIKRAM SAMVAT 2072 BY AROGYA BHARAT

आरोग्य भारत की ओर से नवसम्वत्सर 2072 की शुभकामनाएँ !

नवसम्वत्सर २०७२ का अभिनन्दन ! विक्रम सम्वत् २०७२ की हार्दिक शुभकामनाएँ! / HAPPY VIKRAM SAMVAT 2072


-शीतांशु कुमार सहाय
विक्रम सम्वत् का २०७२ के प्रथम दिवस में नवीन उत्साह और नये स्वप्नों के साथ आपका स्वागत है! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ! ऐसे-वैसे जैसे भी हो, विक्रम वर्ष २०७१ बीत ही गया। नूतन उल्लास के साथ आया है २०७२ जिसमें कई हसीन सितारे जड़े हैं। उन सितारों को पाने लिए, उनकी चमक-दमक को आत्मसात् करने के लिए, उसके प्रकाश से विकास का पथ प्रशस्त करने के लिए प्रयत्न तो करना ही पड़ेगा। चूँकि प्रत्येक क्षेत्र में भीड़ है, कहीं अधिक तो कहीं कम; लिहाजा लक्ष्योन्मुखी प्रयत्न करना पड़ेगा। यह प्रयत्न प्रतियोगितात्मक हो, प्रतिद्वन्द्वितात्मक नहीं। किसी से प्रतियोगिता करने का मतलब है कि हमारा प्रयत्न अपने प्रतियोगी की अपेक्षा अधिक सशक्त और अधिक लक्ष्योन्मुखी होना चाहिये। ऐसा होगा तभी सफलता मिलेगी। ऐसी सफलता स्वस्थ परम्परा का परिचायक है। प्रतियोगिता करने से परिश्रम करने की क्षमता में वृद्धि होती है। इसके विपरीत प्रतिद्वन्द्विता से द्वन्द्व अर्थात् खींचतान बढ़ती है। यह खींचतान मन में हो या किसी व्यक्ति से, दोनों ही हानिकारक हैं। किसी की सफलता या समृद्धि से जब हर्ष के बदले ईर्ष्या हो तो समझिये कि ईर्ष्या बीज रूप में मन में अंकुरित-प्रस्फुटित होकर प्रतिद्वन्द्विता को उत्पन्न कर देगी।
नये वर्ष में लक्ष्य निश्चित करते समय यह भी निर्धारित करें कि २०७२ के एक सितारे को पाने के लिए भी प्रतियोगिता के मार्ग पर ही अग्रसर होंगे, प्रतिद्वन्द्विता के मार्ग पर कदापि नहीं।    
नये स्वप्नों को साकार करने के लिए, हसीन जिन्दगी गुजारने के लिए वही करें जो अच्छा है। अच्छा वही है जिसे करने में आनन्द की अनुभूति हो और जिसका परिणाम भी व्यक्गित व सामूहिक रूप से सकारात्मक हो। यकीन मानिये कि अगर आप वो करेंगे जो आपको अच्छा नहीं लगता है तो आपको वो परिणाम मिलेगा जो आपको अच्छा नहीं लगेगा। जब आपको अच्छा नहीं लगेगा तब नये वर्ष के नये स्वप्न बिखर जायेंगे, पूरे नहीं होंगे।
अच्छाई और बुराई के बीच बहुत कम फासला है, पतले धागे-सी सीमा रेखा है इन दोनों के बीच। ये दोनों एक नहीं हो सकते, परस्पर विरोधी हैं दोनों। इनमें से एक को ही चुनना होगा। संगीत के क्षेत्र में एक कहावत प्रचलित है कि जो कलाकार सुर में नहीं है, वह असुर है। सदैव सुर में रहनेवाला ही लक्ष्योन्मुखी प्रयत्न कर सकता है, लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। ऐसा व्यक्ति ही विकास के शिखर से शंखनाद कर दूसरों को भी सकारात्मक प्रयत्न से लक्ष्य-प्राप्ति के लिए उत्प्रेरित कर सकता है। ऐसा आप भी कर सकते हैं, बस आवश्यकता है नये संकल्प के साथ और नकारात्मक सोच को त्यागकर लगातार आगे बढ़ जाने की, बढ़ते रहने की।
वर्ष २०७२ का पहला दिन अर्थात् चैत्र शुक्ल पक्ष प्रथमा। पर, इससे इतर जरा याद कीजिये अमावस्या को। घुप्प अन्धेरी रात, जिसमें चाँद भी दिखलायी नहीं देता। ऐसे अन्धेरे को भी नकारात्मक पक्ष मत मानिये। जिसे लोग नकारात्मक मानते हैं, उस नकारात्मकता में भी आप अपने हिस्से की सकारात्मकता खोज सकते हैं। याद रखिये कि गहन अन्धकार में सूई की नोंक-सी रोशनी का लक्ष्य भी स्पष्ट दिखायी देगा जिसे प्राप्त किया जा सकता है। पर, उजाले में, चाँदनी रात में या कृत्रिम प्रकाश-व्यवस्थाओं की चकाचौंध में सूई की नोंक-सी रोशनी का लक्ष्य नहीं दिखायी देगा और उसे प्राप्त करने की बात ही अलग है। उपस्थित होनेवाले प्रत्येक परिदृश्य से अपने विवेक के आधार पर सकारात्मक पहलू को खोजिये और उसी के सहारे आगे बढ़ जाइये। आप देखेंगे कि नकारात्मकता पीछे, काफी पीछे छुट गयी। यों दुःख की घड़ी में भी सुख के क्षण आप खोज ही लेंगे। प्यार से थोड़ा मुस्कुरा लेंगे तो दिल का बोझ घट जायेगा- सौ बरस की जिन्दगी से अच्छे हैं प्यार के दो-चार दिन!
आप किसी भी मार्ग में जैसे ही आगे बढ़ेंगे तो कई कंटक मिलेंगे, अवरोधक मिलेंगे; उन्हें पार करना होगा- संयम, धैर्य और सूझ-बूझ से। जैसे ही धैर्य कमजोर पड़ेगा, संयम का साथ नहीं मिलेगा और जीवन के मार्ग पर चलनेवाला ऐसे चौराहे पर अपने को खड़ा पायेगा, जहाँ से प्रत्येक रास्ता लक्ष्य से दूर, बहुत दूर जाता हुआ दिखायी देता है। ऐसे में पुनः धैर्य व संयम को संजोने के लिए सदाचार का साथ स्वीकारना होगा। वर्तमान परिदृश्य में अनाचार, दुराचार, भ्रष्टाचार और व्यभिचार के बीच घिरा है सदाचार। चारों ‘चार’ को जब आप नहीं स्वीकारेंगे तभी बीचवाला ‘चार’ आपके सम्मुख प्रकट होगा जिसके सहारे आप किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं, किसी भी शिखर को फतह कर सकते हैं। .....तो उत्तरोत्तर विकास की शुभकामना कीजिये स्वीकार और डूब जाइये नववर्ष २०७२ के उल्लास में!

सोमवार, 16 मार्च 2015

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शुक्रवार, 13 मार्च 2015

पोषाहार योजना के शुभारंभ के मौके पर बोले मुख्यमंत्री रघुवर दास: 12 हजार पोषण सखियों की नियुक्ति होगी / Jharkhand Chief Minister Raghuvar Das Spoke : 12 Thousand Nutrition Sakhi will be Appointed in Jharkhand

बच्चों को भोजन खिलाते मुख्यमंत्री रघुवर दास व उनके पीछे मानव संसाधन मंत्री श्रीमती नीरा यादव

-शीतांशु कुमार सहाय
-पाँच सालों में कुपोषणमुक्त झारखंड बनायेंगे
-झारखण्ड कुपोषित राज्य की गिनती में दूसरे स्थान पर

झारखण्ड की राजधानी राँची में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार अप्रैल 2015 से 12 हजार पोषण सखियों की अनुबंध पर नियुक्ति करेगी जिससे आने वाले पाँच वर्षों में कुपोषणमुक्त झारखंड का निर्माण किया जा सके। वह शुक्रवार को राँची के धुर्वा स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर में मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत अतिरिक्त पोषाहार योजना का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि इस दिशा में सरकार ने राज्य के विद्यालयों में अतिरिक्त पोषाहार योजना की शुरुआत की है जिससे राज्य के 40,000 विद्यालयों के 30 लाख से अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा।
-राज्य को कुपोषणमुक्त बनाना है
उन्होंने कहा कि कुपोषणमुक्त झारखंड बनाने के लिए सरकार ने राज्य के विद्यालयों में प्रति सप्ताह तीन दिन पौष्टिक आहार योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर से ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है। स्वस्थ युवाओं से स्वस्थ समाज का निर्माण और स्वस्थ समाज से ही एक सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड कुपोषित राज्य की गिनती में दूसरे स्थान पर है, यह चिंता का विषय है। इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए  आमजनों की सहभागिता से राज्य को कुपोषणमुक्त करने के लिए हमें कार्य करना है। उन्होंने कहा कि सरकार के सीमित संसाधनों के बीच आमजन के सहयोग से ही कुपोषण जैसे कलंक से राज्य को मुक्त करना है और कुपोषणमुक्त झारखंड का निर्माण करना है।
-बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य के ड्रॉपआउट बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। बच्चों को विद्यालय भेजने में आमजन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने उपस्थित आमजन से अपील की कि वे अपने और आस-पास के बच्चों को विद्यालय जानेे के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा समाज में अशिक्षित न रहे, यह पूरे समाज का दायित्व है। उन्होंने कहा कि विद्यालीय बच्चों को ड्रेस के साथ-साथ जूता-मोजा भी उपलब्ध कराने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय ज्ञान का मंदिर  है। शिक्षक, शिक्षिकाएँ पूर्ण समर्पण के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। उन्होंने राजकीय मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विद्यालय पूरे राज्य के लिए प्रेरणास्रोत हो सकता है। इस विद्यालय को देखकर यह कहा जा सकता है कि सोच अगर बेहतर हो तो सरकारी विद्यालय भी प्राइवेट विद्यालय से किसी भी दृष्टि से पीछे नहीं रह सकता है। जगन्नाथपुर का यह विद्यालय एक उदाहरण है। इसके लिए उन्होंने विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं प्रबंधन कर्मियों को उनके कार्यों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमें विद्यालय में ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि जिससे हमारे बच्चे आगे चलकर उच्च पदों को प्राप्त करें और राज्य का नाम रौशन करें।
-भ्रष्टाचारमुक्ति का संकल्प
मुख्यमंत्री श्री दास ने राज्य की जनता को भ्रष्टाचारमुक्त पारदर्शी शासन सुलभ कराने की अपनी प्रतिबद्धता दुहराते हुए कहा कि राज्य के आमजन का यह दायित्व है कि वे शासन-प्रशासन पर पैनी नजर रखें और यदि कहीं कोई गड़बड़ी नजर आती है तो उसे बिना किसी भय के प्रकाश में लाएँ। जिस तरह मतदान आपका अधिकार है उसी प्रकार शासन, प्रशासन पर नजर रखना भी आपका अधिकार है। सरकार की योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुँचाने में सभी की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दूसरों की भलाई करना मनुष्य का फर्ज है। समाज से हम सब बहुत कुछ लेते हैं, समाज को कुछ देने की भी सोच होनी चाहिए। हमें सामाजिक कार्यों में आगे आने की आवश्यकता है।
-माता समिति की बहनों का मानदेय 1500 रुपये
उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को खाना बनाकर खिलानेवाली सरस्वती वाहिनी या माता समिति की बहनों का मानदेय 1500 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। वे भोजन बनाने का एक पुनीत कार्य कर्तव्य के रूप में लें, विद्यालयों के बच्चों को अपने बच्चों जैसा प्यार दें, सेवा भावना से कार्य करें न की नौकरी की भावना से।
-बच्चों को रघुवर ने खिलाया

विद्यालय प्रांगण में पोषाहार योजना के शुभारम्भ के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री दास ने अपने हाथों से बच्चों को खाना खिलाया। इस अवसर पर मानव संसाधन मंत्री श्रीमती नीरा यादव, हटिया विधायक नवीन जयसवाल, बड़कागांव विधायक निर्मला देवी, मानव संसाधन सचिव अराधना पटनायक, राज्यकृत मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर के स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

गुरुवार, 12 मार्च 2015

रेलवे की कम्प्लेण्ट मैनेजमेंट सिस्टम (COMS) पोर्टल सेवा शुरू, शिकायत करें 09717630982 पर / Railway Complent Management System (COMS) portal service



-शीतांशु कुमार सहाय
रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु द्वारा रेल भवन, नई दिल्ली में हाल ही में ‘कम्प्लेण्ट मैनेजमेंट सिस्टम‘ (COMS) पोर्टल सेवा शुरू की गई है। मोबाइल एप की मदद से कोई भी अपनी शिकायत का ब्योरा इस पोर्टल पर पंजीकृत कर सकता है। रेल यात्री से यह अपेक्षा की जाती है कि यात्री सेवाओं में सुधार एवं उनके बहुमूल्य सुझावों से रेलवे को इस पोर्टल द्वारा अवगत कराया जाय। www.coms.indianrailways.gov.in के URL से मोबाइल एप डाउनलोड कर रेल उपभोक्ता शिकायत या अपने सुझाव दे सकते हैं। यात्रीगण अपनी शिकायतों को बेब पेज www.coms.indianrailways.gov.in से भी दर्ज करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त मोबाइल नम्बर 09717630982 पर भी अपने मोबाइल से एस.एम.एस. द्वारा शिकायतों को दर्ज किया जा सकता है।

कम्प्लेण्ट मैनेजमेंट सिस्टम (COMS) पोर्टल की निम्न विशेषताएँ हैं :--
- मोबाइल एप आधारित शिकायत एवं सुझाव एण्ड्रायड प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।
- www.coms.indianrailways.gov.in के URL पर बेब आधारित शिकायत एवं सुझाव सुविधा।
- 09717630982 नम्बर पर शिकायत एवं सुझाव के लिये एसएमएस की सुविधा।
-COMS पोर्टल हिन्दी में भी उपलब्ध है।
       
मोबाइल एप :--
- भारतीय रेल द्वारा यात्री शिकायतों को पंजीकृत करने के लिये मोबाइल फोन एप की सुविधा।
- यह मोबाइल एप एण्ड्रायड प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।
- एण्ड्रायड 2.3.3 (और अधिक) प्लेटफार्म का उपयोग कर मोबाइल एप्लीकेशन को लागू किया जा सकता है तथा यह विण्डोज फोन 8.1 (और अधिक) पर उपलब्ध होगा।
- मोबाइल एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
- एक तीव्र एवं उपयोगी इण्टरफेस की व्यवस्था उपलब्ध है; ताकि मोबाइल फोन द्वारा शिकायतें दर्ज की जा सकें।
- शिकायतकर्ता को एक यूनिक कम्प्लेंट आई.डी. नम्बर प्रदान की जायेगी। 
- शिकायतकर्त्ता यूनिक कम्प्लेंट आई.डी.नम्बर का उपयोग कर शिकायतों की प्रगति की जानकारी ले सकते हैं। 
- शिकायतें संबंधित रेलवे के क्षेत्र में निस्तारण हेतु स्वतः ही पहुँच जायेंगी।
- शिकायतें डाटाबेस में एकत्रित रहेंगी।
- मोबाइल एप भारतीय रेल के कम्प्लेंट मैंनेजमेंट पोर्टल से लिंक रहेंगी जहाँ से शिकायतें बेबसाइट www.coms.indianrailways.gov.in तथा एस.एम.एस. (09717630982) द्वारा पंजीकृत हो जायेगी।

शिकायत नम्बर 138
उपर्युक्त के अतिरिक्त रेलयात्री अपनी शिकायतें 138 नम्बर पर भी दर्ज करा सकते हैं।

बुधवार, 4 मार्च 2015

झारखण्ड का वित्त वर्ष 2015-16 का बजट भाषण का मूल पाठ जिसे 3 मार्च 2015 को विधानसभा में मुख्यमंत्री-सह-वित्त मंत्री रघुवर दास ने पेश किया / The text of the fiscal year 2015-16 budget speech of Jharkhand Chief Minister-cum-Finance Minister

 राज्यपाल सैयद अहमद को बजट की पहली प्रति सौंपते मुख्यमंत्री रघुवर दास


शीतांशु कुमार सहाय/Sheetanshu Kumar Sahay
माननीय अध्यक्ष महोदय,
मैं आपकी अनुमति से आगामी वित्तीय वर्ष (2015-16) का बजट सदन पटल पर  उपस्थापित कर रहा हूँ। एतदर्थ मैं आपके प्रति, सदन के प्रति तथा झारखण्ड की समस्त जनता के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ ।
2.    अध्यक्ष महोदय, क्रांतिवीरों की इस धरती के समस्त उन सपूतों को नमन करता हूँ जिनके उत्सर्ग और प्रयास से न केवल यहाँ की सम्यता, संस्कृति और सामुदायिक सौहार्द को अक्षुण्ण बनाये रखने में हमें अमूूल्य सहयोग मिला है, बल्कि उन कालजयी महामानवों को भी प्रणाम करता हूँ जिन्होने इस राज्य के निर्माण के लिए अपने को न केवल मिटा दिया बल्कि अनवरत राज्य हित में जुटे रहे। ऐसे प्राःतस्मरणीय हमारे क्रान्तिकारी पुरखों में बिरसा मुण्डा, सिद्धू, कान्हू, चाँद, भैरव, बीर बुद्धु भगत, नीलाम्बर, पीताम्बर, तेलंगा खड़िया, जतरा टाना भगत, पाण्डे गणपत राय, तिलका मांझी, शेख भिखारी को पुनः स्मरण करते हुए उन्हे अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ ।
3.    अध्यक्ष महोदय, झारखण्ड की जनता ने जिस उमंग और उत्साह से इस बार हमें सरकार बनाने का मौका दिया है, मैं अपने अंतःकरण से उन्हे धन्यवाद देते हुए यह आश्वासन देना चाहता हूँ कि  आपकी अभिलाषा और आंकाक्षा को मूर्त रूप देने के लिए मेरी सरकार अपनी क्षमता का शत-प्रति-शत समर्पित करेगी और मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी न केवल संतुष्ट होगें बल्कि विकास के एक नये क्षितिज का निर्माण भी देखेंगे ।
4.    अध्यक्ष महोदय, मैंने एक नयी शुरूआत की है। राज्य के बजट का स्वरूप कैसा हो, इस विषय पर मैंने विगत 18.02.2015 को राज्य के आर्थिक विकास के धारकों के गणमान्य और अनुभवी महानुभावों के साथ एक बैठक की थी और उनकी राय और परामर्श प्राप्त किया था। इसे प्री-बजट मीटिंग वीद स्टेकहोल्डर्स के रूप में आयाजित किया गया था।  राज्य के बजट गठन के लिए यह आयोजन प्रति वर्ष समय पर हो, यह भी मेरी प्रतिबद्धता होगी ।
5.    अध्यक्ष महोदय, बजट के माध्यम से सरकार द्वारा राज्यकोषीय एवं वित्तीय प्रबंध किया जाता है। रज्य के आर्थिक एंव वित्तीय व्यवस्था के लिए बजट के महत्व से आप सभी अवगत हैं। कुशल वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से सरकार बजट को आर्थिक व्यवस्था के लिए दिशा निर्देशन के साथ-साथ लोक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण धूरी बनाकर कार्यो को तीब्र गति एवं गुणवत्ता के साथ करायेगी ।
राज्य में FRBM अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन किया जा रहा है। Fiscal Deficit GSDP के तीन प्रतिशत के सीमा के अन्दर है। वित्तीय प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए राज्य श्रोतो में बढ़ोत्तरी के लिए प्रशासनिक एवं अन्य आवश्यक Reform के लिए सरकार पूरा प्रयास करेगी। सरकार द्वारा अपने राजस्व स्रोत बढ़ाने के लिए परिवहन, वाणिज्यकर, उत्पाद से आने वाले कर में वृद्धि का आकलन थोक रेट के आधार पर किया है। कुशल एवं प्रभावी प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार अपने राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए सतत प्रयासरत रहेगी। कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया जा रहा है । खनिज रॉयल्टी यथा कोयला एवं लौह आयस्क के माध्यम से आने वाले राजस्व में भी बढ़ोतरी अपेक्षित है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा कोयला ब्लॉक के निलामी के फलस्वरूप राज्य सरकार को अतिरिक्त आय होगी । माननीय प्रधान मंत्री महोदय को भी मैं आभार व्यक्त करना चाहूँगा कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं से राज्य को संध सरकार के कर आदि में राज्यांश के रूप में अब 42 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी सुनिश्चित हो पाएगी। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूॅ कि विकास दर को बढ़ाने एवं विकास कार्यो के लिए राशि की कमी नहीं रहेगी।
6.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के विकास में अधिकाधिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य विकास परिषद का गठन किया जाएगा, जिसमें झारखण्ड के सभी माननीय सांसद तथा योजना, वित्त एवं लोक प्रशासन के विशेषज्ञों के साथ-साथ बुद्धिजीवियों और गैर सरकारी संठनों की सहभागिता रहेगी ताकि विकास के लिए समाज के सभी वर्गों के सुझाव एवं मार्ग दर्शन प्राप्त किया जा सकें। इस परिषद की प्रत्येक तिमाही पर बैठक आयोजित की जाएगी।
7.    अध्यक्ष महोदय, जिला स्तर पर भी योजनाओं के प्रभावी सूत्रण, पर्यवेक्षण एवं कार्यान्वयन हेतु जिला स्तरीय आदिवासी विकास परिषद का गठन किया जाएगा, जो उपायुक्त की अध्यक्षता में होगी तथा उक्त जिले के माननीय सांसद एवं विधायकों के अतिरिक्त विषय वस्तु विशेषज्ञ तथा स्थानीय मानकी मुण्डा / ग्राम प्रधानों इत्यादि के प्रतिनिधि सम्मिलित रहेंगे ।
8.    अध्यक्ष महोदय, राज्य शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही तथा लोक भागीदारी सुदृढ़ करने की जरूरत है, जिसके लिए हमारी सरकार कृत संकल्प है । राज्य में सूचना तकनीक का प्रभावी इस्तेमाल कर पारदर्शिता लाते हुए जन-सामान्य को सुविधाएं तथा सेवाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है । राज्य में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाएगा । आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, जन वितरण प्रणाली, जमीन म्यूटेशन आदि के लिए त्वरित रूप से ई-गवर्नेन्स के अन्तर्गत लाने के लिए कार्रवाई की जाएगी ताकि इन योजनाओं का लाभ राज्य की जनता को मिल सके ।
9.    अध्यक्ष महोदय, उपर्युक्त क्रम में राज्य सरकार के द्वारा बहुत-सी पहल की गई है । राज्य में सिविल सेवा एवं वन सेवा हेतु सिविल सर्विस बोर्ड का गठन कर दिया गया है तथा शीघ्र ही पुलिस सेवा हेतु भी सिविल सर्विस बोर्ड का गठन किया जा रहा है । राज्य सरकार के द्वारा राज्य की पुलिस सेवा को सेवोन्मुखी एवं संवेदनशील बनाने के उद्धेश्य से नया पुलिस अधिनियम बनाया जाएगा । सरकारी कामकाजों की प्रक्रियाओं के सरलीकरण एवं शक्तियों के प्रत्यायोजन की दिशा में भी सरकार ने आवश्यक पहल करते हुए जिला से लेकर राज्य सरकार के विभिन्न स्तरों को वित्तीय शक्तियां प्रत्यायोजित की है, ताकि राज्य के विकास में गति लायी जा सके।
10.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में वर्तमान में 43 विभाग कार्यरत हैं, जिन्हें तर्कसंगत तरीके से पुनर्गठित किया जा रहा है। ताकि, उपलब्ध  वित्तीय एवं मानव संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करते हुए राज्य के विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सके ।
11.    अध्यक्ष महोदय, राज्य सरकार के द्वारा राज्य के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए भी ठोस कार्रवाई की गई है तथा अगले एक वर्ष के भीतर लगभग एक लाख नियुक्तिायाँ की जाएंगी।
12.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की सवा तीन करोड़ की आबादी में 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या युवाओं की है। यह वर्ग हमारे राज्य के लिए जन पूँजी (Demographic Capital) है, जिसका सम्वर्द्धन एवं विकास हमारे राज्य के भविष्य के लिए एक संसाधन है। इसके उन्नयन, क्षमता विकास एवं लाभकारी रोजगार से राज्य का भविष्य उज्जवल होता है। इस वर्ग के क्षमता विकास एवं रोजगार के लिए राज्य में कौशल विकास मिशन स्थापित है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में लगभग सभी विभागों के द्वारा कौशल विकास के कार्यक्रम चलाए जायेंगे, ताकि इस वर्ष कम से कम 30 लाख युवाओं की क्षमता में सम्वर्द्धन कर उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक रोजगार बाजार में लाभकारी रोजगार प्राप्त करने के लायक बनाया जा सकें।
13.    अध्यक्ष महोदय, पिछले दो वर्षो में, सभी बाधाओं के वावजूद, राज्य का विकास दर देश के विकास दर से अधिक रहा है । स्थिर मूल्य पर हमारा विकास दर आठ प्रतिशत से अधिक रहा है। जबकि देश का विकास दर 4.5 प्रतिशत रहा है। लेकिन इसके वावजूद हमारी प्रति व्यक्ति आय देश के औसत से कम है। हमारा प्रयास होगा कि इस विकास दर को और तीव्र करते हुए आगामी कुछ ही  वर्षो में  राज्य की प्रति व्यक्ति आय को भारत की प्रति व्यक्ति आय के समकक्ष लाया जाय।
14.    अध्यक्ष महोदय, जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि विकास के ज्यादातर मानकों में हमारा राज्य न केवल देश के समृद्ध राज्यों से पीछे ह,ै बल्कि देश के औसत से भी पीछे है । हमारी सरकार आगामी कुछ ही वर्षो में न केवल राष्ट्रीय  विकास के सभी मानकों के स्तर को प्राप्त  करने  का प्रयास करेगी, बल्कि देश के समृद्ध राज्यों की श्रेणी में इस राज्य को स्थापित करने के लिए भी भगीरथ प्रयत्न करेगी।
15.    राष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य में जो आशा की किरणें प्रस्फुटित हो रही हैं, उनकी ज्योति से झारखंड  भी अब प्रकाशित होगा, ऐसा मेरा विश्वास है। आर्थिक विकास एक बड़ा ही व्यापक शब्द है। इसके कई  कारक हैं। कालान्तर में विकास की अवधारणा के साथ कतिपय  कारक  महत्व प्राप्त करते जाते हैं, जबकि कतिपय अपेक्षाकृत न्यून महत्व के हो जाते हैं और कई एक अग्रधावक के रूप में जुड़ भी जाते हैं। लेकिन, एक कारक जो कि किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहिए, पृष्ठभूमि कहिए या आधार कहिए, वह है, प्रशासन की प्रखरता । इसलिए दिन-प्रति-दिन के लोक प्रशासन को परिणामदायी  (result oriented ) बनाने के लिए हम कृत्त संकल्प हैं। सरकार के कार्य अमली जामा में जमीन पर उतरे,ं दिखायी पडं़े और लोगों को उसका लाभ मिले, अब यही हमारी कार्य-संस्कृति की कसौटी होगी ।
16.    अध्यक्ष माहोदय, किसी भी सरकार का बजट किसी वित्तीय वर्ष की उसकी प्राथमिकताओं को चिन्हित करता है। मुझे पूरा विश्वास है कि सदन पटल पर रखे गये आगामी वित्तीय वर्ष के बजट के दस्तावेजों के अवलोकन से सदन सहमत होगा कि राज्य के आर्थिक आयाम के प्रत्येक पहलू पर हमने गुणवŸाापूर्ण एवं परिणामदायी सोच के तहत अपने संसाधनों का सर्वोŸाम उपयोग करने के लिए उनका प्रावधान  किया है। इस बजट के अवलोकन से सदन सहमत होगा कि यह सरकार मानव  संसाधन, सामाजिक विकास एवं आधारभूत संरचना को तीव्र करने एवं सुशासन तथा जन एवं सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिवद्ध है । 
17.    अध्यक्ष महोदय, बजट में प्रावधानित सकल राशि को यदि प्रक्षेत्र के दृष्टिकोण से देखा जाएगा तो सामान्य प्रक्षेत्र के लिए रूपये सोलह हजार एक सौ पचास दशमलव पाँच दो (रूपये 16150.52 करोड़,) सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए रूपये बीस हजार चार सौ बारह दशमलव सात पाँच करोड़  (रूपये 20412.75 करोड )़ तथा आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए रूपये अठारह हजार नौ सौ उनतीस दशमलव छः आठ करोड़ (रूपये 18929.68 करोड़)े उपबंधित किए गए हैं।
18.    अध्यक्ष महोदय, बजट में प्रावधानित राशि के लिए निधि की व्यवस्था पर भी मैं सदन का ध्यान आकृष्ट करना चाहूँगा। राज्य को अपने कर-राजस्व से करीब रूपये चौदह हजार सात सौ दशमलव सात आठ करोड़ (रूपये 14700.78 करोड)़ तथा गैर-कर राजस्व से रूपये छः हजार तीन सौ चार दशमलव  एक तीन  करोड़ (रूपये 6304.13 करोड़), केन्द्रीय सहायता से रूपये पन्द्रह हजार बाईस दशमलव एक दो करोड़ (रूपये 15022.12 करोड),़ केन्द्रीय करों में राज्यांश से रूपये बारह हजार दशमलव दो सात करोड़ (रूपये 12000.27 करोड)़, लोक ऋण से रूपये  सात हजार चार सौ सोलह करोड़ (रूपये 7416.00 करोड)़ तथा उधार एवं अग्रिम की वसूली से रूपये उनचास दशमलव छः पाँच करोड़ (रूपये 49.65 करोड़ ) प्राप्त होगें ।   
19.    अध्यक्ष महोदय, अब मैं संक्षेप में सदन को राज्य की आर्थिक स्थिति से अवगत कराना चाहूँगा । वित्तीय वर्ष 2014-15 में, प्रचलित मूल्य के आधार पर झारखण्ड राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) रूपये एक लाख सतानवे हजार पाँच सौ चौदह करोड़ (रूपये 197514 करोड)़ आकलित किया गया है। यह वर्ष 2013-14 के रूपये एक लाख बहत्तर हजार सात सौ तिहत्तर  करोड़ (रूपये 172773 करोड़) की तुलना में 14.32 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। स्थिर मूल्य पर राज्य का GSDP वर्ष 2014-15 के लिए कुल रूपये एक लाख अठारह हजार सात सौ तेंतालिस करोड़ (रूपये 1,18,743 करोड़ ) अनुमानित हैै जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 8.5 प्रतिशत अधिक है।
20.    अध्यक्ष महोदय, प्रचलित मूल्य के आधार पर वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए GSDP में 14.63 प्रतिशत के विकास दर का आक्कलन किया गया है। वर्ष 2015-16 के दौरान राज्य का GSDP रूपये दो लाख छब्बीस हजार चार सौ पाँच (रूपये 2,26,405 करोड़) होने का अनुमान लगाया गया है। स्थिर मूल्य पर राज्य का GSDP 8.82 प्रतिशत के दर से  वर्ष 2015-16 में रूपये एक लाख उनतीस हजार दो सौ छब्बीस करोड़ (रूपये 1,29,226.00 करोड़) होने का अनुमान है।
21.    अध्यक्ष महोदय, प्रचलित मूल्य पर वर्ष 2014-15 में प्रति व्यक्ति आय रूपये उनसठ हजार आठ सौ सत्रह (59817.00) अनुमानित है जो कि वर्ष 2013-14 की प्रति व्यक्ति आय रूपये तिरेपन हजार सत्रह (रूपये 53017.00) की तुलना में 12.83 प्रतिशत अधिक है।
22.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की राजकोषीय स्थिति से भी सदन को अवगत कराया जाना समीचीन होगा। राज्य के अपने राजस्व में पूर्व के वर्षो की भॉति चालू वित्तीय वर्ष में भी वृद्धि होने का आकलन है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में कुल रूपये दो हजार सात सौ पाँच दशमलव चार शून्य करोड़ (रूपये 2705.40 करोड़) का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में रूपये चार हजार छः सौ चौरासी दशमलव  शून्य छः करोड़ (रूपये 4684.06 करोड़) रूपये के अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।
23.    वित्तीय वर्ष 2013-14 में राजकोषीय घाटा कुल रूपये दो हजार दो सौ बहत्तर दशमलव चार चार करोड़ (रूपये 2272.44 करोड़ ) है, जो कि राज्य के GSDP का 1.32 प्रतिशत है। आगामी वित्तीय वर्ष 2015-16 में राजकोषीय घाटा रूपये पाँच हजार एक सौ सतावन दशमलव चार सात करोड़ (रूपये 5157.47 करोड़) होने का अनुमान है, जो कि अनुमानित GSDP का 2.28 प्रतिशत है।
अध्यक्ष महोदय, अब मैं उन विभागों के लिए निर्धारित प्रावधानों पर सदन का ध्यान आकृष्ट करना चाहूँगा जो विकास और लोक कल्याण के लिए मुख्यतः जिम्मेवार हैं।

कृषि एवं गन्ना विकास विभाग---
24.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की ग्रामीण आबादी की कुल श्रमशक्ति का लगभग 66.85 प्रतिशत कृषि  पर आश्रित है। कृषि प्रक्षेत्रों में पूँजीगत परिव्यय की कमी के साथ ही कम उत्पादन की समस्या भी बनी हुई है। इसलिए कृषि क्षेत्र में संस्थागत साख प्रवाह की धीमी गति को कृषि प्रसार एवं कृषि विकास के विभिन्न कार्यक्रमों से इसे सुदृढ करने की आवश्यकता है। राज्य की ज्यादातर कृषि मौनसून आधारित होने तथा सीमित संसाधनों के बावजूद 2012-13 तथा 2013-14 में दलहन उत्पादन तथा इस वित्तीय वर्ष 2014-15 में मोटे अनाज के उत्पादन के लिए राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार दिया गया है।
25.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में कृषि प्रक्षेत्र को विकसित करने के लिए भी ठोस कार्रवाई की जाएगी । राज्य के किसानों को बीज, खाद इत्यादि उपादान को सही समय पर उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता होगी । कृषि की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए मिट्टी स्वास्थ्य जाँच कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा ।
अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल रूपये 806.00 करोड़ योजना बजट इस विभाग के लिए प्रावधानित किया जा रहा है।

पशुपालन, मत्स्य एवं गव्य विकास विभाग---
26.    अध्यक्ष महोदय, पशुपालन, मत्स्य एवं गव्य विकास प्रक्षेत्र ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर के साथ साथ ग्रामीणों के आर्थिक विकास से जुड़े हुए हैं।
27.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में पशुपालकों को अनुदान के द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। पशुपालन प्रशिक्षण संस्थाओं द्वारा कुक्कुट पालन, सूकर पालन एवं बकरी पालन का व्यावसायिक प्रशिक्षण दे कर उन्हे आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
28.    दुग्ध सहकारिता समितियों के माध्यम से महिलाओं को अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादन से जोड़ा जाएगा।
29.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की गोशालाओं के जीर्णोंधार एवं उन्हें सुदृढ़ बनाने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा ।
30.    अध्यक्ष महोदय, गो हत्या निरोधक अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा  एवं गो तस्करी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाएगा ।
31.    अध्यक्ष महोदय, विŸाीय वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय पशुधन मिशन की केन्द्र प्रयोजित योजना के अधीन पशु खाद्यान्न जाँच प्रयोगशाला की स्थापना, बैकयार्ड कुक्कुट पालन एवं पशुधन बीमा योजना आरंभ करने का प्रस्ताव है।
32.    अध्यक्ष महोदय, वर्ष 2015-16 में 24.17 लाख मेट्रिक टन दूध उत्पादन का लक्ष्य है। इस कार्य को व्यवस्थित रूप देने के लिए उसका उŸारदायित्व नैशनल डेयरी डेवलपमेन्ट बोर्ड को सौंपा गया है।
33.    अध्यक्ष महोदय, वर्ष 2015-16 में केन्द्र प्रयोजित राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना में ग्रामीण स्तर पर समेकित पशु विकास केन्द्र के माध्यम से पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि करने का प्रस्ताव है। नैशनल लाईवस्टॉक मिशन के अंतर्गत पशुपालको के कौशल विकास, प्रौद्योगिकी हस्तान्तरण और विस्तार की योजना का प्रस्ताव है।
34.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में मत्स्य पालन की असीम संभावनओं को देखते हुए केज कल्चर की सहायता से इसका उत्पादन एक लाख मेट्रीक टन से अधिक का प्राप्त कर लिया गया है। इसमे और वृद्धि प्राप्त की जा सकती है।
35.    अध्यक्ष महोदय, मत्स्य पालन की योजना को बढ़ावा देने के लिए इस कार्य में लगे मछुआरों को प्रशिक्षण, बीमा योजना एवं उनकेे लिए आवासीय योजना शुरू करने का प्रस्ताव है।
विŸाीय वर्ष 2015-16 में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के लिए पशुपालन प्रक्षेत्र के लिए 87.30 करोड़, मत्स्य प्रक्षेत्र के लिए 63.00 करोड़ तथा गव्य प्रक्षेत्र के लिए 120.00 करोड़ कुल 270.30 करोड़, यानि रूपये का योजना बजट प्रस्तावित है।

सहकारिता विभाग---
36.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में कृषक अर्थव्यवस्था के पूरक स्वरूप में सहकारिता प्रक्षेत्र अपने संस्थाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान करता है। राज्य में 2038 लैम्पस एवं 2345 पैक्स निबंधित हैं। इसके अलावे बड़े सहकारी संस्थाओं में वेजफेड, झास्कोलैम्फ, झाम्फकोफेड, झास्कोफिश, झारखंड राज्य सहकारी संघ तथा राज्य सहकारी बैंक संचालित हैं, जिसके आधारभूत संस्थाओं को क्रमिक रूप से सुदृढ़ किया जा रहा है।
37.    अध्यक्ष महोदय, सहकारिता प्रक्षेत्र की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं में संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना में अनुदान तथा क्षतिपूर्Ÿिा का प्रावधान, झारखंड राज्य सहकारी बैंक के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में डोर स्टेप बैंकिंग (Door  Step Banking)  सुविधा उपलब्ध कराना, झास्कोलैम्फ  के द्वारा लाह की खेती एवं लाह आधारित लधु उद्योगों का विकास, वेजफेड के द्वारा फल, सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों के द्वारा कौशल विकास एवं सहायता, झास्कोफेड द्वारा ग्रामीणों को लधु वन पदार्थो के विपणन की व्यवस्था मुख्यतः शामिल है।
अध्यक्ष महोदय, सहकारिता प्रक्षेत्र के लिए 2015-16 में 65.00 करोड़ रूपये के योजना का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।

ऊर्जा विभाग---
38.    अध्यक्ष महोदय, ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के साथ ऊर्जा केन्द्र के रूप में राज्य को प्रतिस्थापित करने का लक्ष्य है । इसके साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में केन्द्र सरकार की जनोपयोगी योजनओं में भी राज्य की शत-प्रति-शत भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ।
39.    राज्य सरकार के द्वारा NTPC के साथ J.V. Company स्थापित कर PTPS एवं TVNL  का जीर्णोधार तथा एक नया पावर PTPS एवं TVNL  की उपलब्ध भूमि में स्थापित किया जाएंगे जो अगले 4 वर्षो  में क्रियाशील हो जाएगा । राज्य अगले 4 वर्षो में बिजली के उत्पादन में 4000 मेगावॉट की वृद्धि करेगा। यह उर्जा प्रक्षेत्र में राज्य का एक बड़ा  कदम होगा। राज्य आत्मनिर्भर होने के साथ देश के अन्य राज्यों में विद्युत आपूर्ति कर सकेगा ।
40.    चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम येाजना लागू की जाएगी, जिसमें  60ः  राशि केन्द्रांश, 30: ऋण तथा 10ः राज्यांश का होगा ।
41.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य सरकार के द्वारा अटल ग्राम ज्योति योजना लागू की जा रही है। इसके तहत राज्य सरकार जिन गॉव टोलों में राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के तहत वी पी0 एल परिवारों को मुफ्त विद्युत संबंध दिया गया है उन गाँव टोलों में ए पी एल परिवारों को भी मुफ्त विद्युत संबंध तीन फेज लाईन लगा कर बड़ी क्षमता के 100 KVA / 200 KVA Transformer लगाकर दिया जाएगा। यह योजना प्रथम चरण मे ं राज्य के प्रत्येक 81 विधान सभा  क्षेत्रों 50 गाँवों में लागू की जाएगी।
42.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में एक नई योजना ‘‘तिलका मांझी कृषि पम्प योजना के द्वारा कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्धेश्य से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के 50 ग्रामों का चयन कर ग्रामीण कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत संयोजन  दिया जाएगा । इसके लिए 11 हजार KV  लाईन का विस्तार कर ट्रान्सफर्मर का अधिष्ठापन किया जाएगा ।
43.    अध्यक्ष महोदय, केन्द्र सरकार की 60 % सहायता से एकीकृत विद्युत विकास योजना (IPDS)  के अन्तर्गत राज्य के 30 शहरों में विद्युत का नेटवर्क सुदृढ़ किया जाएगा।
44.    अध्यक्ष महोदय, ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत के रूप में राज्य के 4423 पंचायतों एवं 260 प्रखंड मुख्यालयों में क्रमशः 01 किलोवाट तथा  02 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाने की कारवाई की जा रही है। अबतक 2251 पंचायतों एवं 256 प्रखंडों में यह कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है।
45.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य के कक्षा 10 के अनुसूचित जनजाति/ अनुसूचित जाति के 3,85,000 विद्यार्थियों को सोलर एल0ई0डी0 स्टडी लैम्प वितरित करने की योजना है, ताकि बिजली के अभाव में उनका पठन-पाठन प्रभावित न हो।
46.    अध्यक्ष महोदय, एक नई येाजना के तहत सरकार के सभी महत्वपूर्ण सरकारी भवनों तथा आस्पतालों में रूफ सोलर पॉवर प्लांट (Roof Solar Power Plant)  का अधिष्ठापन किया जाएगा। केन्द्र सरकार भी इस योजना में 30: का अंशदान करेगी।
47.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य के महत्वपूर्ण सरकारी भवनों यथाय राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, प्रोजेक्ट भवन एवं नेपाल हाउस स्थित कार्यालय, रिम्स, रिनपास, इंदिरा गाँधी बालिका विद्यालय तथा जिला स्तर पर पाँच-पाँच सदर अस्पताल, व्यवहार-न्यायालय एवं समाहरणालय भवनों में सोलर पावर प्लान्ट अधिष्ठापित करने का प्रस्ताव है।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में ऊर्जा विभाग के लिए 1490.00 करोड़ रूपये का योजना बजट प्रस्तावित है।

स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग---
48.    अध्यक्ष महोदय, राज्य सरकार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सभी के लिए सहज, सुलभ और गुणवŸाापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है। विगत वर्षांे में आधारभूत संरचनाओं का बड़े पैमाने पर निर्माण कराया गया है। चिकित्सकों एवं पारामेडिकल कर्मियों की नियुक्तियाँ हुई हैं और आगे भी नियुक्ति की दिशा में कार्रवाई चल रही है। भारत सरकार भी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के लिए विशिष्ट अभियान योजनाओं में राज्य सरकार की सहायता अलग से करती रही है, जिसका लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा हुआ है। एलोपैथी के अलावे देशी चिकित्सा की पद्वतियों के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार इस दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील है कि असाध्य रोगों की चिकित्सा के लिए राज्य में ही उच्च कोटि की सुविधाएँ अधिक से अधिक उपलब्ध हो सके।
49.    अध्यक्ष महोदय, विŸाीय वर्ष 2014-15 तक कुल-700 स्वास्थ्य उपकेन्द्र, 60 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 58 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 7 मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र, 16 ए0एन0एम0 स्कूल, 6 अनुमण्डल अस्पताल, 14 सदर अस्पताल, 3 क्षेत्रीय अस्पताल पलामू, दूमका तथा हजारीबाग, 18 सिविल सर्जन कार्यालय, 17 ए0एन0एम0 स्कूल एवं छात्रावास एवं कुछ अन्य भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं।
50.    इसके अतिरिक्त इस विŸाीय वर्ष में 208 स्वास्थ्य उप केन्द्र, 39 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 04 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 01 बी0सी0डी0 क्वार्टर, गोड्डा होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय में चहारदीवारी, प्रशासनिक भवन, 50 राजकीय आयुष औषधालय, फार्मेसी संस्थान, बरियातु में बालिका छात्रावास, रिम्स में 10 नये भवन, पी0एम0सी0एच0 में 05 नये भवन, एम0जी0एम0सी0एच0 में 06 नये भवन, 03 ए0एन0एम0 स्कूल एवं छात्रावास एवं कुछ अन्य भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।
51.    रांची में 20 सीटों वाली ’’104’’ हेल्थ इन्फॉरमेषन हेल्पलाईन कार्यरत हो गया है। इसकी स्थापना से लोगों को राज्य के किसी भी क्षेत्र से दूरभाष पर निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श प्रत्येक दिन 24 घण्टे प्राप्त हो रहे हैं।
52.    ब्राम्बे, राँची में कैन्सर हॉस्पिटल की स्थापना-स्वीकृति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
53.    राँची जिला के इटकी में पी0पी0पी0 मोड के अन्तर्गत मेडिको सिटी का निर्माण कराने की स्वीकृति प्राप्त है। इसके अन्तर्गत मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, डायगनोस्टिक सेन्टर, नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना का प्रस्ताव है।
54.    अध्यक्ष महोदय, 500 शय्यावाले सदर अस्पताल राँची तथा 300 शय्यावाले सदर अस्पताल दुमका में पी0पी0पी0 मोड पर संचालन का प्रस्ताव है। इससे इस राज्य की जनता को एक अच्छा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की सेवा उपलब्ध हो सकेगी एवं उन्हें ईलाज हेतु राज्य के बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
55.    राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेजों एवं सभी जिला अस्पतालों में एडभान्स डायग्नोस्टिक सेन्टर पी0पी0पी0 मोड पर संचालित करने का प्रस्ताव है।
56.    अध्यक्ष महोदय, इस विŸाीय वर्ष में ’’108’’ इमरजेन्सी एम्बुलेन्स सेवा प्रारंभ करने की योजना है। इससे सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को अल्प समय में निकटवर्ती अस्पतालों/स्वास्थ्य केन्द्रों में पहुँचाकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
57.    अध्यक्ष महोदय, लगलग छब्बीस  हजार नौ सौ चालीस  (26,940) सहियाओं को मुफ्त साईकल उपलब्ध कराया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यक्रमों का लाभ लोगों को पहुँचाने में सुविधा होगी।
58.    अध्यक्ष महोदय, पी0पी0पी0 मोड पर संचालित 2517 ममता वाहनों का संचालन किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ई-ममता कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएका इस कार्यक्रम के अन्तर्गत  प्रसूती महिला एवं उसके शिशू के स्वस्थ्य पर जननी सुरक्षा  कार्ड तैयार कर  छः माह तक मोनीटर किया जाएगा।  ई-ममता जननी सुरक्षा कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण अंग होगा।
59.    अध्यक्ष महोदय, कुपोषण को झारखण्ड से  खत्म करना है इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कुपोषण उपचार केन्द्रों की संख्या बढ़ाकर उन्हे और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा । 
60.    अनुसूचित जन-जाति बहुल्य क्षेत्रों में Sickle-Cell-Anaemia से बड़ी संख्या में लोग ग्रसित हैं । यह महामारी का रूप नहीं ले इसके लिए कारगर कार्रवाई की आवश्यकता है । प्रत्येक घर के लिए इस बीमारी की जाँच कर कार्ड जारी किया जाएगा । कार्ड बीमारी की गंभीरता/प्रकृति के आधार पर अलग रंग का होगा जिसके आधार पर गंभीर, सामन्य, मध्यम बीमरी की पहचान की जा सके ।
61.    अध्यक्ष महोदय, इस विŸाीय वर्ष में राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन के अन्तर्गत 414 विशेषज्ञ/अन्य चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति की कार्रवाई की जा रही है।
62.    अगले विŸाीय वर्ष में राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन के अन्तर्गत 2600 चिकित्सक/पाराचिकित्सक एवं अन्य पदों पर नियुक्ति करने का प्रस्ताव है।
63.    वित्तीय वर्ष 2015-16 में 556 एलोपैथ चिकित्सा पदाधिकारियों, आयुष के 100 शैक्षणिक पदों एवं 369 गैर-शैक्षणिक  चिकित्सा पदाधिकारियों तथा राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम में 547 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति प्रस्तावित है।
64.    अध्यक्ष महोदय, 12 से 16 आयु वर्ग के विद्यालयों में अध्ययनरत किशोरी बालिकाओं को प्रतिमाह मुफ्त सेनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराया जाएगा।
65.    अध्यक्ष महोदय, पी0एम0सी0एच0, धनबाद एवं एम0जी0एम0सी0एच0, जमशेदपुर में पारामेडिकल इंस्टीच्यूट की स्थापना की जानी है।
66.    05 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 50 स्वास्थ्य उपकेन्द्र को मॉडल स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में विकसित किया जाना है।
67.    अध्यक्ष महोदय, रांची एवं चाईबासा में पी0पी0पी0 मोड के अन्तर्गत चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की जानी है।
68.    अध्यक्ष महोदय, प्रत्येक जिला अस्पताल एवं क्षेत्रीय अस्पतालों में एक-एक यूनिट तथा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में दो-दो यूनिट डायलिसिस सेन्टर की स्थापना की जाएगी।
69.    प्रत्येक जिला अस्पताल एवं चिकित्सा महाविद्यालयों में फिजियोथेरेपी सेन्टर की स्थापना की जाएगी ।
70.    जिला अस्पतालों में महिलाओं को कैंसर संबंधी screening की मुफ्त जाँच सुविधा उपलब्ध रहेगी।
71.    हजारीबाग, पलामू, चाईबासा एवं दुमका के क्षेत्रीय अस्पतालों में पांच शय्या वाले आई0सी0यू0 की स्थापना की जाएगी।
72.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के निवासियों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार तत्पर है, जिस क्रम में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ती दरों पर सुदूर ग्रामीणों तक पहुँचानें के उद्धेश्य से निम्नलिखित नई योजनाएॅ आगामी वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रारंभ किए जाने का प्रावधान किया गया है।
73.    राँची रिम्स को एम्स से ज्यादा सुविधायुक्त सम्पन्न करने हेतु सरकार कृतसंकल्प है।
74.    राज्य के हजारीबाग, पलामू एवं दुमका जिलों में तीन नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जाएगी जिनके लिए अस्पताल स्थापित किये जा चुके हैं ।
75.    राज्य के लिए मलेरिया ग्रसित क्षेत्रों में मेडीकेटेड मछरदानियाँ वितरित की जायेगीं।
76.    अध्यक्ष महोदय, पूर्वी सिंहभूम जिला के बहरागोड़ा एवं गढ़वा जिला के नगरउँटारी में ट्रोमा सेन्टर के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है एवं पदों की स्वीकृति भी प्राप्त हो गयी है।  अगले वित्तीय वर्ष में आवश्यक मशीन उपकरण एवं दवा आदि की व्यवस्था कर इसे संचालित किए जाने की योजना है।  हजारीबाग में भी ट्रोमा सेन्टर के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है । शीघ्र ही पदों की स्वीकृति प्राप्त कर इसे भी अगले वित्तीय वर्ष में संचालित किए जाने की योजना है ।  इसके अतिरिक्त राज्य के अन्तर्गत प्रमुख राष्ट्र मार्गों पर भारत सरकार की निधि से 11 नए ट्रोमा सेन्टर यथाय  एन0एच0- 33 पर तमाड़ (राँची), चाण्डिल (सरायकेला -खरसावॉ), रामगढ़, एन0एच0- 02 पर बरही (हजारीबाग), बगोदर (गिरिडीह), निरसा (धनबाद), एन0एच0- 75 पर जैतगढ़ (प0 सिंहभूम), मनिका (लातेहार), एन0 एच0- 98 पर इटको (विश्रामपुर थाना, पलामू), एन0एच0- 23 पर नवागढ़ (बोकारो) एवं देवघर-दुमका पथ पर मोहनपुर (देवघर) की स्थापना की योजना है ।
77.    अध्यक्ष महोदय, पत्रकार बन्धुओं को असाध्य रोग के लिए Medi- Claim के लिए सरकार योजना प्रारंभ करेगी ।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में स्वस्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 2089.70 करोड़ रूपये का योजना बजट प्रस्तावित है।

उद्योग विभाग---
78.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए Single Window System प्रणाली को व्यवहारिक एवं वास्तविक परिप्रेक्ष्य में लागू किया जाएगा, ताकि राज्य में इच्छुक निवेशकों को समुचित सुविधा उपलब्ध हो सके ।
79.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के युवाओं में कौशल विकास को बढ़ावा देने हेतु झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाईटी एवं राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के बीच समझौता ज्ञापन तैयार किया गया है जिसे इसी माह कार्यान्वित कर दिया जाएगा। कौशल विकास के लिए गठित निगम में PSU एवं Corporate Houses  को Board में रखा जाएगा ताकि उनकी भागीदारी कौशल विकास में सुनिश्चित की जा सके ।
80.    CSR  के लिए सरकार द्वारा Trust बनाया जाएगा ताकि CSR के अन्तर्गत राशि का एक लक्षित एवं आवश्यकता आधारित योजनाओं केे लिए बेहतर रूप से प्रबंधन किया जा सके ।
81.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में औद्योगिक विकास विशेषकर लधु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs)  की असीम संभावनाएँ और इस तथ्य को दृष्टिपथ में रखते हुए इनके प्रोत्साहन के लिए झारखण्ड औद्योगिक नीति, 2012 एवं इसकी  नियमावली लागू की गई है। वस्तुतः इसके द्वारा राज्य में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, ताकि औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ राज्य में रोजगार के अधिक अवसर सृजित हो सकें।
82.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में देश का 30ः खनिज उपलब्धता ह,ै जिनसे संबंधित औद्योगिक इकाईयों की स्थापना कर इन प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम  लाभ प्राप्त करने का लक्ष्य है। लधु एवं मध्यम उद्योंगों के लिए झारखण्ड प्रोक्योरमेन्ट पालिसी, 2014 अधिसूचित की जा चुकी है।
83.    अध्यक्ष महोदय, C-DAC के माध्यम से प्रशिक्षण की योजना तैयार की गयी है, जिसमें अरबन हाट, हजारीबाग, अरबन हाट, देवघर, जिला उद्योग केन्द्र, लातेहार एवं हैण्डीक्राफ्ट सेंटर, सरायकेला के द्वारा आई टी ओरियेन्टेड डिजाईन (IT Oriented Design) से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना हेतु हैण्डीक्राफ्ट के विकास योजना के अन्तर्गत आवश्यक निधि का प्रावधान किया गया है।
84.    अध्यक्ष महोदय, नैशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ डिजाईन (National Institute of Design) (NID) अहमदाबाद के सहयोग से डिजाईन इन्स्टीच्यूट, रॉंची की स्थापना का प्रस्ताव है। इस योजना हेतु हस्तशिल्प विकास की योजना अन्तर्गत उपबंध से आवश्यक निधि प्रस्तावित की गयी है।
85.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार रोजगार के साधन उपलब्ध कराने हेतु दृढ़ संकल्प है, जिसके लिए राज्य में औद्योगिक विकास को गति प्रदान की जाएगी । राज्य के प्रत्येक जिले में भूमि बैंकों की स्थापना की जाएगी ताकि राज्य में औद्योगिक निवेशकों को ऐसी भूमि उपलब्ध करायी जा सके। राज्य में औद्योगिक विकास का अनुकूल महौल तैयार किया जाएगा, जिससे न केवल राज्य के युवाओं को रोजगार की प्राप्ति होगी, बल्कि राज्य के वित्तीय संसाधनों में भी अपार वृद्धि होगी जो, राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु परम आवश्यक है।
86.    अध्यक्ष महोदय, देवघर के समीप देवीपुर में औद्योगिक क्षेत्र के विकास करने के लिए 530 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इससे संथालपरगना क्षेत्र को  उत्पादन विशेष  क्षेत्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है।
87.    अध्यक्ष महोदय, केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक नीति के अन्तर्गत आदित्यपुर में I.T.  एवं इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के उत्पादों को बढ़ावा  देकर उत्पादन में वृद्धि की योजना है।
88.    अध्यक्ष महोदय, राष्ट्रीय नीति के अनुरूप कौशल विकास की योजना के अन्तर्गत C.I.D.C के सहयोग से राँची एवं डाल्टेनगंज में स्थापित केन्द्रों के द्वारा प्रतिवर्ष 500 व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। अब तक 250 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है।
89.    अध्यक्ष महोदय, तसर रेशम के उत्पादन के क्षेत्र में राज्य निरंतर प्रगति कर रहा है। वर्ष 2014 में अब तक 2100 मेट्रिक टन तसर रेशम का उत्पादन किया गया है।
90.    अध्यक्ष महोदय, गोड्डा जिला में हस्तकरघा कलस्टर योजना के अन्तर्गत एक लाख (1,00,000) बुनकरों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही बुनकरों को डिजाईन विकसित करने हेतु प्रशिक्षण देने की भी योजना है।
91.    अध्यक्ष महोदय, बरही, हजारीबाग में औद्योगिक विकास हेतु करीब 400 एकड़ भूमि उपलब्ध है। औद्योगिक विकास के लिए रॉंची औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के द्वारा परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी। इस हेतु आवश्यक बजट उपबंध औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के अन्तर्गत किया गया  है।
92.    अध्यक्ष महोदय भारत सरकार के द्वारा इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर के साथ-साथ अमृृतसर-दिल्ली-कोलकाता इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (Industrial Corridor) के विकास करने की महत्वाकांक्षी योजना ली गयी है। इस योजना का 196 किलोमीटर झारखण्ड राज्य से गुजरती है, जिसके इर्द-गिर्द समेकित उत्पादन cluster के विकसित करने हेतु भूमि चिन्ह्ति करने की कार्रवाई की जा रही है।
93.    अध्यक्ष महोदय मेक इन इंडिया Make in India कार्यक्रम को कार्यान्वित करने के लिए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रारंभिक रुप में धनबाद एवं कोडरमा से कतिपय सूचनायें प्राप्त की गई है। अग्रत्तर कार्रवाई कर विकसित करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। इस योजना हेत इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (Industrial Corridor) मद में एवं भूमि अधिग्रहण हेतु आवश्यक निधि की व्यवस्था आगामी वित्तीय वर्ष में करने का प्रस्ताव है।
94.    अध्यक्ष महोदय, भारत सरकार की केन्द्र प्रायोजित योजना के अन्तर्गत इलेक्ट्रोनिक उत्पादन क्लस्टर की योजना आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के अन्तर्गत लिये जाने का प्रस्ताव है। इस योजना के अन्तर्गत इलेक्ट्रानिक/ आई टी हार्डवेयर (Electronic/IT Hardware) के निर्माण हेतु औद्योगिक इकाईयाँ स्थापित की जायेगी। इस योजना के लिए आवश्यक निधि की व्यवस्था औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के अन्तर्गत आधारभूत संरचना के विकास हेतु उपबंधित निधि से प्रस्तावित है।
95.    अध्यक्ष महोदय राज्य में रेशम से संबंधित उत्पादों को विकसित करने हेतु सिल्क पार्क की स्थापना रॉंची एवं खरसावाँ में किए जाने का प्रस्ताव है। इसके अन्तर्गत एक ही कॉम्पलेक्स के तहत सिल्क प्रोसेसिंग, ककन बैंक, रिलिंग ऐण्ड स्पीनिंग (silk processing, cocoon bank, reeling & spinning)  के अतिरिक्त डिजाईन, प्रशिक्षण इकाई एवं विपणन की सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाएगी। इस योजना हेतु रेशम विकास की योजना के अन्तर्गत निधि प्रस्तावित किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में उद्योग प्रक्षेत्र के लिए 330.00 करोड़ रूपए का योजना बजट प्रस्तावित है।

पंचायती राज एवं एन0आर0ई0पी0 (विषेष प्रमण्डल) विभाग---
96.    अध्यक्ष महोदय, इस विभाग के द्वारा संचालित तीन प्रमुख योजनाओं यथाय पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष (बी0 आर0 जी0 एफ0), वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों (स्ॅम् ंििमबजमक कपेजतपबजे) के लिए अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता तथा राजीव गाँधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान (त्ळच्ै।) मुख्य रूप से केन्द्रीय वित्त पोषित हैं। बी0 आर0 जी0 एफ0 तथा वामपंथी अग्रवाद से प्रभावित जिलों के लिए चलायी जा रहीं उपरोक्त दोनो योजनायें शत्-प्रतिशत केन्द्रीय वित्त पोषित हैं, जबकि राजीव गाँधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान की योजना में 75ः केन्द्रांश तथा 25ः राज्यांश की राशि है। बी0आर0जी0एफ0 के तहत मुख्यतः पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, पुल/पुलिया, चेकडैम, सामुदायिक हॉल, नगर विकास, नगरीय क्षेत्र, पेयजल एवं स्वच्छता इत्यादि योजनायें ली जाती हैं। वित्तीय वर्ष 2015-16 में 4052 योजनायें बी0आर0जी0एफ0 के तहत पूर्ण होने की संभावना है। एतदर्थ कुल कुल रूपये चार सौ उनहत्तर करोड़ (रूपये 469.00 करोड)़ की राशि प्रावधानित की जा रही है।
97.    अध्यक्ष महोदय, वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित जिलों के लिए अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता से पिछड़े एवं अनुसूचित जाति बाहुल्य जिलों में आर्थिक एवं सामाजिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए विकासात्मक कार्याें का त्वरित क्रियान्वयन कर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से उग्रवाद का उन्मूलन करना इस योजना का उद्देश्य है। इस योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र, आश्रम स्कूल, सामुदायिक हॉल, पेयजल एवं स्वच्छता, गोदाम, स्वास्थ्य केन्द्र, लघु सिंचाई, विद्यालय भवन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, ग्रामीण पथ इत्यादि की योजनायेें ली जाती हैं। इस योजना के लिए कुल रूपये पाँच सौ दस  करोड़ (रूपये 510.00 करोड़) की राशि प्रावधानित की जा रही हैं।
98.    अध्यक्ष महोदय, राजीव गाँधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान की योजना के तहत पंचायती राज्य व्यवस्था का सुद्धढ़ीकरण, कार्य कुशलता बढ़ाने वाले कार्यक्रम तथा योजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा। इस योजना के लिए केन्द्रांश के रूप में कुल 99.25 करोड़ रूपये तथा राज्यांश के रूप में कुल 33.08 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया जा रहा है। यह योजना केन्द्र तथा राज्य के क्रमशः 75 प्रतिशत तथा 25 प्रतिशत वित्त पोषण से संचालित है।
99.    अध्यक्ष महोदय, अध्यक्ष महोदय, इस विभाग की विशुद्ध रूप में राज्य वित्त पोषित योजनाओं में गैर पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष तथा गैर समेकित कार्य योजना से जिलों के लिए विशेष अनुदान को प्रावधानित किया जा रहा है। चूँकि झारखण्ड के कतिपय जिलों में बी0आर0जी0एफ0 और समेकित कार्य योजना ¼I.A.P.½ संचालित नहीं हैं, इसलिए राज्य का एक मात्र जिला पूर्वी सिंहभूम को राज्य संचालित गैर पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष की योजना मे ंसम्मिलित किया गया है तथा धनबाद, दुमका, देवघर, जामताड़ा, साहेबगंज, गोड्डा एवं पाकुड़ को गैर समेकित कार्य योजना में लिया गया है। गैर पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष की योजना के तहत पूर्वी सिंहभूम को रूपये 15 करोड़ तथा गैर समेकित कार्य योजना के तहत अन्य उपरोक्त सातों जिलों के लिए रूपये 10.00 करोड़ प्रति जिला के हिसाब से कुल 70 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जा रहा है।
100.    अध्यक्ष महोदय, इस विभाग की एक अन्य महत्वपूर्ण योजना है मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना। इस नयी योजनान्तर्गत स्वच्छ भारत मिशन का क्रियान्वयन, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन, राजस्व उगाही इत्यादि के आधार पर श्रेष्ठ पंचायतो/पंचायत समिति/जिला को राज्य सरकार द्वारा पुरस्कार दिया जाना है। इससे पंचायती राज संस्थाओं में दायित्व बोध के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास होगा और राज्य में पंचायती राज व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इस योजना के लिए रूपये 1.00 करोड़ का बजट प्रावधान किया जा रहा है।
101.    अध्यक्ष महोदय, जिस पंचायत में सर्वसम्मति से चुनाव होगा उस पंचायत को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी ।
अध्यक्ष महोदय, योजना बजट के तहत इस विभाग के लिए कुल 1205.00 करोड़ की राशि वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए प्रावधानित की जा रही है।

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग---
102.    अध्यक्ष महोदय,  सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राज्य योजना के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में कार्यान्वित होने वाली कुछ प्रमुख योजनाओ का उल्लेख करना चाहूँगा ।
103.    अध्यक्ष महोदय, जैप-आई0टी0 डेटा सेन्टर को और सुदृढ़ और सुरक्षित करने के लिए रूपये 1.41 करोड़ की योजना ली गयी है।
104.    आई0टी भवन के निर्माण हेतु रूपये 5.00 करोड़ की राशि प्रावधानित की जा रही है।
105.    साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के स्थापना हेतु कुल रूपये 25.00 करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है। ये पार्क जमशेदपुर, बोकारो, देवघर एवं धनबाद में बनेंगे। इन चारों स्थानों पर भूमि भी चिन्हित् कर ली गयी है।
106.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में केन्द्र सरकार के सहयोग से PPP Mode में IIIT के निर्माण कार्य हेतु रूपये 3.00 करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है।
107.    कम्प्यूटर क्षेत्र में युवाओं के कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु रूपये 5.00 करोड़ की राशि प्रावधानित की जा रही है।
108.    अध्यक्ष महोदय,  इस विभाग की कुछ योजनायें केन्द्र प्रायोजित है, जिनमें स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क (झारनेट) भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजना है। राज्य मुख्यालय से ब्लॉक स्तर तक कार्यालयों को झारनेट से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना हेतु रूपये 23.28 करोड़ की राशि प्रावधानित की जा रही है।
109.    अध्यक्ष महोदय, e-District की परियोजना राष्ट्रीय ई-शासन योजना ¼NeGP½ के अन्तर्गत एक मिशन मोड परियोजना है, जो बुनियादी प्रशासनिक इकाई को समर्थन प्रदान करती है। राँची जिला में इसके सफल क्रियान्वयन के पश्चात् राज्य के सभी 23 अन्य जिलों में इसे लागु किया जाना है। एतदर्थ रूपये 30.00 करोड़ की राशि प्रावधानित की जा रही है।
110.    अध्यक्ष महोदय, इस तरह से वित्तीय वर्ष 2015-16  में इस विभाग के लिए कुल रूपये 140.00 करोड़  का योजना बजट प्रावधानित किया जा रहा है।

विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग---
111.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में तकनीकी शिक्षा के संस्थानों के विकास की आवश्यकता है, ताकि राज्य में तकनीकी मानव संसाधन अधिक से अधिक उपलब्ध हो सकें। राज्य मेें डिग्री एवं डिप्लोमा तकनीकी शिक्षण संस्थाओं के बेहतर प्रबंधन एवं विनियमन के उद्धेश्य से एक तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। सम्प्रति हर विषय पर झारखंड विधान सभा से विधेयक पारित हो कर माननीय राष्ट्रपति भारत की स्वीकृति हेतु भेजा गया है।
112.    अध्यक्ष महोदय, तकनीकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में भारत सरकार और विश्व बैंक की सहायता से टेकिप-फेज टू (TEQIP-Phase II) के अंतर्गत बी0आई0टी, मेसरा एवं सी0आई0टी0, टाटीसिलवे, राँची को उत्क्रमण हेतु चयन किया गया है। बी0आई0टी0, सिन्दरी में आधारभूत संरचना विकसित करने का प्रस्ताव है। संयुक्त प्रक्षेत्र के अंतर्गत विनाबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के अंतर्गत University College of Engineering and Technology को स्वशासी एवं स्वविŸा संपोषित स्वरूप में चलाया जा रहा है।
113.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में 13 Polytechnic यथाः दुमका, हजारीबाग, बगोदर, गोड्डा, साहेगबंज, जामताड़ा, चतरा, लोहरदगा, पलामू, ख्ूॉटी, सिमडेगा, मधुपुर एवं निरसा का निर्माण आगामी वित्तीय वर्ष में करने हेतु प्रस्तावित है। मानक प्राक्कलन रूपये 25.58 करोड़ प्रति Polytechnic है।
114.    अध्यक्ष महोदय,  राज्य में 200 शैय्या वाले 14 महिला छात्रावासों का निर्माण कराया जाएगा, जिसका मानक प्राक्कलन रूपये 5.11 करोड़  है, जिसमें भारत सरकार से प्रति संस्थान 1.00 करोड़ रू0 प्राप्त होगी एवं शेष राशि राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा प्रथम किस्त के रूप में 50-50 लाख रू0 प्राप्त होगी।
115.    अध्यक्ष महोदय, रामगढ़ में प्रथम महिला अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना आगामी वित्तीय वर्ष में की जाएगी।
116.    अध्यक्ष महोदय, अध्यक्ष महोदय, निजी क्षेत्र के तकनीकी संस्थानों के लिए एक प्लेटफॉर्म पर सभी आधारभूत संरचनाओं को सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने के उद्धेश्य से तकनीकी शिक्षा परिसर की स्थापना राँची के आस-पास करने का प्रस्ताव है।
117.    अध्यक्ष महोदय, राँची में राज्य के पहले तारामंडल का निर्माण आरंभ कर दिया गया है तथा दुमका में तारामंडल के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
विŸाीय वर्ष 2015-16 में विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग के लिए रूपये 181.41 करोड़ की राशि  योजना बजट में प्रावधानित की जा रही है।

समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग---
118.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं में कुपोषण एक प्रमुख समस्या है। यही हाल बच्चों का भी है। समेकित बाल विकास परियोजना एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में चलाई जा रही योजना मुख्यतः पोषक आहारों की आपूर्ति की योजना है, जो लाभान्वितों पर ही केन्द्रीत है।
119.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के सभी 224 बाल विकास परियोजना एवं अड़तीस हजार चार सौ बतीस (38432) आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 6 माह से 9 वर्ष के बच्चों को पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत उन्हे कुपोषण से मुक्त करने के प्रयोजन से रेडी टू इट फुड के रूप में फोर्टिफाएड न्यूट्रो पंजीरी (Fortified Neutro Panjiri)  उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना में वैसे क्षेत्रों का चयन किया गया है जहॉं कुपोषण की शिकायत सबसे अधिक है और ऐसे जिलों में कुल 10927 पोषण सखियों की नियुक्ति आगामी वित्तीय वर्ष में करने का निर्णय सरकार ने लिया है जो इन क्षेत्रों में सिर्फ कुपोषण को दूर करने संबंधित कार्यक्रम को सुदूर ग्रामीणों तक पहुॅंचायेगी।
120.    कुपोषण पर नियंत्रण के लिए सामाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य की ईकाईयाँ यथा आंगबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य, उप केन्द्र integrated action plan के तहत कार्य करेंगे। शिशू रोग चिकित्सकों की नियुक्ति सरकार की प्राथमिकी होगी।
121.    Integrated Nutrition Mission  के माध्यम से कुपोषण को नियंत्रित किया जाएगा ।
122.    अध्यक्ष महोदय, सम्प्रति गर्भवती तथा धात्री महिलाओं केा वर्ष में 300 दिन  150 ग्राम उपमा के रूप में त्मंकल जव मंज विवक  उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा 2551 लघु आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में 750/- रूपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई है। प्रथम चरण में राज्य के कुल 38432 आंगनबाड़ी केन्द्रो में 50ः सेविकाओं को साईकिल देने की योजना है। इससे इनका कार्यकलाप सुविधापूर्ण हो सकेगा ।
123.    अध्यक्ष महोदय, स्वामी विवेकानन्द स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के अधीन  विकलांगो को दी जा रही मासिक वृति 400/- से बढ़ाकर 600/- रू0 करने का प्रस्ताव है।
124.    अध्यक्ष महोदय, वृद्धों के पुनर्वास एवं कल्याण के लिए वर्ष 2015-16 में राज्य के 10 जिलों में Ready to eat food  खोलने का प्रस्ताव है। सम्प्रति राँची, जमशेदपुर, हजारीबाग एवं गिरीडीह में N.G.O. के माध्यम से सरकारी भवन में ऐसी योजना क्रियान्वित की जा रही है।
125.    अध्यक्ष महोदय,युवतियों के स्वालंबन के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में तेजस्विनी नामक नई योजना राज्य के 17 जिलों में कार्यान्वित की जायेगी, जिसमें 11से25 वर्ष तक की महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण एवं वित्त पोषण की कार्रवाई की जाएगी। इस योजना में केन्द्रांश के रूप में रूपे 378.00 करोड़ एवं राज्य सरकार अपने स्रोतों से रूपये 162.00 करोड़ की राशि आगामी 5 वर्षों में व्यय करेगी। आप अवगत हैं कि दुर्भाग्य से ग्रामीण क्षेत्र की युवतियॉ बाहर बड़े शहरों मे काम करने के लिए जाती हैं और कई युवतियॉ शोषण  का  शिकार हो जाती है। इसलिए  सरकार द्वारा युवतियों के स्वालंबन हेतु वृहद योजना तैयार की गई है। बाहर कार्यरत युवतियों के लिए help line केन्द्र की स्थापना दिल्ली में की जाएगी । यह केन्द्र झारखण्ड भवन से संचालित होगा एवं Toll free नम्बर की सुविधा उपलब्ध रहेगी। केन्द्र का संचालन professional  agency  द्वारा की जाएगी।
126.    अध्यक्ष महोदय, समाज कल्याण विभाग के द्वारा महिलाओं एवं किशोरियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, बेसहारा महिलाओं के लिए नारी निकेतन सह-प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। अखिल भरतीय सेवाओं / राज्य प्रशासनिक सेवा की तैयारी में लगी महिलाओं के लिए नारी उत्थान कोष की स्थापना करने की एक नई योजना ली जा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य के 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित करने की भी योजना है।
127.    अध्यक्ष महोदय, कार्यकारी महिलाओं के लिए मुख्यतः नगरीय क्षेत्रों में आगामी वित्तीय वर्ष 2015-16 में 2.50 करोड़ रू0 का बजटीय उपबंध रखा गया है, जिनसे 3 महिला छात्रावासों का निर्माण कराया जायेगा।
128.    अध्यक्ष महोदय, महिला सशक्तिकरण एवं उत्थान से संबंधित कार्यक्रमों को और शक्ति प्रदान करने के लिए वर्ष 2015-16 में नारियों के कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं प्रशासनिक सेवाओं में भर्ती हेतु तैयारी कराने के उदद्ेश्य से इस राशि का व्यय किया जायेगा।
129.    आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायकों के लिए सरकार अंशदायी बीमा योजना प्रारंभ करेगी जिसके लिए प्रिमियम राशि में सरकार का अनुपातिक अंश होगा।
130.    महिला आयोग की पहुॅच बढ़ाने के लिए और महिलाओं के शोशण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए महिला आयोग का गठन प्रखंड स्तर पर भी किया जाएगा। कहने का तात्पर्य है कि महिला आयोग अब जिला अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर कार्यरत रहेगा ।
अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास के लिए रूपये दो हजार अðावन दशमलव छः एक करोड़ (रूपये 2058.61 करोड़) की राशि योजना बजट में प्रावधानित की जा रही है।

श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग---
131.    अध्यक्ष महोदय, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा पूर्व से चली आ रही योजनाओं के लिए राज्य योजनान्तर्गत रूपये 812.14 करोड़ की राशि प्रावधानित की जा रही है। जबकि नयी योजनाओं के लिए रूपये 52.80 करोड़ की राशि प्रावधानित की जा रही है। राज्य योजना में केन्द्रीय सहायता से संचालित योजनाओं के लिए केन्द्र से रूपये 367.058 करोड़ की राशि प्रावधानित की जा रही है। केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के लिए केन्द्रांश के रूप में रूपये 82.00 करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है। केन्द्रीय प्रक्षेत्र की योजनाओं के लिए रूपये 55.00 करोड़ की राशि का प्रावधान किया जा रहा है।
132.    अध्यक्ष महोदय, अध्यक्ष महोदय, समाज में असंगठित मजदूरों की संख्या अत्यधिक है और इनकी सुधि लेने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है। इस वर्ग के मजदूरों को राज्य सरकार में वर्ष 2015-16 से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के तहत आच्छादित करने का कार्यक्रम तैयार किया है। इन मजदूरों का सर्वेंक्षण कराकर इन्हें सुरक्षा बीमा योजना, कौशल विकास प्रशिक्षण योजना, स्वावलम्बन पेंशन योजना तथा आवासीय सहायता योजना के तहत राज्य योजना मद से राज्य सरकार सहायता देगी। वर्ष 2015-16 में इस कार्यक्रम हेतु 5.00 करोड़ रू0 का प्रावधान किया गया है।
133.    अध्यक्ष महोदय, आदिम जनजाति समूहों का उत्थान राज्य सरकार की सांस्कृतिक जवाबदेही है। आदिवासी समूहों में भी आदिम जनजाति अभी भी पिछड़ें है और अभी भी गरीब है। इनमें 5 प्रतिशत से कम शिक्षा दर है। राज्य में कुल 32 जनजातीय समूहों में से 9 आदिम जनजाति के समूह हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की तरह ही राज्य सरकार आदिम जनजाति पेंशन योजना राज्य योजना मद से आगामी वित्तीय वर्ष से लागू करेगी, जिसमें नव चिन्हित आदिम जनजाति जैसे-असुर, बिरहिया, बिरहोर, बिरजिया, कोरवा, मालपहाड़िया, सौरिया पहाड़िया एवं सावर के कुल पैंसठ हजार (65000) लाभार्थियों को रूपये 600/-प्रतिमाह के दर से 46.80 करोड़ रू0 के पेंशन भुगतान की योजना वर्ष 2015-16 में प्रारंभ की जाएगी।
अध्यक्ष महोदय, इस तरह से श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के लिए कुल रूपये एक हजार चार सौ उन्नीस करोड़ ( रूपये 1419.00 करोड़) का प्रावधान योजना बजट में किया जा रहा है।

योजना एवं विकास विभाग---
134.    अध्यक्ष महोदय, झारखंड राज्य की नई राजधानी का निर्माण कार्य अब तक आरंभ नहीं हो पाया है, जिसकी गंभीरता को समझते हुए राज्य सरकार ने नई राजधानी के निर्माण को प्राथमिकता की सूची में रखा है । प्रस्तावित नई राजधानी में नई विधानसभा, सचिवालय इत्यादि भवन एवं आधारभूत संरचनाएं निर्मित की जाएंगी, जो आधुनिकतम वास्तुविद अवधारणाओं पर आधारित होंगी तथा पर्यावरणीय संतुलन को दृष्टिपथ में रखते हुए विकसित की जाएगी ।
135.    अध्यक्ष महोदय, खूँटी में अर्जित की गयी 410 एकड़ की भूमि पर अभिज्ञान नगर (Knowledge City) स्थापित करने का राज्य सरकार के लक्ष्य का शुभारम्भ वित्तीय वर्ष 2015-16 मंे किया जाएगा। यह नगर टेक्नीकल एडुकेशन हब (Technical Educational Hub) के रूप में अधिष्ठापित होगा, जहॉं मुख्यतः इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, (Information Technology), फर्मास्यूटिकल (Pharmaceutical) तथा बायोटेक्नोलौजिकल (Biotechnological)  के क्षेत्र में शोध एवं विकास करनेवाली संस्थाआंे का केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार इस क्षेत्र में अर्न्राष्ट्रीय स्तर के आधारभूत संरचनाओं का संस्थापन करेगी ताकि इस नगर में जानी मानी कंपनियाँ अपना संस्थान खोल सके। इससे राज्य सरकार को जहाँ एक ओर राजस्व की प्राप्ति होगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय युवकों को अत्याधुनिक क्षेत्र में कौशल विकास का मौका मिलेगा।
अध्यक्ष महोदय, योजना एवं विकास विभाग को वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल रूपये 1123.11 करोड़ की राशि योजना बजट में प्रावधानित की जा रही है।

नगर विकास विभाग---
136.    अध्यक्ष महोदय,  राज्य की लगभग 20 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करती है । राज्य में 39 शहरी निकाय स्थापित किए गए हैं किन्तु कतिपय कारणों से शहरी क्षेत्रों का समेकित विकास अब तक नहीं हो पाया है । राज्य की राजधानी रांची एवं जिला मुख्यालय राज्य एवं जिले के विकास एवं प्रगति के आईना हैं, जिसे सजाने संवारने की जरूरत है । इस क्रम में राज्य के 6 प्रमुख नगर रॉंची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, देवघर एवं दुमका को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के उददेश्य से चालू वित्तीय वर्ष में राज्यांश के रूप में रूपये 5.00 करोड़ एवं केन्द्रांश के रूप में रूपये 15.00 करोड़ की राशि का प्रावधान आगामी वित्तीय वर्ष में किया गया है। इन 6 शहरों में भारी मात्रा में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से सूचना तकनीक पर आधारित आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जायेगा।
137.    अध्यक्ष महोदय,  केन्द्र द्वारा सम्पोषित स्वच्छ भारत मिशन योजना का प्रमुख उद्धेश्य राज्य में स्वच्छता का अधिष्ठापन, खुले में शौच की प्रथा को बंद करना तथा नगरीय निकायों में Solid Waste Management की स्थापना करना है। इस योजना के तहत घरों में शौचालय का निर्माण, सामुदायिक शौचालय का निर्माण, स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना तथा स्वच्छ भारत अभियान को लागू करने के लिए प्रशासनिक संरचना का निर्माण है। स्वच्छ भारत मिशन योजना को जमीन पर उतारने के लिए सरकार प्रतिवद्ध है।
138.    अध्यक्ष महोदय, हमारे राज्य का सौभाग्य है कि इस राज्य को गंगा स्टेट का दर्जा दिया गया है। गंगा नदी एवं गंगा नदी में प्रवाहित होनेवाली दमोदर नदी को स्वच्छ करने वाली विशेष परियोजना को आरंभ किया जाएगा । प्रदूषण नियंत्रण, शौचालय निर्माण, Solid Waste Management आदि योजनाओं को लागू कर समग्र रूप से परियोजना पर कार्य किया जाएगा। यह राज्य का सौभाग्य होगा कि राज्य में गंगा के पड़ने वाले अंश को एक डवकमस के रूप में विकसित किया जाएगा।
139.    अध्यक्ष महोदय, नगरीय परिवहन एवं नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए  राज्य योजना मद से राज्य के 39 नगर निकायों में बस टर्मिनल, ट्रान्सपोर्ट नगर, रिंग रोड/बाय पास रोड, पाक, जलाशय संधारण एवं नगर भवनों के निर्माण किए जाने का प्रावधान रखा गया है। यह योजना पूर्णतः राज्य योजना मद से पोषित होगी, जिसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष में रूपये 90.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
140.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की राजधानी राँची मं Mono Rail परियोजना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी (feasibility study) के पश्चात आवश्यक निर्णय लिया जायेगा।
141.    अध्यक्ष महोदय, JNNURM की केन्द्रीय योजना योजना की अधूरी योजनाओं को राज्य सरकार की निधि से पूर्ण कराने का प्रस्ताव है।
142.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के 11 चयनित शहरों में यातायात व्यवस्था को सुनियोजित करने के लिए आधारभूत संरचनाओं के निर्माण का प्रस्ताव है।
143.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के चार शहरों यथाय राँची, जमशेदपुर, धनबाद एवं चास में राजीव आवास योजना, जो एक केन्द्रीय योजना है, में 48 मलिन बस्तियों में आवासों के निर्माण करने का प्रस्ताव है।
144.    अध्यक्ष महोदय, राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017 तक सभी नगरीय क्षेत्रों में शुद्ध एवं पर्याप्त पेयजलापूर्ति की आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पूर्व की योजनाओं के अतिरिक्त नई योजनाओं को भी वर्ष 2015-16 में लेने का प्रस्ताव है।
145.    अध्यक्ष महोदय, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में पचीस हजार (25000) युवक-युवतियों को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षित कर नियोजित करने का लक्ष्य है।
146.    अध्यक्ष महोदय, नगरपालिका अधिनियम के द्वारा निकायों की शक्तियाँ विकेन्द्रित कर दी गई हैं एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है। बड़ी परियोजनाओं को निर्धारित अवधि में पूरा करने के लिए नगर निकायों को विŸाीय सहायता देने के दृष्टिकोण से  एक राज्य कोष का गठन किया गया है। निर्धारित अवधि के पश्चात् निकाय उक्त राशि को राज्य कोष में वापस जमा करेगें ।
अध्यक्ष महोदय, एतदर्थ विŸाीय वर्ष 2015-16 में नगर विकास विभाग के लिए 1606.00 करोड़ रूपये का योजना बजट प्रस्तावित है।

ग्रामीण कार्य विभाग---
147.    अध्यक्ष महोदय, ग्रामीण पथों के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों की सामाजिक आर्थिक स्थिति  में निरन्त विकास होता दिख रहा है।
148.    राज्य सम्पोषित योजना के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 321 नई योजनाएँ ली गई है, जिसकी लम्बाई 1038 कि0मी0 हैं।
149.    पूर्व की योजनाओं को मिलाकर कुल योजनाआंे की संख्या 1248 है, जिनमें 5370 कि0मी0 ग्रामीण पथों का कार्य प्रगति में है। अब तक वर्ष 2014-15 में 198  योजनाओं के द्वारा 922.46 कि0मी0 ग्रामीण पथों का निर्माण पूर्ण हो चुका है।
150.    वित्तीय वर्ष 2015-16 में लगभग 1500 कि0मी0 ग्रामीण पथों के निर्माण का लक्ष्य है

मुख्य मंत्री ग्राम सेतु योजना---
151.    अध्यक्ष महोदय,  ग्रामीण कार्य विभाग अन्तर्गत  मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना वर्ष 2001 से प्रारंभ की गयी है। यह योजना राज्य के सर्वागीण विकास में बहुत ही सहायक साबित हो रही है।
152.    अध्यक्ष महोदय,  वित्तीय वर्ष 2014-15 तक कुल 1441 पुल स्वीकृत हुए, जिसमें अभी तक कुल 1138 पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं 303 पुलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
153.    अध्यक्ष महोदय, 115 पुलों  का निर्माण कार्य पूर्ण करने के लक्ष्य के विरूद्ध 71 अद्द पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है।
154.    इन सभी पुलों के निर्माण से राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्र, जो नदियों के प्रवाह से आवागमन से वंचित थे, इन क्षेत्रों में आवागमन चालू किया जा सका है। फलस्वरूप क्षेत्र के लोगों के सामाजिक-आर्थिक स्थिति में काफी विकास हुआ है।

प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना---
155.    अध्यक्ष महोदय,  झारखण्ड राज्य में यह योजना वर्ष 2000-01 में प्रारंभ किया गया ह,ै जिसमें अभी जनवरी 2015 तक 2418 योजनाओं एवं दस हजारी नौ सौ चार कि0मी0 (10904 कि0मी0) पथ निर्माण के कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं । इससे राज्य में 5861 अनजुड़ेे बसावटों को अभी तक जोड़ा गया है।
156.    अध्यक्ष महोदय,  झारखण्ड राज्य में अभी 2819 योजना चालू हालत में है, जिनकी लम्बाई 8754 कि0मी0 है। इनके निर्माण से 5346 अनजुडे़ बसावटों को जोड़ा जाएगा।
157.    अध्यक्ष महोदय, वर्ष 2015-16 में भारत सरकार से तीन हजार कि0मी0 (3000 कि0मी0) पथ कार्य स्वीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे 1300 अनजुडे़ बसावटों का जोड़ा जाएगा, ताकि राज्य में अधिक से अधिक अनजुडे़ बसावटों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।
158.    अध्यक्ष महोदय, इस विŸाीय वर्ष में दो हजार कि0मी0 (2000.00 कि0मी0) पथ का निर्माण कर 800 बसावटों को जोड़ने का लक्ष्य है। इसके विरूद्ध जनवरी 2015 तक 1350 कि0मी0 पथ निर्माण कर 612 बसावटों को जोड़ा जा चुका है।
अध्यक्ष महोदय,  वित्तीय वर्ष 2015-16 में ग्रामीण कार्य विभाग के लिए रूपये एक हजार नौ सौ करोड़  (रूपये 1900.00 करोड)़  का योजना बजट प्रस्तावित है।

पथ निर्माण विभाग---
159.    अध्यक्ष महोदय, पथ निर्माण की दिशा में राज्य उŸारोतर प्रगति कर रहा है। वर्ष 2014-15 में 890 कि0मी0 पथ एवं 30 पुल के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 700 किलोमीटर पथ एवं 15 पुल का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।
160.    अध्यक्ष महोदय, एशियन विकास बैंक के ऋण से गोविन्दपुर-जामताड़ा- दुमका-बरहेट-साहेबगंज पथ का निर्माण कार्य प्रगति में है, जो वर्ष 2015-16 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
161.    अध्यक्ष महोदय,  लोक-निजी भागीदारी के अंतर्गत BOT (Annuity) के आधार पर राँची-पतरातु-रामगढ़ (लम्बाई 62 कि0मी0), राँची रिंग रोड़ के सेक्सन III, IV]V एवं VI (कुल लम्बाई 36.792 कि0मी0), चाईबासा-सरायकेला- काण्ड्रा-चौका पथ (लम्बाई 68.7 कि0मी0, कार्य पूर्ण 61.1 कि0मी0), आदित्यपुर-काण्ड्रा पथ (लम्बाई 15.5 कि0मी0) 4 लेन मेन कैरिजवे का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
162.    अध्यक्ष महोदय,  अध्यक्ष महोदय, राँची शहर के महत्वपूर्ण पथों के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण का कार्य तथा हजारीबाग, दुमका, धनबाद, डालटेनगंज एवं देवधर शहर एवं इससे जोड़नेवाले पथों का निर्माण पूर्ण कराया गया है।
163.    अध्यक्ष महोदय,  पथ निर्माण के क्षेत्र में रॉंची-बोकारो (90 KM) को Express Way से रूपये 1830.00 करोड़ की लागत पर जोड़ने हेतु आगामी वित्तीय वर्ष में योजना PPP Mode पर प्रारंभ की जाएगी। राज्य सरकार के द्वारा एक Industrial corridor स्थापित करने के लिए भी योजना पर कार्य किया जाएगा, इसके तहत  जमशेदपुर, धनबाद एवं रांची को जोड़ने हेतु 6 लेन एक्सप्रेस-वे निर्माण कर गोल्डन ट्राइंगल स्थापित किया जाएगा । इसके अतिरिक्त कई अन्य पथ परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा ।
164.    रॉंची-रिंग रोड के सेक्सन-7, काठीटांड़ से करमा के अंश का 6 लेनिंग कार्य आगामी वित्तीय वर्ष में कराया जायेगा, जिसकी कुल लम्बाई 23.6 कि0मी0 है एवं लागत रूपये 354.00 करोड़ आती है। डुमरी-फुसरो-जैना मोड़ के पथांश को (कुल लम्बाई 65 कि0मी0) को 567.00 करोड़ रू0 की लागत से 4 लेनिंग का कार्य किया जाएगा। पलामू प्रमंडल में मोहम्मदगंज - जपला अन्तर्राजीय पथ कुल लम्बाई 40 कि0मी0, छतरपुर-जपला रोड, चौपारण-चतरा रोड, गढ़वा-शाहपुर रोड, खूॅंटी-तोरपा- कोलेबिरा रोड, कुजू-घाटो रोड, आसनबनी-पटंदा रोड, मिर्जाचौकी-बोआरीजोर- सिमरा रोड,धनबाद- पाथरडीह- सिन्दरी रोड, चाईबासा-कोकचो-भरभरिया रोड, कोचेडेगा- रामरेखा धाम-छतीसगढ़ सीमा रोड, नोनीहाट-कैराबनी-बगदाहा मोड़ रोड,  को 2 लेन रोड के रूप में विकसित किया जाएगा। इन योजनाओं की कुल प्राक्कलित राशि 1365 करोड़ रू0 है तथा इनकी कुल लम्बाई 470 कि0मी0 है। देवघर, गिरिडीह, खूॅटी, चाईबासा, लोहरदगा, गोड्डा एवं पाकुड़ नगरों के लिए बायपास पथों के निर्माण का कार्य आगामी वित्तीय वर्ष में प्रारंभ किया जाएगा, जिनकी कुल लम्बाई 134 कि0मी0 है।
165.    एशियन डेवलेपमेन्ट बैंक से वित्त पोषण कर चार परियोजनाएँ यथा-दुमका-हँसडीा-बिहार सीमा -50 कि0मी0, गोविन्दपुर-टुण्डी-गिरीडीह-45 किमी0, खूँटी-तमाड़- 48 कि0मी0, गिरिडीह-जमुआ-सारवाँ-52 कि0मी0, कुल लम्बाई 195 कि0मी0 1800.00 करोड़ रूपये की लागत की प्रारंभ की जायेगी।
166.    अध्यक्ष महोदय, इसके अलावे वर्ष 2015-16 में लोक निजी भागीदारी से आरंभ किए जाने वाले महत्वपूर्ण कॉरिडोरों में राँची-बोकारो एक्सप्रेसवे (लम्बाई 90 कि0मी0), नौनीहाट-कैराबनी-बगदाहा पथ (लम्बाई 62 कि0मी0), डुमरी-फुसरो-जैनामोड़ पथ (लम्बाई 65 कि0मी0), राँची रिंग रोड़ सेक्सन-टप्प् को 6 लेन में निर्माण (लम्बाई 23.6 कि0मी0) शामिल है।
अध्यक्ष महोदय,  विŸाीय वर्ष 2015-16 में पथ निर्माण विभाग के लिए रूपये तीन हजार करोड (रूपये 3000.00 करोड़) रूपये का योजना बजट प्रस्तावित है।
गृह विभाग:
167.    अध्यक्ष महोदय, नक्सल समस्या राज्य की चुनौती है, जिससे निपटने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। नक्सलवाद से निपटने हेतु विकास एवं सरुक्षा की रणनीति को अपनाते हुए सारंडा कार्य योजना के आधार पर राज्य के अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों यथाय सरयू, झुमरा इत्यादि के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी।  स्टेट टास्क फोर्स को ग्रे-हाउण्ड की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। आदिम जन-जातियों को मुख्य धारा में सम्मिलित करने की दिशा में दो आदिम जन जाति बटालियनों की स्थापना दुमका एवं पलामू के लिए की जाएगी।
168.    अध्यक्ष महोदय, विधि व्यवस्था, नागरिक सुरक्षा एवं नक्सलवाद के विरूद्ध प्रभावी एवं प्रशिक्षित पुलिस बल तैयार करने के लिए चकुलिया में Constable Training School की स्थापना की जाएगी । पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र, हजारीबाग को पुलिस अकादमी के रूप में upgrade किया जाएगा । उग्रवाद से निपटने हेतु Anti Terrorism Squad तैयार किया जाएगा, जो सभी प्रकार के terrorist गतिविधियों  के नियंत्रण हेतु विषेष रूप से प्रशिक्षित होंगे। पुलिस बल मंे वद्धि के लिए 10 हजार सिपाहियों की नियुक्ति शीघ्र ही की जाएगी। Investigation Training School की स्थापना राँची में की जाएगी। इसके माध्यम से अपराध के अनुसंधान के लिए प्रशिक्षित बल तैयार किया जाएंगे।
169.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान करने हेतु राज्य सरकार कृतसंकल्प है। इसके लिए राज्य के निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया जाएगा । राज्य निगरानी व्यूरो के स्थान पर भ्रष्टचार निरोधक व्यूरो की स्थापना की जाएगी। जिसमें पर्याप्त मानव संसाधनों एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाएगीं । प्रमंडलीय स्तर पर भी कार्यालय स्थापित करते हुए पुलिस उपाधीक्षकों की पदस्थापना की जाएगी। सुचारू कार्य प्रणाली विकसित की जाएगी ताकि मामलों का त्वरित अनुसंधान उद्भेदन एवं निष्पादन किया जा सके । इस क्रम में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा अनावश्यक किसी निर्दोष पदाधिकारी को प्रताड़ित नहीं किया जाए एवं राज्य प्रशासन में नीति निर्धारण एवं निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित न हो ।
170.    अध्यक्ष महोदय, नए कारा भवनों के निर्माण की योजनाएँ रामगढ,़ बरही, मधुपुर तथा नगरउँटारी में पूर्ण करने का लक्ष्य है। साथ ही काराओं के प्रबंधन को उत्क्रमित कर e-governance को स्थापित  करने का लक्ष्य है।
171.    अध्यक्ष महोदय, इसके अतिरिक्त अग्निशामक सेवा के सुदृढ़ीकरण का भी प्रस्ताव है। नागरिक सुरक्षा के सुदृढ़ीकरण हेतु धुर्वा, राँची में केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान के भवन का निर्माण किया जा रहा है।
अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में गृह विभाग के लिए रूपये 270.50 करोड़ का योजना बजट प्रस्तावित है।

कल्याण विभाग---
172.    अध्यक्ष महोदय, कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पिछडे़ वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के गरीबी रेखा के नीचे के कुल सैंतीस लाख पन्द्रह हजार पॉच सौ (3715500)  छात्र-छात्राओं को विŸाीय वर्ष 2014-15 में छात्रवृŸिा की स्वीकृति दी गई है।
173.    कल्याण विभाग द्वारा विŸाीय वर्ष 204-15 में वर्ग-8 में अध्ययनरत्त अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को साईकिल वितरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
174.    कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कक्षा 5से10 तक के सरकारी विद्यालायों में अध्ययनरत छात्राओं को 2 सेट पोशाक की आपूर्ति की जा रही है। इसे 90 हजार छात्राओं में वितरण करने का लक्ष्य है।
175.    कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ी जाति/पी0टी0जी0 वर्गों के छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने के उद्धेश्य से बी0आई0टी0, मेसरा में यूनिवर्सिटी पाँलिटेक्निक का सम्पोषण किया जा रहा है।
176.    अध्यक्ष महोदय, मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आदिम जनजाति के सभी परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न निःशुल्क देने की स्वीकृति दी गई है।
177.    विभाग द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006 का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके तहत अब तक राज्य में कुल अठारह हजार पॉच सौ पन्द्रह (18515) पट्टा वितरित किये गये हैं।
178.    अध्यक्ष महोदय, संविधान की धारा 275(1) के अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त राशि से जनजातीय क्षेत्रीय उपयोजना में आधारभूत संरचना विकास की योजनाएँ यथाय लघु सिचाई योजना, आवासीय विद्यालयों में कक्षा, छात्रावास निर्माण, ग्रामीण अस्पताल निर्माण, सोलर लाईट आपूर्ति आदि संचालित की जा रही हैं।
179.    अध्यक्ष महोदय, विŸाीय वर्ष 2014-15 में 235 कब्रिस्तानों की घेराबंदी योजना स्वीकृत की गई है और विŸाीय वर्ष 2015-16 में भी इस योजना को चालू रखा जाएगा।
180.    अध्यक्ष महोदय, वर्ष 2014 में दो हजार नौ सौ अðारह (2918) हज यात्रियों को हज यात्रा पर भेजा गया।
181.    अध्यक्ष महोदय, भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के बहुआयामी विकास हेतु झारखंड के छः जिलों-राँची, खूँटी, गुमला, सिमडेगा, साहेबगंज एवं पाकुड़ का चयन किया गया है। इसके तहत कुल आठ हजार पाँच सौ उनचास (8549) इन्दिरा आवास, 143 स्वास्थ्य केन्द्र, 981 आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण किया गया है एवं 8 आई0टी0आई0 तथा 2 पॉलिटेक्निक निर्माणाधीन हैं।
182.    संथाल परगना प्रमंडल के पहाड़िया आदिम जनजातियों के लिए दिवाकालीन प्राथमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना, व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना तथा विशेष स्वास्थ्य योजना चलाई जा रही हैं तथा इन्हे वर्ष 2015-16 में भी जारी रखने का प्रस्ताव है।
183.    विŸाीय वर्ष 2015-16 में कल्याण विभाग के लिए रूपये एक हजार दो सौ तिरासी दशमलव छःतीन करोड़ (रूपये 1283.63 करोड़)े का योजना बजट प्रस्तावित है। जिसमें अल्पसंख्यक (कल्याण) प्रक्षेत्र के लिए रूपये एक सौ आठ दशमलव शून्य पाँच करोड़ (रूपये 108.05 करोड़) की राशि सम्मिलित है।

वन एवं पर्यावरण विभाग---
184.    अध्यक्ष महोदय, झारखण्ड राज्य के अन्तर्गत वनभूमि, गैर-वनभूमि, रैयती भूमि, पथतट आदि में उपलब्ध भूमि पर वनरोपण के कार्य बड़े पैमाने पर किये जा रहे हैं। स्थानीय समुदायों की आवश्यकता पूर्ति हेतु काष्ठ, फलदार वृक्ष, रोजगारोन्मुखी प्रजातियों, जिसमें लाह एवं तसर-पोषक प्रजातियाँ शामिल हैं, का वनरोपण किया जा रहा है। कार्य-योजना क्षेत्र में विद्यमान एवं क्रियाशील संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का यथासंभव सहयोग लिया जा रहा है और ग्राम समुदाय को योजना कार्यों से जोड़ने के लिए इन्ट्री-प्वाईंट कार्य (सामुदायिक लाभ के आवश्यकता आधारित छोटे-छोटे निर्माण कार्य, संरचना विकास कार्य) भी किए जा रहे हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा प्रकाशित वन स्थिति रिपोर्ट, 2013 के अनुसार झारखण्ड राज्य में वर्ष 2011 की तुलना में 496 वर्ग कि0 मी0 वनाच्छादन में वृृद्धि हुई है। इस वृृद्धि का मुख्य कारण झारखण्ड में वनरोपण है।
185.    अध्यक्ष महोदय, झारखण्ड राज्य में 12वीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य एवं उद्धेश्य की प्राप्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 में State Plan से प्राप्त बजट से सम्पूर्ण राज्य में 3008 हेक्टेयर वन भूमि एवं गैर-वनभूमि पर कुल चौवन लाख अðावन हजार दो सौ छब्बीस (5458226) पौधों का रोपण तथा  बाँस गैबियन में एक लाख पैंतीस हजार छ‘ सौ पचपन (135655) पौधों का रोपण इस वर्ष किया जा रहा है तथा चौदह हजार तीन सौ सैंतीस (14337) हेक्टेयर क्षेत्रफल में पिछले वर्षों में लगाये गये पौधों का सम्पोषण कार्य किया जा रहा है। ‘‘कैम्पा योजना‘‘ के तहत आठ हजार आठ सौ सड़सठ दशमलव तीन आठ  (8867.38) हेक्टेयर में कुल एक करोड़ चौवासीस  लाख तीन हजार पॉच सौ आठ (14403508) पौधों का वृक्षारोपण तथा चालीस लाख (40,000) गैबियन में वृृक्षारोपण कार्य किया जा रहा है तथा पन्द्रह हजार तीन सौ बतीस दशमलव पाँच तीन (15332.53) हे0 क्षेत्रफल में पिछले वर्ष लगाये गये पौधों का सम्पोषण कार्य किया जा रहा है।
186.    अध्यक्ष महोदय, ग्रामीणों की आय में बढ़ोतरी हेतु ‘‘लघु वन पदार्थों का उन्नयन‘‘ योजना के अन्तर्गत लाह एवं तसर के उत्पादन हेतु पोषक वृक्षों का वनरोपण तथा लाह एवं तसर की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कृषकों को तीन हजार एक सौ पचीस (3125) संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से लाह पोषक वृक्षों की कटाई-छँटाई, बीहन, टूल-किट््स, कौशल विकास पर व्यय के रुप में आर्थिक सहायता दी जा रही है, जिससे इकतीस हजार दो सौ पचास (31,250) परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। वर्ष 2014-15 में चालू कार्य - योजनाओं के अन्तर्गत उपरोक्त कार्यों के संपादन के साथ-साथ कुल एक हजार सात सौ अड़तीस दशमलव चार दो (1738.42) हेक्टेयर वनभूमि में लाह एवं तसर पोषक वृक्षों का रोपण किया जा रहा है।
187.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2013-14 में राँची स्थित पुराने केंद्रीय कारागृृह परिसर में भगवान बिरसा मुण्डा स्मृृति पार्क के निर्माण कार्य का शुभारांभ रूपये तीन दशमलव पाँच दो करोड़  (रूपये 3.52 करोड) से  किया गया है। इस पार्क को 3 वर्षों में पूर्ण करने की योजना है। इसकी अनुमानित लागत लगभग 52.00 करोड रुपये है। इसके अतिरिक्त 2014-15 में ऑक्सीजन पार्क, राँची का निर्माण 45.00 लाख रुपये से शुरु किया गया है।
188.    अध्यक्ष महोदय, अध्यक्ष महोदय, राज्य की 30 प्रतिषत भूमि वन क्षेत्र से अच्छादित है, जिनमें काफी संख्या में राज्य के अनुसूचित जनजाति के परिवार निवास करते हैं । ऐसे परिवारों को लघु वन उपज, जिसमें केंदु पत्ता सम्मिलित है, को संग्रहित कर बेचने की अनुमति प्रदान की जाएगी एवं इनके विकास के लिए विकास योजनाएं आरंभ की जाएगी ।
189.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के वनों एवं संरक्षित क्षेत्रों यथा राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यप्राणी आश्रयणियों में अवस्थित प्राकृतिक सौन्दर्य स्थलों के मद्देनजर राज्य में इको-टूरिज्म की अपार सम्भावनाएँ है। इको -टूरिज्म को बढावा देने हेतु चयनित स्थलों पर आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कार्य किया जाना आवष्यक है। इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने से राज्य में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रुप से स्थानीय निवासियों के लिये रोजगार के अवसर सृजित होगें, साथ ही साथ राज्य सरकार को आर्थिक विकास के लिए संसाधन राजस्व के रुप में प्राप्त होंगे।
190.    अध्यक्ष महोदय, इको-टूरिज्म के लिए मूलभूत संरचनाएँ यथाय सड़क, बिजली तथा पानी की व्यवस्था, पर्यटकों के ठहरने हेतु विश्रामागार, टेन्ट हाउस, ट्री हाउस एवं मनोरंजन हेतु साधन उपलब्ध कराये जाऐंगे एवं इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु वन पदाधिकारियो/कर्मचारियों एवं स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। क्षमता वर्द्धन (Capacity Building) अन्तर्गत स्थानीय गाँवों में इको -विकास समिति/ ग्राम विकास समिति का गठन कर स्थानीय युवाओं को इको -टूरिज्म विषय पर प्रशिक्षण देकर नेचर गाइड के रुप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
191.    अध्यक्ष महोदय, झारखण्ड सरकार के अधीन वन एवं पर्यावरण विभाग ही एक मात्र विभाग है जिसके अधीन राज्य का बड़ा भू-भाग वन भूमि के रुप में स्वामित्व प्राप्त है। राज्य के कुल क्षेत्रफल 79714 वर्ग कि0मी0 में से 23605 वर्ग कि0मी0 अर्थात् 29.61 क्षेत्र वनों से आच्छादित है। राज्य की बढ़ती जनसंख्या के फलस्वरुप वनों पर मानविक दबाव बढ़ता जा रहा है। प्राकृतिक सशाधनों का सतत् उपयोग ही समय की माँग है। अतः प्राकृतिक संशाधनों का बेहतर प्रबन्धन के लिये वन अभिलेखों एवं वन सीमाओं का डिजिटाईजेषन, जियोरेफरेंसिग करना अति आवष्यक है। राज्य में लगभग 11 लाख से अधिक वन सीमा स्तम्भ चिन्हित है, जिनकी मरम्मति / पुनर्निर्माण कराया जाएगा । इसके अलावा वन विभाग के पशसनिक एवं तकनीकी अभिलेखों को भी डिजिटलाईजशन कराया जाएगा ।
192.    अध्यक्ष महोदय, वन एवं पर्यावरण विभाग के अन्तर्गत राज्य में 01 राष्ट्रीय उद्यान, 01 गज परियोजना तथा 11 वन्यप्राणी आश्रयणी घोषित हैं, जिनमंे विभिन्न प्रकार के वन्यजीव वास करते हैं। अक्सर वनों से वन्यजीवों के अवैध शिकार के मामले प्रकाश में आते रहे हैं। ऐसी स्थिति में वन्य जीव अपराध के नियंत्रण हेतु खुफिया तंत्र के माध्यम से सूचना एकत्र करना, सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करना, वन्यप्राणी अपराध से सम्बन्धित आँकड़े ¼Data Base½ संकलित करना ताकि वन्यजीवों के अंगों के अवैध व्यापार रोकने में प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सके। इस क्रम में भविष्य में वन विभाग में एक ’’वन्यप्राणी अपराध नियंत्रण प्रकोष्ठ ’’ गठन करने का भी प्रस्ताव है। इस योजना अन्तर्गत वन विभाग के पदाधिकारियों/ कर्मचारियों को वन्यजीव अपराध से सम्बंधित मामलों की पहचान, अनुसंधान एवं अभियोजन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत जन समुदायों विशेषकर स्कूली विद्यार्थियो को वन्यजीव अपराध के सम्बंध में जागरुक किया जाएगा।
193.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में शहरी क्षेत्रों में अवस्थित पार्कों के प्रबंधन एवं विकास हेतु राज्य स्तरीय समिति ‘‘झार-पार्क्स’’ (JHARPARKS) का गठन किया जाएगा। इसका मुख्य उद्धेष्य राज्य में निर्मित विभिन्न पार्क एवं उद्यानों के बेहतर प्रबंधन हेतु सोसाईटी का गठन कर पार्काें/उद्यानों के विकास एवं प्रबंधन हेतु विभिन्नों श्रोतों यथाय भारत सरकार, राज्य सरकार, एवं अन्य संस्थानों से राशि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। जब तक पार्क एवं उद्यानों के विकास एवं प्रबन्धन हेतु झार-पार्क स्वावलंबी नहीं हो जाता है, तब तक इस कार्य हेतु राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में राशि उपलब्ध कराई जायेगी।
194.    अध्यक्ष महोदय, इस योजना के दो भाग हैं। पहला राज्य के संरक्षित क्षेत्र में ईको-विकास कार्याें को लागू किया जाना है। दूसरा, वन्य प्राणी एवं जैव विविधता के बारे में आम जनता विशेष कर स्कूली विद्यार्थियों को जागरुक करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। इको-विकास कार्यक्रम अन्तर्गत जन सहभागिता के आधार पर संरक्षित क्षेत्रों का विकास एवं प्रबंधन सुनिश्चित करना है। जन सहभागिता से स्थानीय ग्रामीणों का वन्यजीवों एवं वनों के प्रति लगाव बढे़गा एवं इससे संरक्षित क्षेत्रों के विकास एवं प्रबन्धन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा स्थानीय ग्रामीणों के लिए रोजगार भी सृजन होगा।
195.    अध्यक्ष महोदय, ग्रीन इण्डिया मिशन भारत सरकार का नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाईमेट चेंज के आठ मिशनों में से एक है। भारत सरकार के ग्रीन इण्डिया मिशन के उद्धेष्य की पूर्ति के लिये वित्तीय वर्ष 2015-16 में एक नई योजना प्रस्तावित है, जिसका कुल लागत का 75 प्रतिशत भारत सरकार तथा 25 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना हेतु कुल रूपये 500.00 लाख की राशि कर्णांकित है, जिसमें राज्यांश रूपये 125.00 लाख की राशि सम्मिलित है।
196.    वन प्रबंधन समितियों में महिलाओं की भागीदारी सरकार सुनिश्चित करेगी। सरकार का उद्धेश्य है कि अधिक से अधिक वन समितियों का संचालन महिलाओं द्वारा की जाएगी ।
197.    अध्यक्ष महोदय, राज्य सरकार लघु वन उत्पाद ग्राम सभा को सौंपने के लिए कटिबद्ध है । वर्तमान में केंदु पत्ता का संग्रहण वन विकास निगम के द्वारा किया जाता है राज्य सरकार के द्वारा नीतिगत निर्णय लिया जा रहा है कि लगभग 80 हजार परिवार जो प्राथमिक संग्रहक के रूप में कार्यरत हैं, उनके द्वारा सीधे केदु पत्ता का संग्रहण किया जाएगा और राशि उनके बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी । राज्य सरकार के द्वारा केंदु पत्ता के लिए समर्थन मूल्य भी निर्धारित किया जाएगा ।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में वन एवं पर्यावरण विभाग के लिए  रूपये दो सौ छियासी दशमलव दो तीन करोड़ (रूपये 286.23 करोड़) का योजना बजट प्रस्तावित है।

खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग---
198.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू किया जाएगा, जिससे राज्य के दो करोड़ चाैंसठ लाख तेतालीस हजार तीन सौ तीस (2,64,43,330) लोगों को लाभ होगा । इस योजना के अन्तर्गत नौ लाख सत्रह हजार नौ सौ (9,17,900) अन्त्योदय परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार प्रतिमाह तथा चालीस लाख नब्बे हजार चार सौ एक (40,90,401) पात्र गृहस्थों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य प्रतिमाह सस्ते दर पर खाद्यान्न उपलबध कराया जाएगा । जबतक यह योजना लागू नहीं हो जाती, तब तक मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजनान्तर्गत चौदह लाख छिहत्तर हजार एक सौ (14,76,100) बी0पी0एल0 परिवारों एवं अन्त्योदय योजना के नौ लाख सत्रह हजार नौ सौ (9,17,900) परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार प्रतिमाह एक रूपये (1.00 रूपये) प्रति किलोग्राम की अनुदानित दर पर खाद्यान्न (चावल) उपलब्ध कराया जाता रहेगा। इसके अतिरिक्त ग्यारह लाख पन्द्रह हजार आठ सौ तेंतीस (11,15,833) अतिरिक्त बी0पी0एल0 परिवारों को 15.5 किलोग्राम प्रति परिवार प्रतिमाह एक रूपये (1.00 रूपये) के अनुदानित दर से खाद्यान्न (चावल) उपलब्ध कराया जाएगा।
199.    अध्यक्ष महोदय, खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू हो जाने के बाद मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना, अतिरिक्त ग्रामीण बी0पी0एल0 योजना एवं ए0पी0एल0 योजना खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बनी नई योजना पात्र गृहस्थ योजना में समाहित  ;उमतहमद्ध हो जाएंगी।
200.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के 35 लाख गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को दो किलो प्रति परिवार चीनी की आपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। अनुदान राशि प्रति किलो 18.50 रूपये होगी।
201.    अध्यक्ष महोदय, अध्यक्ष महोदय, राज्य में मुख्यमंत्री दाल- भात योजना के 370 केन्द्रों से पूर्ववत् 5/-रूपये में गरीब व्यक्तियों के लिए दाल- भात - सब्जी उपलब्ध होता रहेगा ।
202.    अध्यक्ष महोदय, अध्यक्ष महोदय, ई -गर्वनेन्स के साथ जन वितरण प्रणाली की दुकानों को बायोमेट्रिक हैन्डहेल्ड डिवाईस के माध्यम से चलाये जाने की योजना है, ताकि अनुदानित खाद्यानों को सही लाभान्वितों तक ही पहूँचाया जा सके। अबतक इसे पूरे राँची जिले एवं धनबाद के गोविन्दपुर प्रखंड में लागू किया जा सका है।
203.    जन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए I.T. का अधिक से अधिक उपयोग होगा खाद्यान वितरण, आधार कार्ड पर आधारित किया जाएगा।
204.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष-2015-16 में खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग  के लिए 1219.92  करोड़ रू0 का योजना बजट प्रस्तावित है।

भवन निर्माण विभाग---
205.    अध्यक्ष महोदय, अध्यक्ष महोदय, सरकारी भवनों के निर्माण तथा अनुरक्षण के कार्यों का निरन्तर  निर्वहन करते हुए यह विभाग पूर्व से शुरू किये गये कतिपय कार्याें को जुलाई 2015 तक पूरा करने की स्थिति में है। इनमें ज्यूडिशियल एकेडमी भवन, राँची, झारखंड उच्च न्यायालय परिसर में ऐनक्सी भवन, समाहरणालय भवन, दुमका तथा झारखंड मंत्रालय, प्रोजेक्ट भवन में काँफ्रेंस हॉल के निर्माणादि के नाम लिये जा सकते हैं।
206.    विŸाीय वर्ष 2015-16 में जो निर्माण प्रस्तावित हैं, उनमें नई दिल्ली में नये झारखंड भवन का निर्माण, झारखंड उच्च न्यायालय के लिए नये भवन का निर्माण, लोकायुक्त भवन का निर्माण, डालटेनगंज एवं चाईबासा में नये समहरणालय भवनों का निर्माण इत्यादि समेत कतिपय अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों के भवन निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं।
207.    अध्यक्ष महोदय, प्रेस क्लब के निर्माण हेतु राज्य सरकार सहयोग करेगी।
अध्यक्ष महोदय, विŸाीय वर्ष 2015-16 के लिए योजना मद में कुल रूपये दो सौ पचास करोड़ (रूपये 250.00 करोड़) के योजना बजट का उपबंध किया गया है।

मानव संसाधन विकास विभाग---
208.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की साक्षरता दर 66.41 प्रतिषत है, जो राष्ट्रीय औसत दर 73.0 प्रतिषत से 6.59 प्रतिषत कम है । महिलाओं में साक्षरता दर मात्र 55.42 प्रतिशत है जिसे बेहतर करने की आवष्यकता है । उल्लेखनीय है कि राज्य में शिक्षा का विकास राज्य के भविष्य की दिशा निर्धारित करता है। स्कूली बच्चों को विभिन्न सुविधाएॅं प्रदान करने की योजना राज्य में पूर्व से ही संचालित है। परन्तु, विशेषकर बालिकाओं में Drop out दर अत्यधिक है। इसे नियंत्रित करने के लिए राज्य में आगामी वित्तीय वर्ष से मुख्यमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना प्रारंभ की जा रही है। अनुसूचित जाति/जनजाति की वैसी बालिकाएँ, जो कक्षा-5 राजकीय अथवा राज्य सम्पोषित विद्यालयों से वित्तीय वर्ष 2015-16 अथवा उसके बाद उत्तीर्ण होगी, को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत रू0 2000/-बालिका के नाम से Term Deposit के रूप में सरकारी बैंकों/पोस्ट ऑफीस में जमा कराया जायेगा। इस योजना में आगामी वित्तीय वर्ष में 75,000 अनुसूचित जनजाति एवं 45000 अनुसूचित जाति की बालिकाए लाभान्वित होगी और इस योजना के लिए वर्ष 2015-16 में रूपये 24.00 करोड़ का बजटीय उपबंध रखा गया है।
209.    बालिकाओं की शिक्षा के लिए राज्य के 260 प्रखण्डों में से 203 प्रखण्डों में कस्तूरबा गॉंधी बालिका विद्यालय स्थापित किया जा चुका है, परन्तु 57 अन्य प्रखण्डों में राज्य योजना मद से बालिका आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाने का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2015-16 के तहत किया गया है, ताकि 19950 क्तवच वनज बालिकाओं को गुणात्मक उच्च शिक्षा प्रदान की जा सके।
210.    कस्तूरबा विद्यालय की कक्षा आठ की लगभग दश हजार छात्राओं Computer Tablet दिया जाएगा।
211.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में सभी स्कूली बच्चों का,े जिन्हें पोषाक एवं पुस्तकों की आपूर्ति राज्य सरकार के द्वारा की जा रही है, को मुफ्त में जूते, मौजे उपलब्ध कराने की योजना भी राज्य सरकार आगामी वित्तीय वर्ष से प्रारंभ करेगी। इसमें 52.62 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे और प्रत्येक बच्चे को 180/-रू0 के जूते तथा 80/-रू0 के मौजे क्रय करने हेतु उनके एकाउन्ट में राशि स्थानान्तरित की जाएगी। इस योजना हेतु आगामी वित्तीय वर्ष में रूपये 136.82 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
212.    अध्यक्ष महोदय, मानव संसाधन विकास विभाग को यह विशेष निदेश दिया जा रहा है कि शिशु के शिक्षण संस्थान में नामांकन के समय माँ का नाम नामांकन फॉर्म में अंकित करना अनिवार्य होगा ।
213.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में उच्च शिक्षा को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के उद्देश्य से 5 विश्वविद्यालयों में विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना किए जाने का लक्ष्य आगामी वित्तीय वर्ष में रखा गया है। इन प्रशिक्षण केन्द्रों के द्वारा युवकों में राष्ट्र स्तरीय प्रतिभा परीक्षाओं / प्रतियोगिता परीक्षाओं के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि प्रतियोगिता परीक्षाओं में राज्य के बच्चे अधिक से अधिक संख्या में सफल हो सकंे।
रॉंची विश्वविद्यालय में 3.00 करोड़ रू0 की लागत से आगामी वित्तीय वर्ष में पुरातत्व विभाग की स्थापना किए जाने का लक्ष्य है।
214.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के प्रत्येक जिले में एक-एक आदर्श महिला महाविद्यालय की स्थापना की भी योजना है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 53 उच्च विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के 5-5 ट्रेड्स चलाने की योजना है।
215.    अध्यक्ष महोदय, शिक्षा के क्षेत्र में पठन-पाठन मुख्यतः गुणवŸाापूर्ण मानव संसाधन की उपलब्धता पर निर्भर करता है। राज्य में प्राथमिक शिक्षकांे की नियुक्ति की गई है तथा माध्यमिक शिक्षकों के अðारह हजार (18000) पदों पर नियुक्ति करने की योजना है।
विŸाीय वर्ष 2015-16 में मानव संसाधन विकास विभाग के लिए प्राथमिक शिक्षा प्रक्षेत्र में रूपये तीन हजार चार सौ उन्नीस दशमलव चार एक करोड़ (रूपये 3419.41 करोड़), माध्यमिक प्रक्षेत्र में रूपये पाँच सौ संतानबे दशमलव सात एक करोड़  (रूपये 597.71करोड़) तथा उच्च शिक्षा प्रक्षेत्र में रूपये एक सौ बयासी दशमलव आठ आठ करोड़ (रूपये 182.88 करोड़) यानि कुल रूपये चार हजार दो सौ करोड़ (रूपये 4200.00 करोड़) की राशि योजना बजट में प्रस्तावित है।

ग्रामीण विकास विभाग---
216.    अध्यक्ष महोदय, चालू विŸाीय वर्ष 2014-15 में मनरेगा की केन्द्र प्रायोजित योजना में उपलब्ध रूपये नौ सो सŸाासी दशमलव शून्य दो करोड़  (रूपये 987.02 करोड़)़ की उपलब्ध राशि के विरूद्ध रूपये आठ सौ सोलह दशमलव पॉच चार करोड़  (रूपये 816.54 करोड़) का व्यय कर 362 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है। इनमंे एक लाख तिहत्तर हजार चौवन (173054) योजनाएँ ली गईं हैं, जिसमें पैंतालीस हजार छः सौ तीस  (45630) योजनाएँ पूर्ण की गईं हैं।
217.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के सरकारी/गैर सरकारी बंजर भूमि/जंगल-झाड़ी भूमि में तसर/लाह के होस्ट प्लान्ट्स (Host Plants) लगाकर लाह एवं तसर के उत्पादन से ग्रामीणों को जोड़कर उन्हें रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वकांक्षी दीर्ध लक्षीय योजना स्वीकृत की गई है, जिसके आशातीत परिणाम आने वाले दिनों में प्राप्त होने की आशा है।
218.    अध्यक्ष महोदय, मनरेगा अभिसरण से बेहतर जल प्रबंधन एवं कृषि उत्पादकता में वृद्धि हेतु ’’अपना खेत, अपना काम’’ योजना लागू की गई है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण हेतु मनरेगा- NBA अभिसरण कर अभियान चलाया जा रहा है।
219.    अध्यक्ष महोदय, मनरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान के लिए बायोमेट्रिक-प्रणाली एवं डाकघरो के माध्यम से सभी जिलों में ई-एफ एम एस (E-FMS) एवं माईक्रो ए टी एम /बी सी मॉडल (Micro ATM/BC Model) लागू किया जा रहा है।
220.    अध्यक्ष महोदय, चालू विŸाीय वर्ष में उनचास हजार सात सौ एक (49701) इंदिरा आवास निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक पैंतालीस हजार पाँच सौ इकानबे (45591) आवास पूर्ण हो चुके हैं तथा शेष का कार्य प्रगति में है।
221.    अध्यक्ष महोदय, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की योजना में महिला स्वंय सहायता समूहों का गठन कर आजीविका के साधन उपलब्ध कराये जाते है। अब तक 15 जिलों के 32 प्रखण्डो में तेरह हजार नौ सौ पंचानबे (13995) स्वंय सहायता समूहो का गठन किया गया ह,ै जिनसे आच्छादित परिवारों की संख्या एक लाख तिहत्तर हजार उनतीस (1,73,029) है। इन स्वंय सहायता समूहों में चार हजार आठ सौ आठ (4808) को चक्रीय निधि भी दी गई है। तीन हजार एक सौ छियासठ (3166) स्वंय सहायता समूहों को सामुदायिक निदेश निधि दी गई है।
222.    अध्यक्ष महोदय, कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 23 संस्थाओं तथा एक हजार तेंतालीस (1043) स्वंय सहायता समूहों को बैंक से ऋण दिला कर बयालीस हजार इक्यासी (42081) ग्रामीण वी0पी0एल0 परिवारों के युवकों/युवतियों को प्रशिक्षित कर उनतीस हजार छः सौ अड़तालीस (29648) को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
223.    अध्यक्ष महोदय, रोशनी परियोजना से तेईस हजार एक सौ चौवालीस (23144) ग्रामीण युवाओं को राज्य के छः जिलों यथाय चतरा, गढ़वा, गुमला, लातेहार, पलामू एवं पश्चिमी सिंहभूम में प्रशिक्षित कर संगठित क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने हेतु कार्यक्रम संचालित किया गया है।
224.    अध्यक्ष महोदय, कृषि की श्री विधि तकनीक द्वारा तीन हजार तीन सौ उनसठ (3359) कृषकों को प्रशिक्षित किया गया है, जो इस विधि से धान की खेती कर रहे हैं।
225.    अध्यक्ष महोदय, लघु उघोगों को बढ़ावा देने के लिए लोगों को कुटुम्ब-श्री केरल की सहायता से प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो आने वाले दिनों में अपनी उद्यमिता का विकास कर ग्रामीण लधु उद्योगों के लिए सलाहकार के रूप में ग्राम समूहों को सेवा दे सकंेगे।
226.    अध्यक्ष महोदय, समेकित जल छाजन प्रबंधन कार्यक्रम के तहत राज्य के 24 जिलों के 117 कलस्टर में 927 माईक्रोवाटर शेड तैयार कर छः दशमलव दो शून्य (6.20) लाख हेक्टेयर भूमि पर जल छाजन का कार्य किया जा रहा है। इस योजना का क्रियान्वन ग्राम सभा के द्वारा चयनित जल छाजन समिति के स्वंय सहायता समूह के द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम से राज्य में कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
227.    अध्यक्ष महोदय, विधायक योजना से स्थानीय आवश्यकताओं पर आधारित योजनाएँ क्रियान्वित हो रही हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री विकास योजना से भी स्थानीय महत्व की योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अधीन 100 ग्रामों को आदर्श गाँव के रूप में विकसित करने हेतु चयन किया गया है।
228.    अध्यक्ष महोदय, ग्रामीण विकास सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में है। इसलिए उपरोक्त केन्द्र प्रायोजित एवं राज्य संपोषित योजनाओं के अतिरिक्त वर्ष 2015-16 में कई नई योजनाएँ यथाय स्वंय सहायता समूह ऋण परिदान योजना, कौशल विकास योजना, प्रखंड भवन निर्माण आदि ली जा रही हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वांगीण  विकास प्रभावी एवं तत्परता से हो सके।
229.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में इंदिरा आवास योजनान्तर्गत कुल रू0 720.00 करोड़ (सात अरब बीस करोड़) की राशि का व्यय प्रस्तावित है।
230.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजनान्तर्गत कुल रुपये 448.00 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है, जिसमें जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के अन्तर्गत स्थापना व्यय की राशि रुपये 48.00 करोड़ भी सम्मिलित है।
231.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य जल छाजन मिशन योजनान्तर्गत कुल रुपये 180.00 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है।
232.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के अनुसूचित जाति तथा जनजातिय बहुल गाँवों के सांस्कृतिक / आर्थिक/सामाजिक रूप से विकसित करने उद्धेश्य मुख्य मंत्री स्मार्ट ग्राम योजना प्रारंभ किया जा रहा है। एतदर्थ वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए रूपये 5 करोड़ मात्र का बजट प्रावधान किया जा रहा है।
विŸाीय वर्ष 2015-16 में ग्रामीण विकास विभाग के लिए रूपये तीन हजार एक सौ चौसठ करोड़ (रूपये 3164.00 करोड़) का योजना बजट प्रस्तावित है।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग---
233.    अध्यक्ष महोदय, नमामि गंगे के अन्तर्गत झारखण्ड राज्य में गंगा के तटबन्ध पर 32  पंचायत एवं 74 राजस्व गाँव अवस्थित हैं । 100 सामुदायिक शौचालय एवं सभी पंचायतों में सौलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेन्ट (Solid Liquid Waste Management) की योजना का क्रियान्वयन करने का प्रस्ताव है। साथ ही इन सभी ग्रामों/पंचायतों में पाईप जलापूर्ति योजना के भी क्रियान्वयन की योजना भी प्रस्तावित है । झारखण्ड राज्य मॉडल राज्य के रूप में सर्वप्रथम कार्य का शुभारम्भ करेगा ।
234.    वित्तीय वर्ष 2015-16 में 3 लाख निजी शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा । स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य के आलोक में 2 अक्टूबर 2019 तक सभी आवासों के लिए व्यक्तिगत शौचालय निर्माण हेतू सरकार द्वारा एक कार्य योजना के तहत कार्य किया जाएगा।
235.    माननीय विधायकों से सहयोग प्राप्त कर विधायक निधि के 50 लाख रूपये शौचालय निर्माण के लिए उपयोग किए जाएगें।
236.    अध्यक्ष महोदय, सौर उर्जा संचालित पाईप जलापूर्ति योजना पाँच हजार  (5000) विद्यालयों में शुरू किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना का कार्यान्वयन मानव संसाधन विभाग के साथ आपसी समन्वय से किया जायेगा ।
237.    अध्यक्ष महोदय,  राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप वाटर सप्लाई अन्तर्गत लगभग बारह दशमलव पाँच शून्य (12.50) लाख आबादी एवं 2.5 लाख परिवार को राज्य एवं केन्द्रीय योजना NRDWP के सहयोग से सुनिश्चित किया जाना प्रस्तावित है ।
238.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की पाईप जलापूर्ति योजना जो वर्त्तमान में 14.70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को आच्छादित कर रही है । इसे 25 प्रतिशत के आच्छादन स्तर पर वर्ष 2015-16 में पहँुचाया जायेगा ।
239.    अध्यक्ष महोदय, पाईप जलापूर्ति योजना का ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक प्रभाव का अनुभव करने के लिए सामुदायिक तथा विभिन्न विभागों की भागीदारी सुनिश्चित करनी है। ऐसे क्षेत्र जहाँ पाईप जलापूर्ति योजना चालू है, उसके कमान्ड एरिया के सभी ग्रामीण घरों, विद्यालय, आँगनबाड़ी, अस्पताल, पंचायत भवन एवं सभी सरकारी एवं प्राइवेट प्रतिष्ठानों को पाईप जलापूर्ति योजना से आच्छादित करना है ।
240.    अध्यक्ष महोदय, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अन्तर्गत मात्र 25 पंचायत ओ0डी0एफ0 घोषित है। इसे बढ़ाकर लगभग 600 पंचायतों को  वर्ष 15-16 में ओ0डी0एफ0 घोषित किया जाना है ।
241.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के सभी प्रखण्ड मुख्यालय तथा प्रखण्ड मुख्यालय से संबंधित पंचायत के शत प्रतिशत क्षेत्र को पाईप वाटर सप्लाई तथा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अन्तर्गत पूर्णतः आच्छादित करने का कार्य प्रस्तावित है ।
242.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के ग्रामीण टोलों में अवस्थित पेयजल स्रोेतों के जल जाँच प्रयोगशाला के जाँच प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष 2014-15 के अनुसार 125 टोले आर्सेनिक एवं 699 टोले फ्लोराईड प्रभावित है।  इन टोलों में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु सतही जल से ग्रामीण जलापूर्ति योजना का प्रस्ताव है। वर्त्तमान में जल गुणवत्ता  प्रभावित टोलों हेतु साहेबगंज मेगा ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना, पालमू जिलान्तर्गत बारालोटा ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना, चुकरू ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना, पुरबडीहा ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना, विश्रामपुर ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना, गढ़वा जिलान्तर्गत प्रतापपुर ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना, धुरकी ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना, लातेहार जिलान्तर्गत मनिका ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना इत्यादि  के निर्माण कार्य चल रहे हैं। सम्प्रति इन योजनाओं के पूर्ण होने के पहले फ्लोराईड प्रभावित क्षेत्रों में इलेक्टोª डिफ्लोरिडेशन यूनीट ¼Electro-Defluoridation Unit) एवं आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में नीरी (NEERI) द्वारा जाँच किए गये  आर्सेनिक रिमूवल प्लांट टेक्नोलॉजी  (Arsenic Removal Plant  Technology) को लगाकर ग्रामीणों को प्रतिदिन 8 से 10 लीटर शुद्ध पेयजल पीने एवं भोजन बनाने हेतु उपलब्ध कराने का पस्ताव है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में EDF-200  एवं आर्सेनिक रिमूवल प्लांट-125 (Arsenic Removal Plant-125) जो कि सौर्य ऊर्जा से संचालित होगें, को भी लगाये जाने का लक्ष्य है ।
243.    अध्यक्ष महोदय, जल गुणवत्ता प्रभावित टोलों में RO System के द्वारा प्रत्येक ग्रामीणों को प्रतिदिन 8 से 10 लीटर शुद्ध पेयजल पीने एवं भोजन बनाने हेतु उपलब्ध करायी जानी है । इसके लिये प्रति लीटर 10 पैसे की दर से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है । यह राशि पंचायतों VWSC के द्वारा ही एकत्रित एवं संचित किया जायेगा । इस योजना का रख-रखाव पंचायत के द्वारा ही प्राप्त राशि से किया जा सकेगा । वित्तीय वर्ष 2015-16 में RO Purifier Plant-100 Unit  का भी लगाने की योजना है । इसके लिए VWSC तथा  PRI संस्थाओं की महती सहभागिता को सुनिश्चित किया जायेगा।
अध्यक्ष महोदय,  वित्तिय वर्ष 2015-16 में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए रूपये 1228 करोड़  का योजना बजट प्रस्तावित है।

जल संसाधन विभाग---
244.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल 29.74 लाख हेक्टेयर है और सिचाई योजनाओं द्वारा सृजित की जाले वाली अधिकतम् सिचाई क्षमता 24.59 लाख हेक्टेयर की है।
245.    अध्यक्ष महोदय, सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के अंतर्गत मुख्य नहर 127 कि0मी0 लम्बाई की है, जिसमें 113 कि0मी0 तक का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इससे उनतालिस हजार नौ सौ तेंतीस हेक्टेयर (39933 हे0) क्षेत्र में सिचाई सुविधा उपलब्ध हुई है। खरकई बराज  का कार्य प्रगति पर है। गालुडीह बराज से झारखण्ड की सीमा तक 2295 हेक्टेयर में सिचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
246.    अध्यक्ष महोदय, जल संसाधन के प्रक्षेत्र अंतर्गत    राज्य में अवस्थित निम्न वर्णित पुरानी योजनाओं की सिंचाई क्षमता में बढ़ोतरी करने एवं सृजित सिंचाई क्षमता के सम्पूर्ण उपयोग के  मध्ययम से 94654 हेक्टेयर भूमि सिंचित करने के लक्ष्य के लिए निम्नलिखित प्रमुख जलाशयों में कार्य आगामी वित्तीय वर्ष में प्रारंभ किए जाएंगेः-
247.    बुढ़ई जलाशय योजनाः-बुढई जलाशय योजना एक वृहद सिंचाई -सह- म्यूनिसपल जलापूर्त्ति योजना हैं जो पथरो नदी पर प्रस्तावित है। यह योजना संथाल परगना प्रमण्डल के देवघर जिला में अवस्थित है। इस योजना की आकलित लागत राशि रू॰ 794.23 करोड़ है। वर्ष 2015-16 में इस योजना में 1.00 करोड़ रू0 व्यय करने का प्रावधान रखा गया है।
248.    इस योजना की खरीफ सिंचाई क्षमता 14500 हेक्टेयर एवं रब्बी सिंचाई क्षमता 12690 हेक्टेयर है। नदी की दोनों तरफ प्रस्तावित नहर प्रणाली से देवघर, सारवां, सारठ, मधुपुर एवं कारों प्रखडों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
249.    अध्यक्ष महोदय, शुरू जलाषय योजनाः-शुरू जलाशय योजना पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावाँ जिलान्तर्गत खरसावाँ एवं कुचाई प्रखण्ड के हुड़ागदा एवं लखनडीह ग्रामों के समीप शुरू नदी पर अवस्थित है। इस योजना का डैम (बाँध) राजखरसावाँ रेलवे स्टेशन से 16 कि॰मी॰ एवं चाईबासा से लगभग 45 कि॰मी॰ पर अवस्थित है। इस योजना के निर्माण कार्य की लागत राशि रू॰ 65.00 करोड़ है। वर्ष 2015-16 में इस योजना में 4.00 करोड़ रू0 व्यय करने का प्रावधान रखा गया है। इस योजना के पूर्ण हो होने के उपरान्त 3400 हेक्टेयर में खरीफ सिंचाई एवं 1430 हेक्टेयर में रबी सिंचाई उपलब्ध करायी जा सकेगी। योजना का निर्माण कार्य ‘‘टर्न-की’’ पर आवंटित है। इसे अगले तीन वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य है।
250.    अध्यक्ष महोदय, डोमनीनाला सिंचाई योजनाः-डोमनीनाला सिंचाई योजना गढ़वा जिले के खरौंधी प्रखण्ड में डोमनीनाला पर प्रस्तावित है। इस योजना की आकलित लागत राशि रू॰ 40.41 करोड़ है। वर्ष 2015-16 में इस योजना में 4.00 करोड़ रू0 व्यय करने का प्रावधान रखा गया है।
251.    इससे गढ़वा जिलान्तर्गत खरौंधी प्रखण्ड के 2285.04 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मुहैया कराई जायगी। यह कार्य लगभग 2 (दो) वर्षों में पूर्ण किया जा सकेगा। वर्त्तमान में इस कार्य हेतु ‘‘टर्न-की’’ आधार पर कार्य आवंटित है एवं कार्य प्रगति पर है।
252.    अध्यक्ष महोदय, तिलैया सिंचाई योजनाः-तिलैया सिंचाई योजना का निर्माण झारखंड राज्य के कोडरमा जिलान्तर्गत जयनगर प्रखण्ड में किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना की नहर प्रणाली तिलैया जलाशय से निकलती है। इसकी खरीफ सिंचाई क्षमता 1590 हेक्टेयर एवं रबी सिंचाई क्षमता 1272 हेक्टेयर है। इसकी लागत राशि रू॰ 55.5966 करोड़ है। यह कार्य लगभग 3 (तीन) वर्षों में पूर्ण किया जा सकेगा। वर्ष 2015-16 में इस योजना में 1.00 करोड़ रू0 व्यय करने का प्रावधान रखा गया है। तिलैया सिंचाई योजना से कोडरमा जिलान्तर्गत जयनगर प्रखण्ड के 22 ग्राम तथा हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखण्ड के 4 ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा सकेगी।
253.    अध्यक्ष महोदय, राढू जलाशय योजनाः- राढू जलाशय योजना राँची जिलान्तर्गत सिल्ली प्रखण्ड के विरहोर टोली तथा खेरखेरा के बीच प्रस्तावित राढू नदी पर प्रस्तावित है, जिसमें जल विद्युत उत्पादन भी सम्मलित है। इस योजना की आकलित लागत राशि 866.52 करोड़ (वर्ष 2012) है। वर्ष 2015-16 में इस योजना में रूपये 0.40 करोड़ व्यय करने का प्रावधान रखा गया है। इस योजना से खरीफ सिंचाई 8900 हेक्टेयर एवं रबी सिंचाई 5200 हेक्टेयर पटवन दिया जाएगा।
254.    इसके अतिरिक्त केन्द्र सरकार के अनुदान से AIBP  अन्तर्गत वृहद्, मध्यम एवं लघु सिचाई की योजनाएँ क्रियान्वित की जाएंगी।
255.    पानी पंचायतों में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी रहेगी । सरकार का उद्धेश्य यह है कि अधिक से अधिक पानी पंचायतों के संचालन महिलाओं के माध्यम से हो। 
256.    अध्यक्ष महोदय, गंगा नदी के पानी को साहेबगंज से देवघर जिला में सिंचाई एवं पेयजल व्यवस्था के लिए वृहद परियोजना हेतु राज्य सरकार द्वारा feasibility study  करवायी जाएगी। इसी प्रकार सोन नदी के पानी  से पलामू एवं गढ़वा जिलों में सिचांई एवं पेयजल व्यवस्था के लिए भी वृहद परियोजना के लिए feasibility study करवायी जाएगी।
257.    अध्यक्ष महोदय, झारखण्ड राज्य की जलनीति का भी गठन शीघ्र किया जाना प्रस्तावित है तथा राज्य मे ंजल की उपलब्धता का सुनियोजित तरीके से अधिकतम् उपयोग के लिए राज्य सिचाई आयोग के गठन की कार्रवाई भी शीघ्र पूर्ण करने का प्रस्ताव है।
अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2015-16 में जल संसाधन विभाग के लिए रूपये दो हजार पाँच करोड़ (रूपये 2005.00 करोड) का योजना बजट प्रस्तावित है जिसमें लघु सिंचाई प्रक्षेत्र के लिए रूपये 534.09 करोड़ राशि सम्मिलित है।

पर्यटन विभाग---
258.    अध्यक्ष महोदय, अध्यक्ष महोदय, झारखंड राज्य एक प्रकृति प्रदŸा पर्यटन प्रधान राज्य है। आवश्यकता है कि अधिसूचित पर्यटन स्थलों में आधारभूत संरचनाओं को निर्मित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जाय। इसके अतिरिक्त नए पर्यटक स्थलों को चिन्हित कर, उन्हें विकसित कर राज्य में आर्थिक गतिविधियों के साथ साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा दिया जा सकता है।
259.    अध्यक्ष महोदय, अध्यक्ष महोदय, राज्य की प्राकृतिक परिदृश्य को देखते हुए राज्य में पर्यटन की असीम संभावनाएॅं है। इन संभावनाओं के दोहन के उददेश्य से पर्यटन विकास के क्षेत्र में आगामी वित्तीय वर्ष में कुछ नई योजनाएॅं संचालित करने का उददेश्य रखा गया हैः-
260.    अध्यक्ष महोदय, गुमला जिलान्तर्गत आंजन धाम का विकासः- गुमला जिलान्तर्गत आंजन ग्राम स्थित आंजन धाम हनुमानजी का जन्म स्थल माना जाता है। इस स्थल पर वर्ष भर सैंकड़ों तीर्थ यात्री जाते हैं। इस स्थल का धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पर्यटकीय महत्व को देखते हुए यहाँ आने वाले पर्यटकों/तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु पर्यटक सुविधा (Toilet, Water Supply), पर्यटक शेड, Reception Centre,धर्मशाला, पहुँच पथ आदि का निर्माण कराया जाएगा ।
261.    अध्यक्ष महोदय, मलूटी:- दुमका जिलान्तर्गत शिकारीपाड़ा प्रखण्ड स्थित मलूटी को मंदिरों का ग्राम के रूप में जाना जाता है। यहाँ मध्य  कालीन समय की टेराकोटा की बनी हुई अनेक (लगभग 80) मंदिर हैं, जिनका ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। एक ऐतिहासिक स्थल होने के कारण देश-विदेश से प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक पर्यटन के लिए जाते हैं। इस स्थल पर आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए मलूटी में एक रेस्टोरेंट, एक पार्क, Public Utility, Tourist Reception Centre, Water Supply तथा दुमका से मसानजोर डैम, मलूटी तथा तारापीठ (रामपुरहाट, पश्चिम बंगाल) यात्रा हेतु पाँच पर्यटक बसें चलाने की योजना है।
262.    तीन नया पर्यटक सूचना केन्द्र:- अहमदाबाद, जयपुर एवं मुम्बई में विŸाीय वर्ष 2015-16 में एक-एक पर्यटक सूचना केन्द्र खोलने की योजना है।  चूँकि झारखण्ड में पर्यटन की अपार सम्भावना है, जिसमें Eco-Tourism, Natural Tourism, Mining Tourism, Religious Tourism आदि शामिल है। अतः इन शहरों में पर्यटक सूचना केन्द्र खुलने से झारखण्ड में पर्यटन की सम्भावना के बारे में इन शहरों के निवासियों एवं इन शहरों में आने वाले यात्रियों को जानकारी प्राप्त हो सकेगी तथा परिणाम स्वरूप झारखण्ड आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
263.    अध्यक्ष महोदय, राँची में एक टूरिस्ट गाईड प्रषिक्षण केन्द्र खोलने की योजना है, जहाँ टूरिस्ट गाईड को ट्रेनिंग दी जायेगी।
264.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में खनन पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाता है। झारखण्ड जहाँ देश के सर्वाधिक खनिज सम्पदा केन्द्रीत है, उसमें खनन पर्यटन को बढ़ावा देने की क्षमता सबसे अधिक है। यह राज्य पर्यटकों को विभिन्न खनन प्रक्रियाओं के बारे में न केवल जानकारी देगा बल्कि इन स्थानों पर विभिन्न प्रकार के मनरंजक सुविधाओं को भी उपलब्ध करायेगा। अतः तांबा, कोयला के खान क्षेत्रों में खनन पर्यटन की विकास की योजना है। खनन पर्यटन को बढ़ावा देने से परित्यक्त खानों के आस-पास के निवासियों को रोजगार प्रदान किया जा सकता है।  
265.    अध्यक्ष महोदय, उलिहातु तथा डोम्बारीबुड़ू पहाड़ खूँटी जिलान्तर्गत अवस्थित धरती आबा से संबंधित इन स्थलों एवं राँची जिलान्तर्गत सुतियांबे के ऐतिहासिक महत्व के देखते हुए Public Utility, Tourist Shed, Platform,धर्मशाला आदि का निर्माण करने की योजना है।
266.    अध्यक्ष महोदय, राज्य के विभिन्न पर्यटक स्थलांे को विकसित करने का कार्य निरंतर जारी है।
267.    अध्यक्ष महोदय, पर्यटक स्थलो में पर्यटक सुविधा केन्द्रों की स्थापना की जा रही है। देवधर में जहाँ साउण्ड ऐण्ड लाईट शो ¼Sound and Light Show) अधिष्ठापित किया जा चुका है, वही काँके डैम में इसका अधिष्ठापन आरंभ हो चुका है।
268.    अध्यक्ष महोदय, केन्द्र सरकार के सहयोग से राँची के ब्राम्बे में होटल प्रबंधन संस्थान का निर्माण कार्य प्रगति में है।
269.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में देशी एवं विदेशी पर्यटक की संख्या वर्ष 2014 में क्रमशः तीन करोड़ चौंतीस लाख सत्ताईस हजार एक सौ चौवालीस (33427144) तथा एक लाख चौवन हजार सात सौ इकतीस (154731) रही, जो इसका परिचायक है कि पर्यटक स्थलों में विकास हो रहे हैं और यह क्षेत्र उŸारोŸार प्रगति कर सकेगा।
विŸाीय वर्ष 2015-16 में पर्यटन विभाग के लिए रूपये एक सौ करोड़ (रूपये 100.00 करोड़) का योजना  बजट प्रस्तावित  है।

वाणिज्य-कर विभाग---
270.    अध्यक्ष महोदय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम  औद्योगिक इकाईयाँ (Micro, Small and Medium Enterprises)जो कि आयरन एवं स्टील पर आधारित हैं, इन्हे बढ़ावा देने एवं प्रतिस्पर्द्धी बनाने के दृष्टिकोण से पिग ऑयरन, स्टील स्क्रेप, ऑयरन ओर, पेलेट एवं फेरो एलॉयड के कच्चे माल, जो उपरोक्त उद्योगो में उपयोग किये जाते हैं, इन पर से भैट  के वर्तमान दर 5ः को घटाकर 2.5ः किये जाने का प्रस्ताव है।
271.    अध्यक्ष महोदय, धर्मशाला एवं सामूहिक भवन को जनहित में होटल विलासिता कर से मुक्त  जाने का प्रस्ताव है
272.    अध्यक्ष महोदय, प्लाईवुड, ब्लॉकबोर्ड, फ्लशडोर एंव लैमिनेट्स पर प्रचलित कर दर 14:   को घटाकर 5ः किये जाने का प्रस्ताव है।
273.    महिलओं को अचल संम्पति के निबंधन में रियायत प्रस्तावित है। अधिक से अधिक सम्पति महिलाओं के नाम हो इसके लिए अचल सम्पति / भूमि के निबंधन शुल्क में तथा स्टेम्प राशि में 10 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
अध्यक्ष महोदय, चेक पोस्ट के निर्माण के लिए रूपये 10.37 करोड़ तथा बिजनेस इंटेलिजेन्स यूनिट की स्थापना के लिए रूपये 4.00 करोड़ के प्रावधान समेत कुल रूपये 15.00 करोड़ की राशि राज्य योजना मद में इस विभाग के लिए प्रावधानित की जा रही है।


उत्पाद एवं मद्य निषेघ विभाग---
274.    अध्यक्ष महोदय, यह विभाग मुख्यतः मादक द्रव्यों के विनियमन से संबंधित है जो उत्पाद शुल्क एवं अनुज्ञाशुल्क के रूप में राजस्व संग्रहित करता है। विŸाीय वर्ष 2014-15 में रूपये  850 करोड़ के राजस्व लक्ष्य के विरूद्ध जनवरी 2015 तक रूपये 557.66 करोड़ की वसूली की गई है।
अध्यक्ष महोदय, आधारभूत सुविधाओं निर्माण हेतु  वर्ष 2015-16 में उत्पाद एवं मद्य निषेघ विभाग के लिए रूपये 10.00 करोड़ का योजना बजट प्रस्तावित है।


परिवहन विभाग---
275.    अध्यक्ष महोदय, परिवहन विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 में रूपये 600 करोड़ के राजस्व संग्रहण के लक्ष्य के विरूद्ध जनवरी-2015 तक रूपये 510.71 करोड़ की वसूली कर ली ह,ै जो निर्धारित लक्ष्य का 85.12 प्रतिशत है।
276.    अध्यक्ष महोदय, परिवहन विभाग के द्वारा राज्य में योजना मद से मुख्यतः चालू रेल परियोजनाओं यथाय रांची-लोहरदगा-टोरी तक विस्तारित, दुमका- रामपुरहाट, देवघर-दुमका, गिरिडीह- कोडरमा, कोडरमा- तिलैया और कोडरमा- रांची का कार्य भारत सरकार के रेल मंत्रालय के बीच  डव्न् के अनुसार कराया जा रहा है। इसमें राज्य सरकार की देनदारी रूपये एक हजार दो करोड़ (रूपये 1002.00 करोड़ ) की होगी ।
277.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष 2011-12 में एक नई रेल परियोजना गोड्डा- हंसडीहा रेल लिंक योजना ली गयी ह,ै जो रेलवे मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य सरकार के बीच फिफ्टी-फिफ्टी  (50ः50) की योजना है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य सरकार के अंशदान के लिए राशि का प्रावधान प्रस्तावित है।
278.    अध्यक्ष महोदय, राज्य सरकार ने पूर्व से लंबित चली आ रही रेल परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिए केन्द्र सरकार से सहयोग प्राप्त कर ैच्ट स्थापित किए जाने का निर्णय लिया है, ताकि निर्धारित समय-सीमा के भीतर चिरलंबित इन रेल परियोजनाओं को संपन्न किया जा सके । रेलवे के साथ राज्य सरकार के एकरारनामा की अवधि विस्तारित की जा चुकी है । इस वर्ष 200 किमी रेलवे ट्रैक पूरी की जाएगी जिसके फलस्वरूप राज्य के कई जिले रेल मार्ग से जुड़ जाएंगे और अन्य राज्यों से संपर्क स्थापित हो जाएगा ।
279.    अध्यक्ष महोदय, परिवहन विभाग के द्वारा स्मार्ट कार्ड की एक नई योजना चालक अनुज्ञप्ति प्रमाण पत्र, वाहन निबंधन प्रमाण पत्र तथा परमिटों के लिए लागू करने का प्रस्ताव है।
280.    अध्यक्ष महोदय, महिलाओं के लिए ड्राईविंग लाईसेन्स निःशुल्क निर्गत किये जाएगें।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में परिवहन विभाग के लिए रूपये एक सौ करोड़ (रूपये 100.00 करोड़) का योजना बजट प्रस्तावित है।

कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवाकार्य विभाग
281.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं विकसित करने के साथ ही राज्य के युवा वर्ग की ऊर्जा को क्रीणोन्मुख करने, उनमें सामाजिक, सांस्कृतिक एवं बौद्धिक चेतना को जागृत करने के अलावा प्रान्तीय कला-विधा को संरक्षित करने का भी दायित्व यह विभाग वहन करता है।
282.    अध्यक्ष महोदय, राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय तीरंदाजी, हॉकी, फूटबाल तथा क्रीकेट इत्यादि की प्रतियोगिताओं में इस राज्य के युवा न केवल राज्य का प्रतिनिधित्व करते है, बल्कि प्रायः अपनी टीम का नेतृत्व भी करते रहे हैं। राज्य की खेल प्रतिभाओं को और विकसित करने तथा उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रषिक्षण प्रदान करने के उद़देष्य से राज्य में खेल विष्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी जिसे लोक निजी भागीदारी पर स्थापित किया जाएगा । यह विष्वविद्यालय अपनी प्रकृति का देष का पहला खेल विष्वविद्यालय होगा । हमें पूरा विष्वास है कि इस खेल विष्वविद्यालय से आने वाले समय में राज्य को कई धौनी, दीपिका, रतन तिर्की जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकलेंगे जो राज्य का ही नहीं अपितु देष को गौरवान्वित करेगंे ।
283.    प्रखंड स्तर भी खेलकूद के लिए आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने हेतु 65 स्टेडियम का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
284.    राज्य के कलाकारों को प्रोत्साहित करने तथा राज्य में सांस्कृतिक वातावरण के निर्माण के उद्धेश्य से प्रत्येक शनिवार को ’सनिपरब’ के नाम से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रदर्शनी का आयोजन डाँ0 राम दयाल मुण्डा कला भवन, होटवार (खेलगाँव) में प्रारम्भ किया गया है।
285.    राज्य के विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को निर्वाध रूप से संचालन के लिए एक ’कॉरपस फण्ड’ का गठन किय गया है।
286.    अध्यक्ष महोदय, राज्य तथा केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के लिए कुल 80.00 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान इस बजट में किया जा रहा है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
287.    अध्यक्ष महोदय, झारखण्ड राज्य में केन्द्र प्रायोजित राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (National  Land Records Modernization Programme)वर्ष 2010-11 से ही चल रहा है। इसके अन्तर्गत राज्य के 24 जिलों में कम्प्यूटराईजेशन ऑफ लैंड रिकॉडस, डेटा इन्ट्री डिजिटाईजेशन ऑफ मैप सर्वे/ रि-सर्वे मॉडर्न  रिकार्ड रूम ¼Computerization of Land Records, Data Entry Digitisation of Map Survey / Re-Survey  Modern Record Room)आदि का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य के सभी अंचलों में ऑन-लाईन म्यूटेशन का कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।
288.    अध्यक्ष महोदय, राज्य में भू-अभिलेख निर्माण एवं संधारण, सैरात के हाट, बाजार मेला तालाब आदि की योजनाएँ चल रही हैं।
289.    अध्यक्ष महोदय, राज्य की आदिवासी भूमि से सम्बंधित  मामलों में अब उपायुक्त के द्वारा चयनित वकीलों की सरकारी सहायता उपलब्ध है। तात्पर्य यह कि आदिवासी हितों की रक्षा के लिए भूमि के विधिक मामले में अंतिम न्यायालय तक पैरवी के लिए राज्य सरकार ही सारा व्यय भार वहन करेगी।
290.    अध्यक्ष महोदय, वित्तीय वर्ष-2015-16 में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लिए रूपये 112.32 करोड़ का योजना बजट प्रस्तावित है।
291.    अध्यक्ष महोदय, मुझे सदन को बताते हुए अति प्रसन्नता हो रही है कि विकास योजनाओं पर व्यय की लगातार वृद्धि के बावजूद राज्य का सकल वित्तीय घाटा FRBM Act. (राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध अधिनियम)’’ में निर्धारित सीमा के अन्दर रहा है तथा आगामी वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट के अनुमानित व्यय भी अधिनियम के निर्धारित सीमा के अन्दर रहेगें।
292.    अध्यक्ष महोदय, इन शब्दों के साथ मैं गैर-योजना मद में रूपये तेइस हजार तीन सौ छप्पन दशमलव एक एक करोड़ (रूपये 23,356.11 करोड़) तथा योजना मद में रूपये बत्तीस हजार एक सौ छत्तीस दशमलव आठ चार करोड़ (रूपये 32136.84 करोड)़, यानि कुल रूपये  पचपन हजार चार सौ बानवे दशमलव नौ पाँच करोड़ (रूपये 55492.95 करोड़) का बजट सदन को समर्पित करता हूँ।
जय झारखण्ड !
 जय भारत !!